*सेवा में:---* *1..आदरणीय महामहिम राष्ट्रपति महोदया साहिबा जी, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली-110004* *2..माननीय केन्द्रीय चुनाव/निर्वाचन आयोग, निर्वाचन सदन, अशोक रोड, नई दिल्ली-110001* *नोट-/-विषय:--नीचे दिये गये सभी 7-विषय है जो बिन्दु-वार करके लिखा-पढ़ी मे लिखे गये है सभी विषय वाले बिन्दुओं को देशहित-जनहित मे लीगल तौर पर एक ही माना जाय तथा लोकसभा चुनाव का बिगुल जो बज गया है एक अद्भुत पर्व-त्योहार के रूप में बहुजन हसरत पार्टी BHP भी सभी दलों के साथ 2024 के चुनाव को सम्मान-पूर्वक न्यायोचित ढंग से मानती है तथा बहुजन हसरत पार्टी BHP 1-4-2024 को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने कि बधाई NDA-BJP को चुनाव के पहले अभी से दे रही है तथा बहुजन हसरत पार्टी BHP कि मान्यता अब तो रद्द कर दीजिऐ तथा रद्द करने के बाद तीसरी बार NDA-BJP कि सरकार बनने के बाद बहुजन हसरत पार्टी BHP कि माँग-अपील-निवेदन जो 28/5/19 से लेकर 10/2/2024 तक हुई थी और आज फिर 1-4-2024 को वही माँग-अपील-निवेदन देशहित-जनहित मे सभी 7-विषय मे बिन्दु-वार करके जो हो रही है तीसरी-बार प्रधानमंत्री बनने के बाद बहुजन हसरत पार्टी कि माँग-
मैं श्रीनगर से के सबसे बड़े आर्मी कैंप के पास रहती थी। हर सुबह जब भी घर से स्कूल के निकलती तो मुझे मिलने वाला पहला इंसान कोई फौजी होता। फौजी जो कि मेरे सिर पर हाथ फेरकर सवाल करता, 'गुड़िया, स्कूल जा रही है क्या?' हर सुबह का रूटीन यही था। लेकिन बचपन का वक्त बीतने के साथ यह सोच भी बदली। घाटी की कहानियों के बीच 'गुड़िया' शब्द के संबोधन भी अपने मायने बदल चुके थे। डर और कश्मीर के मुश्किल हालातों में मैं अपनी मां को खुद के साथ स्कूल की बस तक चलने को कहती और ये हिदायत भी देती कि वापसी के वक्त वह मुझे यहां लेने जरूर आ जाए।' एक कश्मीरी लड़की के तौर पर अपने बचपन को बयां करते वक्त इरफाह बट ने कुछ ऐसे वाकयों का जिक्र करना शुरू किया। मुंबई में हुई बातचीत के बीच इरफाह ने उस 'वक्त' के बारे में बताते हुए कहा 'कश्मीर के श्रीनगर की मिलिट्री कैन्टोन्मेंट के बाहर सेना का एक बंकर था, जिसमें एक बड़ा सा शीशा लगा होता था। इस शीशे में सेना के जवान उनके पीछे से आ रहे किसी शख्स को एकदम साफ तरीके से देख सकते थे। बात करते हुए थोड़ी सी असहज होते इरफाह कहती हैं कि जब भी वह स्कूल की