सईद अख्तर ग्राम प्रधान रुहासा का चले जाना मौत एक समाजसेवी की बहुत याद आएगी ।
सईद अख्तर मेरठ जिले के सरधना तहसील के ग्राम रुहासा के प्रधान ही नहीं थे वह एक समाजसेवी भी थे। सरधना कस्बे में अक्सर उनसे मुलाकात हुई एक पत्रकार की हैसियत से उनसे ज्यादा घनिष्ठता तो नहीं थी लेकिन जब भी मिला तो उन्होंने मुस्कुरा कर मेहमान नवाजी की। किसी चुनाव कार्यालय का परिदृश्य कैसे भुलाया जा सकता है। मरहूम बाबू जी अब्दुल वहीद कुरैशी पूर्व विधायक की कोठी के सामने या फिर कोई अन्य मौका हो सरधना नगर पालिका परिषद का चुनाव का समय हो या फिर कोई अन्य मुख्य मुद्दा उनसे अक्सर मुलाकात हो जाती थी। एक राजनीतिक व्यक्ति की पहचान होती है कि वह अपने विचारों से प्रभावित करता है। सईद अख्तर रिजवी ने यह काम बखूबी जिंदगी भर निभाया।
अपने गांव रुहासा का प्रधान बन कर उन्होंने गरीबों की सेवा की । जो एक प्रधान का दायित्व होता है उसको उन्होंने बखूबी निभाया। एक समाजसेवी के तौर पर उनका एक मिशाली जीवन था। वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थे ।पिछले दिनों उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उनकी रिपोर्ट में कोरोना पॉजिटिव आया था। और आखिरकार मौत का एक वक्त मुकर्रर है और जाना ही पड़ता है। और सईद अख्तर रिजवी इस दुनिया ए फानी से चले गए। लेकिन वह हमेशा याद आएंगे। अल्लाह ताला उनकी मगफिरत फरमाए ।आमीन - सुम्मा आमीन
एस ए बेताब पत्रकार
(1)-पंडित पुजारी कि पार्टी काँग्रेस-BJP के नाटकीय नूरा-कुश्ती के खेल से 99% लोग अंजान है एक तरफ राहुल गाँधी भारत-जोड़ो-यात्रा का ढोंग कर रहे है तो दूसरी तरफ खडगे और शशी थरूर मे टक्कर दिखाकर खडगे (दलित) को काँग्रेस का अध्यक्ष बनाकर RSS-BJP कि जननी काँग्रेस BSP/भीमवादी दलित शेरनी बहन मायावती जी को शिकस्त देने के लिए दाँव-पेंच खेली है तथा इन बुद्ध के शूद्रो पर जो आज के MUSLIM SC ST OBC वंचित हजारों कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोग है इन्हे राजनीति के क्षेत्र में नपुंसक व अपाहिज बनाने के लिए जबरजस्त बेहतरीन चाल भी चली है इसलिए अम्बेडकर-वादी छुट भैये अवसर-वादी निकम्मा न बनकर 'भीमवादी-बनो' बहुजन हसरत पार्टी BHP कि बात पर तर्क करो गलत लगे तो देशहित-जनहित मे माफ करो* *(2)-जब-जब BSP को तोड़ा गया तब-तब Muslim Sc St Obc बुद्ध के शूद्र वंचित हजारों कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोगो ने उसके अगले ही चुनाव में BSP को 3-गुना ज्यादा ताकतवर बनाकर खड़ा किया है जैसे-1993/1995/1997 व 2002-03 में BSP को अ-संवैधानिक तरीके से तोड़कर समाजवादी पार्टी व BJP...
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