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दिल्ली दंगों में अदालत से दिल्ली पुलिस को क्यों मिल रही है बार-बार फटकार

  दिल्ली दंगे के मामले में अदालतें पुलिस की कार्यप्रणाली से खासी नाराज शुरू से ही दिख रही थीं। कई बार पुलिस को झाड़ पिलाई गई, लेकिन गुरुवार को एक कोर्ट ने वो टिप्पणी की जो पुलिस को ताउम्र याद रहेगी। कोर्ट ने तीन आरोपियों को बरी कर कहा कि दिल्ली दंगे में पुलिस की विवेचना का तरीका इतिहास में एक काले अध्ययाय की तर्ज पर दर्ज होगा। कोर्ट ने बीते साल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से जुड़े एक मामले की जांच को लेकर पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। कड़कड़डूमा के एडिशनल सेशन जज विनोद यादव कहा कि जब इतिहास विभाजन के बाद से राष्ट्रीय राजधानी में सबसे भीषण सांप्रदायिक दंगों को देखेगा, तो पुलिस की विफलता हमेशा पीड़ा देगी। उनका कहना था कि पुलिस ने जिस तरह से सतही विवेचना की वो शर्मसार करने वाली है। कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के भाई शाह आलम और दो अन्य आरोपियों काशिद सैफी व शादाब को एक दुकान में लूटपाट और तोड़फोड़ से जुड़े मामले में बरी कर दिया। अदालत ने जांच को निष्क्रिय करार देकर कहा कि घटना का कोई ऐसा सीसीटीवी फुटेज नहीं था, जिससे आरोपी की घटनास्थल पर मौजूदगी की पुष्टि हो सके।

आज़मगढ़ के गंधुवई में हुए पुलिसिया उत्पीड़न पर रिहाई मंच ने जारी की रिपोर्ट, पीड़ितों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

 लखनऊ/आजमगढ़ 12 सितंबर 2021। आज़मगढ़ में निज़ामाबाद थाना क्षेत्र के गंधुवई गांव की नट बस्ती में उस समय कोहराम मच गया जब निज़ामाबाद पुलिस ने मौके पर पहुंचते ही घरों में घुस-घुस कर महिलाओं, बच्चों को घसीटना और पीटना शुरू कर दिया। 5 सितंबर की दोपहर में घटित होने वाली इस घटना के तथ्यों को जानने के लिए रिहाई के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंच महासचिव राजीव यादव के नेतृत्व में बंधुवई का दौरा किया। ग्रामीणों, जिनमें अधिकांश महिलाएं थीं, बताया कि पुलिस की लाठी से करीब 35 लोग घायल हुए जिसमें 18 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं।ग्रामवासियों ने बताया कि गांव में दो पक्षों में आपस में झगड़ा हुआ। एक पक्ष ने पुलिस को फोन कर दिया। जब तक पुलिस मौके पर पहुंचती दोनों पक्ष आपस में पथराव करने लगे। पुलिस ने मौके पर पहुंचते ही पहले पथराव का वीडियो बनाया। पुलिस को देख कर पथराव बंद हो गया। उसके बाद पुलिस ने अंधाधुंध लाठी भांजना शुरू कर दिया। पुरूष गांव में कम थे और जो थे भी उनमें से कुछ को लाठियां लगीं तो वे गांव छोड़ कर भाग गए। पुलिसिया तांडव का सबसे अधिक शिकार महिलाएं, बच्चे हुए। गोरकी की आयु लगभग 30 वर्ष होगी। उसके सि

डायबिटीज और हाइपरटेंशन है? यानी *दातून करना भूल चुके* हो...तो *वापसी कीजिये, तुरंत!*

 ✊🚩 🤒डायबिटीज और हाइपरटेंशन है? यानी *दातून करना भूल चुके* हो...तो *वापसी कीजिये, तुरंत!* 🤷🏻‍♂️सन 1990 से पहले कितने लोगों को *डायबिटीज़ होता था?* कितने लोग *हाइपरटेंशन* से त्रस्त थे? नब्बे के दशक के साथ *हर घर में एक डायबिटीज़* और *हाई ब्लड प्रेशर का रोगी* आ गया, क्यों? बहुत सारी वजहें होंगी, जिनमें हमारे *खानपान में बदलाव* को सबसे *खास माना जा सकता* है। बदलाव के उस दौर में एक *चीज बहुत ख़ास थी* जो *खो गयी*, पता है ना क्या है वो? *दातून* ?...गाँव देहात में आज भी लोग *दातून इस्तमाल* करते दिख जाएंगे लेकिन शहरों में *दातून पिछड़ेपन* का संकेत बन चुका है। गाँव देहात में *डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन* के रोगी यदा कदा ही दिखेंगे या ना के बराबर ही होंगे। वजह साफ है, ज्यादातर लोग आज भी *दातून करते* हैं।  *डायबिटीज़ और हाइ ब्लड प्रेशर* के साथ *दातून का क्या संबंध, यही सोच* रहे हो ना?..तो आज *आपका दिमाग हिल* जाएगा..और फिर सोचिएगा, हमने क्या खोया, क्या पाया?🤔 ✊ये जो बाज़ार में *टूथपेस्ट और माउथवॉश* आ रहे हैं ना, *99.9% सूक्ष्मजीवों* का नाश करने का दावा करने वाले, उन्हीं ने *सारा बंटाधार* कर दिया है। ये