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दिसंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

1947 के बाद 2020 तक सभी सरकार ने "कलाकार जाति पेशेवर जाति" को ठगा गया है---

 *🟢 1947 के बाद 2020 तक सभी सरकार ने "कलाकार जाति पेशेवर जाति" को ठगा गया है------------------"बेताब समाचार एक्सप्रेस" व "बहुजन हसरत पार्टी" कि तरफ से "खुदा-रब-मौला" से "देशहित-जनहित-कौमहित" मे यही दुआ है कि "2021" वाला नया साल ढेर से खुशियाँ लेकर आवे तथा "कलाकार जाति पेशेवर जाति" वाले लोगो को SC ST भाईयो कि तरह "सेवा और खिदमत" के नाम "राजनैतिक आरक्षण" भी दे जावे* *🙏ऐलान🌹:---"कोरोना युग" के साथ-साथ काँग्रेस के "EVM देवता युग" का भी "अंत-अंत-अंत" हो 2021-नये साल पर बहुजन हसरत पार्टी BHP भीमवादी बनकर सभी देशवासी को बधाई देती है तथा "देशहित-जनहित" मे "खुदा-रब-मौला" से यही दुआ करती है कि 2021 देश मे इतनी खुशी लेकर आवे कि सदियों तक भारत देश के "कलाकार जाति पेशेवर जाति" लोग खुशहाल रहे आबाद रहे* *🔵1..देश मे काँग्रेस-BJP के खिलाफ लगभग 2300 पार्टियों ने अपना-अपना मुद्दा लेकर मोर्चा खोला है इसके बाद आज देश मे अनगिनत नये-नये अखबार न्यूज चैनल आदि

"दे दे प्यार दे!"

  दे दे प्यार दे !"                         अब इस वक्त जब कि दिन के ग्यारह बज रहे हैं , मै पूरी निर्भीकता से रजाई ओढ़ कर लेटा हूं ! बगल वाले घर की बाल्कनी से अंदर चल रही टीवी की आवाज़ सुनाई पड़ रही है ,  - दे दे प्यार दे प्यार दे प्यार दे दे ! मुझे प्यार दे- !! ऐसा लगता है गोया आशिक अपना गिरवी माल छुड़ाने आया हो ! पहले इजहारे इश्क का भी एक सलीका हुआ करता था,  ' तेरे प्यार का आसरा चाहता हूं -'  कोरोना ने कैरेक्टर पर कितना घातक असर डाला है, प्रेमी रिक्वेस्ट करने की जगह राहजनी पर उतारू है,  ' दे दे प्यार दे ! प्यार दे प्यार दे दे - मुझे प्यार दे ' ! (जितना है सब निकाल दे !) इसे कहते हैं दिनदहाड़े इश्क की तहबाजारी ! प्यार और व्यापार के बीच की दूरी सिमट रही है !         टीवी बंद हो चुकी है, मगर आवाज़ अभी भी सुनाई पड़ रही है, - दे दे प्यार दे-! अब उस घर का युवा भविष्य इजहारे इश्क के लिए बाल्कनी में खड़ा है !  मै हैरान था , दुनियां कोरोना की वैक्सीन मांग रही है और वो प्यार की डिलीवरी का इंतज़ार कर रहा था ! लौंडे पर लैला मजनू का बसंत देख मैं सोचने लगा,  ' शादी से पहले

"भाग्य -सौभाग्य और दुर्भाग्य"

  भाग्य सौभाग्य और दुर्भाग्य"         अचानक आज मुझे तुलसीदास जी की एक अर्धाली याद आ गयी , ' सकल पदारथ है जग माहीं - करमहीन नर पावत नाही -' !  (मुझे लगता है, ये कोरोना काल में नौकरी गवां चुके उन लोगों के बारे में कहा गया है जो इस सतयुग में भी आत्मनिर्भर नहीं हो पाए !) ये जो  'सकल पदारथ' है ना , ये किसी भी युग में शरीफ़ और सर्वहारा वर्ग को नहीं मिला ! सकल पदारथ पर हर दौर में नेताओं का कब्ज़ा रहा है ! इस पर कोई और चोंच मारे , तो नेता की सहिष्णुता ऑउट ऑफ कंट्रोल हो जाती है ! अब देखिए ना, सैंतालीस साल से ऊपर तक कांग्रेसी ' सकल पदारथ ' की पंजीरी खाते रहे मगर मोदी जी को सात साल भी देने को राजी नहीं ! बस यहीं से भाग्य और दुर्भाग्य की एलओसी शुरु होती है ! हालात विपरीत हो तो दिनदहाड़े प्राणी रतौंधी का शिकार होकर दुर्भाग्य का गेट खोल लेता है - आ बैल मुझे मार !             बुजुर्गों ने कहा है, - ' भाग्य ' बड़ा बलवान ! हो सकता है , मैंने तो देखा नहीं ! हमनें तो हमेशा ' दुर्भाग्य ' को ही बलवान पाया है ! कमबख्त दादा की जवानी में घर में घुसा और पोते के बुढ़

अमेरिका ने दिया भारत को मैनिपुलेटर मुद्रा का तमगा

अमेरिका ने तीसरी बार भारत को इस सूची में रखा है. इसके पहले अक्टूबर 2018 तक भारत अमेरिका की ऐसी करेंसी निगरानी सूची में था, लेकिन मई 2019 में भारत इस श्रेणी से बाहर था । अमेरिका ने भारत के प्रति सख्त रुख दिखाते हुए इसे भी चीन, ताइवान जैसे दस देशों के साथ 'करेंसी मैनिपुलेटर्स' यानी मुद्रा में हेरफेर करने वाले देशों की 'निगरानी सूची' में डाल दिया है ।अमेरिका ने तीसरी बार भारत को इस सूची में रखा है. इसके पहले अक्टूबर 2018 तक भारत अमेरिका की ऐसी करेंसी निगरानी सूची में था, लेकिन मई 2019 में आयी नयी सूची में भारत को इस सूची से हटा दिया गया था।अमेरिका ऐसे देश को इस श्रेणी में रखता है, जो उसके मुताबिक करेंसी का अनुचित दस्तूर अपनाता है, डॉलर के मुकाबले अपनी करेंसी को जानबूझकर डीवैल्यूएट या नी अवमूल्यित करता है. कथित रूप से ऐसा देश मुद्रा में कृत्रिम हेरफेर कर अपने कारोबार के लिए अनुचित फायदा उठाता है।असल में यदि कोई देश अपनी मुद्रा का अवमूल्यन कर दे तो उसके देश के निर्यात की लागत कम हो जाती है, सस्ता होने से निर्यात की मात्रा बढ़ जाती है और किसी देश के साथ उसके व्यापारिक संतुलन

मुसलमानों के ल‍िए खतरनाक बना भारत

  मुसलमानों के ल‍िए खतरनाक बना भारत- अल्‍पसंख्‍यकों पर अंतरराष्‍ट्रीय र‍िपोर्ट में ट‍िप्‍पणी ऐप  पर पढ़ें रिपोर्ट में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा गया है कि कश्मीर का मामला बताता है कि औपचारिक लोकतांत्रिक ढांचे के भीतर नागरिकों के लिए स्पेस को पूरी तरह से कैसे मिटाया जा सकता है।साउथ एशिया स्टेट ऑफ माइनोरिटी रिपोर्ट 2020 के मुताबिक जब से भारत में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने नागरिकता कानून में संशोधन किया है तब से भारत “मुस्लिम अल्पसंख्यकों के लिए खतरनाक और हिंसक स्थान बन चुका है।” वार्षिक तौर पर जारी की जाने वाली इस रिपोर्ट में दक्षिण एशिया में रह रहे अल्पसंख्यक नागरिकों की अभिव्यक्ति और निजी स्वतंत्रता का आकलन किया जाता है। अफगानिस्तान,बांग्लादेश, भूटान,नेपाल,पाकिस्तान और श्रीलंका को शामिल करते हुए ये रिपोर्ट तैयार की गई है।रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां पूरी दुनिया में नागरिक अधिकारों को खतरा है वहीं भारत में कुछ एक सालों में हुए बदलाव खतरे की घंटी बजाते हैं। जो कि असामान्य गति से हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि “भारत मुसलमानों के लिए खतरनाक और हिंसक जगह हो गया है”। दिसंबर 2019 मे

"सोशल मीडिया के ' सदाचारी "!

  "सोशल मीडिया के ' सदाचारी "!                         अब क्या बताऊं मित्र ! सारी सारी रात मोहे नींद ना आए - जैसी सिचुएशन है । मेरे अनिद्रा रोग को लेकर आप भी भ्रम में हो सकते हैं ! न न न ! कैरेक्टर में इन्फेक्शन का मामला नहीं है ! अब इस उमर में ''मटुक नाथ ' होने का कौनो इरादा नहीं है भाई ! तो,,, काहे मुंह कोंहड़ा हो रहा है ! ऊ का है कि सोशल मीडिया पर रिश्तेदार बढ़ गए हैं ! ऐसे ऐसे आदर्श 'महामानव ' नज़र आ रहे हैं जिन्हें देखकर मेरा मनोबल एवरेस्ट से फिसल कर सीधे बंगाल की खाड़ी जा गिरा है ! माँ बाप की इतनी इज़्ज़त और सेवा करने वाले लोगों को अगर  'श्रवण कुमार' देख लें तो फ़ौरन हीनभावना के शिकार हो जाएं ! कितने चरित्रवान लोग फेस बुक पर 'नाईट वॉक' कर रहें हैं ! (मॉर्निग वॉक के समय ये बाप के जगाने पर भी नहीं उठते !)              मैं 2015 में फेस बुक के गुरुकुल में दाख़िल हुआ था ,तब तक ज्ञान और संस्कार दोनो में नाबालिग था ! ( वैसे उम्र पचास की हो गई थी !) फेसबुक पर आते ही ज्ञान और आदर्श के एक से एक डायनोसोर खलीफा  से मुलाकात होने लगी ! मुझे पता

देश संविधान से चलता है बहुमत से नही?

 *✍️🙏नोट:--देश संविधान से चलता है बहुमत से नही??मगर ये काँग्रेस का EVM देवता बहुमत कि सरकार बनाकर प्रतिदिन लोगो के "मौलिक-अधिकार" पर खूंनी-खंजर से कत्ले-आम करवा रहा है* *🔥1--बंगाल मे चुनावी बवाल नही है बल्कि सियासी धमाल है तथा हर जगह "कमल के फूल" का ही कमाल है देश का सबसे "अच्छा और सच्चा" ^न्यूज चैनल^ "बेताब समाचार एक्सप्रेस" है "^बेताब समाचार एक्सप्रेस^" जिन्दाबाद-जिन्दाबाद का नारा लगाते हुए यह "बहुजन हसरत पार्टी BHP" बंगाल कि हकीकत भीमवादी बनकर उजागर कर रही है*  *🔥2--गोदी-मीडिया ममता सरकार के खिलाफ ऐसे ही प्रचार-प्रसार कर रही है कि पूंछो मत ऐसा लगता है बंगाल मे चारो तरफ खूनी-जंग अपना बसेरा कर गयी है बहुजन हसरत पार्टी BHP को हँसी आती है "कोरोना साला" और काँग्रेस का ये "EVM देवता" कब कहाँ करवट बदलेगा इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल ही नही ना-मुमकीन है* *🔥3--बंगाल में अभी तक सिर्फ खाली सिर्फ पंडित पुजारी ही C.M बना है वह चाहे जिस पार्टी का हो उससे कुछ मतलब नही है दलित-मुस्लिम-पिछड़े वर्गो का C.M बनना अब और म

भूख के खिलाफ एक जंग ,एमसीआई का मिशन

 *अस्सलाम एलैकुम*  👏👏👏👏👏👏👏👏👏 Alhamdulillah we successfully completed one year on our mission सभी साथियों को दिली मुबारक देना चाहता हू , आज एक मिशन जो हमने शुरू किया था *(भूख के खिलाफ जंग fight against hunger), जिसकी शुरुआत कुछ लोगो ने एक कमरे में बैठ कर की थी। और अहद किया था कि अपने इलाक़े की वो मां - बहने जो बेवा है , तलाकशुदा है , या किसी और वजह से अपने और अपने बच्चो के लिए राशन और खाने का इंतजाम नहीं कर पाती है, उनके लिए कुछ ऐसा निजाम बनाया जाए जिससे उनकी मदद भी हो जाए और देने वालो को भी आसानी हो। इसके लिए हमारे सदर जनाब एडवोकेट रुखसार अहमद साहब ने एक प्लान बनाया कि अगर हर व्यक्ति रोजाना 3.33 रुपए प्रतिदिन डोनेट करे तो महीने के 100 रूप्ए हो जाएंगे । ऐसे अगर 15 मेंबर्स डोनेट करने वाले मिल जाते है तो हम एक फैमिली का एक महीने का राशन भर सकते है। नेक नियत से मिशन शुरू किया और धीरे - धीरे कारवां बढ़ता गया और आज अल्हम्दु लिल्लाह एक साल पूरा हो गया और वो चंद कुछ दोस्त आज एक तंजीम बन गए । इस मिशन के तहत हमने हजारों परिवारो  की मदद की और अभी "अल्हम्दु लिल्लाह" कर रहे है।औ

*...इस बात मे भी दम है और उस बात मे भी दम था मगर पढ़ने मे भी दम चाहिए 'बहुजन हसरत पार्टी BHP'*

 *...इस बात मे भी दम है और उस बात मे भी दम था मगर पढ़ने मे भी दम चाहिए 'बहुजन हसरत पार्टी BHP'* *1--इंसान कि अच्छाई और बुराई संगत करने के बाद ही पता चल पाती है वरना कोई अंतरयामी--(काल्पनिक शब्द) नही होता है BJP से गठबंधन करने के बाद तब BSP को पता चला कि दिल मे राम बगल मे छूरी वाली कहावत इसी BJP BJP BJP पर ही लागू करके बनायी गयी है**2--BSP BSP BSP कि बुराई करने वालो को सटीक जवाब या उदाहरण बहुजन हसरत पार्टी BHP देशहित-जनहित-शूद्रहित मे भीमवादी बनकर पेश करती है* *3--लोग कहते है खाशकर वफादार मुसलमान भाईयो को गुमराह करने के लिऐ ये कहा जाता है कि BSP---मायावती जी ने BJP से गठबंधन किया था* *4--मगर-मगर-मगर BJP से आज भी वही कहलवाया जाता था जो काँग्रेस इस BJP को कहने के लिए बोलती है BJP काँग्रेस पार्टी कि पैदा कि हुई B टीम है मगर देश का शहरी-अमीर मुसलमान भाई इसी काँग्रेस पार्टी को 95% सपोर्ट करता है इस बात को मुसलमान भाई खुद तय करे कि आखिर इस बाबरी-मस्जिद का कत्ले-आम करने वाली काँग्रेस को अपना वोट क्यो देकर इसे सत्ता कि दहलीज पर पहुँचाता हैं बहुजन हसरत पार्टी BHP कौम हित मे उन सभी अमीर-शह

अल्पसंख्यको के अधिकार 18 दिसंबर अल्पसंख्यक दिवस पर विशेष लेख

अल्पसंख्यकों के अधिकार  पूर्व  एडिटर राज्य सभा टीवी अतिथि डॉ नरेश चंद्र सक्सेना पूर्व सचिव योजना आयोग प्रोफेसर सुब्रता मुखर्जी (राजनीति विज्ञान  के जानकार) की बातचीत हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने अल्पसंख्यकों के निर्धारण के संबंध में केंद्र की 26 साल पुरानी एक अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने स्पष्ट किया कि किसी भी समूह को अल्पसंख्यक का दर्जा देने के लिए धर्म को भारतीय संदर्भ में देखा जाना चाहिए। अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर इस याचिका में किसी समुदाय की राज्यवार आबादी के आधार पर अल्पसंख्यक का दर्जा देने के संबंध में दिशा-निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। क्या कहना था याचिकाकर्ता का? याचिकाकर्ता के मुताबिक, देश के आठ राज्य लक्षदीप, मिज़ोरम, नागालैंड, मेघालय, जम्मू-कश्मीर, अरूणाचल प्रदेश मणिपुर और पंजाब में हिंदू अल्पसंख्यक हैं। लेकिन उनके अल्पसंख्यक अधिकार वहां बहुसंख्यक लोग अनाधिकृत तरीके से ले रहे हैं, क्योंकि केंद्र ने उन्हें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग कानून की धारा 2 (सी) के तहत अल्पसंख्यक घोषित नहीं किया है। इस कारण ये लोग संविधान के अनुच्