पिता का नाम हाफ़िज़ मुहम्मद यूसुफ अंसारी गंगोही। आप मौलाना रशीद अहमद गंगोही के पौत्र थे। आपने देवबंद में शिक्षा प्राप्त की। विद्यार्थी जीवन में ही उनको राजनीति से अत्यंत लगाव था। यह दारुल उलूम देवबंद में लेखक के सहपाठी भी रहे । सन् 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में सहारनपुर से गिरफ्तार हुए डेढ़ वर्ष की कैद हुई। सहारनपुर और मेरठ की जेलों में कैद का जीवन व्यतीत किया। जब उनकी रिहाई हुई तो देवबंद में पढ़ाई पूरी करने के बाद सऊदी अरब चले गए और जीवन भर वहीं नौकरी करते रहे। रिटायरमेंट के बाद भारत लौटे और कुछ वर्षों के बाद देहांत हो गया । आप उन विद्यार्थियों में से थे, जिन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन के दिनों में स्वतंत्रता के आंदोलन में भाग लिया और दारुल उलूम देवबंद का प्रतिनिधित्व किया। प्रस्तुति एस ए बेताब संपादक बेताब समाचार एक्सप्रेस
मैंने क्या पाया है दुनिया से कभी सोचा नहीं ।सोचता ये हूं कि मैं दुनिया को क्या दे जाऊंगा।। एस ए बेताब संपादक "बेताब समाचार एक्सप्रेस" हिंदी मासिक पत्रिका एवं यू टयूब चैनल