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जुलाई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

वफादार मुसलमान भाइयों बेवकूफीपन छोडो

  *(1)--हे मुस्लिम कौम के वफादार नस्लों भाजपा कि बनायी हुई "रामवादी-मनुवादी" ((पिच)) पर खेलने से बचो और भीमवादी-हसरत मोहानीवादी बनकर बहुजन हसरत पार्टी BHP द्वारा लिखे गये चंद अल्फाज को देशहित-जनहित व कौमहित मे खुदा के वास्ते सब्र करते हुऐ हौसला बनाते हुए जरूर मानो* *(2)--हे मुसलमान भाईयों समझदारी से काम लो और  जनसंख्या नियंत्रण बिल के मुद्दे पर खामोश रहो इकदम मजे से खामोशी एख्तियार करो इन्शा-अल्लाह बातिल का सिर और बातिल कि चाल अपने-आप हम सभी लोगो के सामने सिर झुकाती नजर आयेगी* *( 3)--काँग्रेसी EVM देवता यंत्र के सरकार वाले मोदी-योगी-RSS और BJP वाले चाहते हैँ कि मुसलमान दो बच्चे वाले कानून का जमकर लड़कर आन्दोलन करके इस जनसँख्या कानून का विरोध करें और वह SC ST OBC बहुसख्यक वर्ग मेँ य़े संदेश दे सकें कि देखिये गद्दार मुसलमानो को इस कानून से कितनी तकलीफ हो रही है*  *(4)--हे देश के सभी वफादार मुसलमान भाईयो ये RSS-BJP वाले लोग का मास्टर-माइंड वाला घटिया प्लान यह है कि यह काँग्रेस कि पैदा कि हुई B टीम BJP आसानी से "हिन्दू-मुस्लिम" करके 2022 का चुनाव फिर काँग्रेसी EVM देवता य

अलेक्जेंडर द ग्रेट और हजरत उमर में कौन है सिकंदरे आजम

  हमने बचपन में पढ़ा था मकदूनिया का अलेक्जेंडर 20 साल की उम्र में बादशाह बना था, और 23 साल की उम्र में मकदूनिया से निकला, उसने सबसे पहले यूनान फ़तेह किया, उसके बाद वह तुर्की में दाखिल हुआ, फिर ईरान के दारा को शिकस्त दी, फिर वह शाम पहुंचा, फिर उसने यरुशलम और बाबुल का रुख़ किया, फिर वह मिस्र पहुंचा और उसके बाद भारत आया, भारत में उसने पोरस से जंग लड़ी, अपने प्यारे घोड़े की याद में फालिया शहर आबाद किया, मकरान से होता हुआ वापसी का सफ़र आरम्भ किया, रास्ते में टाइफ़ाइड हो गया और 323 ईसा मसीह पूर्व 33 साल की उम्र में बख्त नस्र के महल में उसका देहान्त हो गया...। दुनिया को आज तक यही बताया गया है कि वह मानव इतिहास का सबसे महान योद्धा, विजेता और बादशाह था, और इतिहास ने उसके कारनामों की वजह से उसे अलेक्जेंडर दी ग्रेट का नाम दे दिया, और हमने उसे सिकन्दरे आज़म यानी बादशाहों का बादशाह बना दिया...। लेकिन आज इक्कीसवीं शताब्दी के इतिहासकारों के सामने मैं यह सवाल रखता हूँ “ कि बताओ क्या हज़रत उमर बिन खत्ताब रज़िअल्लाहु तआला अन्हु के होते हुए अलेक्ज़ेन्डर को सिकन्दरे आज़म कहलाने का हक़ हासिल है...?" मैं दुनिया

2017 चुनाव से पहले लखनऊ में सैफुल्लाह का एनकाउंटर किया अब 2022 चुनाव से पहले लखनऊ में दो लोगों को अलकायदा के नाम पर गिरफ्तार किया गया है |

  2017 2017  चुनाव से पहले लखनऊ में सैफुल्लाह का एनकाउंटर किया अब 2022 चुनाव से पहले लखनऊ में दो लोगों को अलकायदा के नाम पर गिरफ्तार किया गया है | आपको याद होगा सैफुल्लाह तथाकथित एनकाउंटर मामले में एटीएस अधिकारी असीम अरुण ने सैफुल्लाह को आईएसआईएस का बताया था बरामदी के नाम पर सोशल मीडिया पर आईएस का झंडा और अल्लाह के साथ फोटो वायरल किया गया था जबकि उसी शाम को ही एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दलजीत चौधरी ने कहा था कि सैफुल्लाह का आई एस से कोई संबंध नहीं था आईजी लोक शिकायत विजय सिंह मीना ने असीम अरुण के उलट बयान दिया था | बाद में जब पूछा गया कि सैफुल्लाह के पास कोई हथियार नहीं थे फिर एनकाउंटर क्यों किया ? जवाब में असीम अरुण को कहना पड़ा कि कहीं न कहीं पुलिस से भारी चूक हुई है |सवाल यह है कि चुनावी माहौल बनाने के लिए मुस्लिमों को ही क्यों टारगेट किया जाता है ? पाकिस्तान को खूफिया जानकारी देने और आतंकियों के साथ सांठ गांठ के इल्ज़ाम में सिक्ख समुदाय के देवेंद्र सिंह (डीएसपी जम्मू कश्मीर पुलिस) रंगे हाथों पकड़ा गया था  हाल ही में 6 जुलाई को पाकिस्तान को 900 सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स देने के इल्ज़ाम में पंजाब