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पहला प्यार

  हैलो दोस्तों ! आज मैं आपको एक ऐसी बात बताने जा रहा हूं जिसे सुनकर आपको अपनी पुरानी यादें, अपना पहला प्यार याद आ जाएगा। पहला प्यार वह प्यार है जिसे इंसान जीवन भर नहीं भूलता।  बात उन दिनों की है जब हम गांव में रहा करते थे और यह 80 के दशक की बात है।  खेत की लहलाती फसलें, बाग में जामुन और आम तोड़ने की वह आदतें ,पुरानी यादों को जब भी याद करता हूं तो बदन में एक सिहरन सी दौड़ जाती है। पहले प्यार में वह पाकीज़गी, वह भोलापन वह सादगी जब वह याद आता है तो लगता है कि वह दिन भी क्या दिन थे जिन्हें याद करके आज भी मन मदमस्त हो जाता है। घर से दो रोटी प्याज और अचार ले जाकर मक्का के खेत में टांड़ पर बैठकर खाना।  बरसात के दिनों में खेतों में बारिश में भीगना, पिताजी से साइकिल दिलाने की जिद करना और ईद पर नए कपड़े बनने की खुशी, कहां चले गए वो दिन । जब एक ही कमीज में पूरा साल कट जाता था।   आज दर्जनों कमीज होने के बाद भी यह खुशी नहीं प्राप्त होती जो उस  समय पुराने कपड़ों में होती थी । आखिर कहां चली गई वह खुशियां याद याद करिए क्या आपके जीवन में भी कभी वह पुरानी यादें आपको उकसाती है।

मेरी समस्या और उसका समाधान

सवाल:मेरा नाम अंकुर है, मेरी समस्या और उसका समाधान करने की कोशिश करें ।  मेरी समस्या यह है कि मैं बचपन से अपने दोस्तों के साथ में कुछ गलत हरकतों में पड़ गया था जिसके कारण मुझे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आज मैं एक वैवाहिक जीवन गुजार रहा हूं लेकिन मुझे वह पुरानी बातें आज भी याद आती है। मैं चाहता हूं कि वह सब पुरानी बातें जो मेरी सब गलतियां थी मैं उन्हें भूल जाऊं कृपया इसका जवाब बताएं ।  जवाब यह कि हम उस परमपिता परमेश्वर ने इंसान की संरचना इस प्रकार की है उसकी उत्पत्ति वैवाहिक जीवन से होती है और यदि हमारा व्यवहारिक जीवन आनंदमय ना हो तो यह संसार आगे नहीं बढ़ सकता। प्रकृति ने संसार को आगे बढ़ाने के लिए इस तरह की चीजें रखी है जो हमें आनंदित करती हैं और वंशावली को आगे बढ़ाते हुए संसार प्रगतिशील बनता जाता है मानव आदि काल से आज तक इसी प्रकार विकसित होता रहा है मानव की यह प्रवृत्ति है कि वह बहुत कुछ पाना चाहता है जब इच्छा है असीम हो और संसाधन सीमित तो समस्या पैदा होती है इसीलिए शास्त्रों में कहा गया है धैर्य  बहुमूल्य है।  जिस प्रकार सूर्य उगता है उसके बाद ऊंचाइयों पर जाता है प्रका

गड्ढों में जिंदगी

   लेखक-  एस ए बेताब  कहते हैं कि जिंदगी बदलाव चाहती है और यह बात सत्य है ।बिना बदलाव के जीवन अधूरा है,बदलाव खुद आता है या बदलाव को दूसरे लोग लाते हैं। बदलाव निजी जिंदगी का हो या बदलाव व्यवस्था का हो उसके लिए बहुत बड़ा तूफान खड़ा करना पड़ता है ,उस तूफान को लेकर चलना पड़ता है ,तभी बदलाव आता है । आप अगर यह समझे किसी समस्या दूर करने के लिए मात्र सोचने से वह दूर हो जाएगी।  यह आपका वहम है । इसके लिए आपको संघर्ष करना पड़ेगा,और संघर्ष का दूसरा नाम ही बदलाव है । हम आपको एक उदाहरण देना चाहते हैं जब आप सड़क पर चलते हैं तो आप देखते हैं कि बहुत सारे गड्ढे आपके मार्ग में आते हैं, जब आप प्रतिदिन के यात्री हैं तो आपको उन गड्ढों का एहसास रहता है और उन गड्ढों से बचकर आप निकलते रहते हैं ,मगर कभी-कभी ऐसा भी होता है थोड़ी सी लापरवाही थोड़ी सी अंजाना पन आपको उस गड्ढे में ले जाता है और दुर्घटना घट जाती है।  सब लोग सड़क पर रोजाना जाते हैं मगर गड्ढा भरने का ख्याल किसी को नहीं आता ।  यही कारण है  वह गड्ढा बढ़ता चला जाता है और कभी-कभी यह गड्ढा किसी को घायल कर जाता है, कभी तो किसी की जान भी ले लेता है।  अब गड्ढ