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सितंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आगरा में एक परिवहन अधिकारी के बच्चे ने पढ़ाई के नाम पर मिले मोबाइल से गवा दिये ढाई लाख रुपए

 लॉकडाउन के चलते स्कूल क्या बंद हुए अभिभावक और बच्चों के सामने परेशानी खड़ी हो गई। सरकार ने आदेश दे दिया की ऑनलाइन पढ़ाई की जाए।  अब से पूर्व जिन बच्चों के लिए स्कूल में मोबाइल ले जाना, मोबाइल रखने पर जुर्माना भरना पड़ता था या फटकार खानी पड़ती थी लोक डाउन के चलते अब बच्चों को जबरदस्ती अभिभावकों के द्वारा मोबाइल देने का स्कूलों का फरमान आ गया। और इस फरमान का क्या असर हुआ पढ़ाई कितनी हुई यह तो अलग विषय है। लेकिन आगरा में एक परिवहन अधिकारी को अपने ढाई लाख रुपए गवाने पड़ गए।  आगरा के परिवहन विभाग के एक अधिकारी के बेटे ने छह महीने में ऑनलाइन गेम खेलकर 2.50 लाख रुपये गंवा दिए। अधिकारी को खाते का बैलेंस चेक करने पर रकम निकलने की जानकारी हुई। उन्होंने साइबर क्राइम की आशंका जाहिर करते हुए पुलिस से शिकायत की। शनिवार को हकीकत सामने आई तो उनके होश उड़ गए। बेटा कक्षा छह में पढ़ता है। मोबाइल से ऑनलाइन गेम खेलकर पेटीएम से भुगतान कर रकम खर्च कर दी। सिकंदरा निवासी परिवहन अधिकारी ने 22 सितंबर को साइबर सेल में अपने बैंक खाते से 2.50 लाख रुपये निकलने की शिकायत दर्ज कराई थी। यह भी बताया कि जिस खाते से रकम

देह व्यापार कोई अपराध नहीं

 मुंबई हाई कोर्ट का देह व्यापार में शामिल तीन युवतियों को  सुधार गृह से  रिहा करने का आदेश आया है  और इस आदेश के बाद यह बात तय हो गई है कि  देह व्यापार  कोई अपराध नहीं है  कोई वयस्क महिला  अपनी मर्जी से  अपना पेशा  चुन सकती है अब पुलिस को देह व्यापार के नाम पर  प्रताड़ित  करने का अधिकार नहीं रहेगा ।  बॉम्बे हाईकोर्ट ने देह व्यापार में शामिल तीन युवतियों से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए उन्हें सुधारगृह से रिहा करने के आदेश दिए। बृहस्पतिवार को अदालत ने तीन महिलाओं से जुड़े देह व्यापार के मामले पर सुनवाई करते हुए कहा, किसी भी वयस्क महिला को अपना पेशा चुनने का अधिकार है। अदालत ने कहा कि किसी भी वयस्क महिला को उसकी सहमति के बिना लंबे समय तक सुधारगृह में नहीं रखा जा सकता। न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि इममॉरल ट्रैफिकिंग कानून 1956 (अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम) का उद्देश्य देह व्यापार को खत्म करना नहीं है। इस कानून के अंतर्गत ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है जो वेश्यावृत्ति को स्वयं में अपराध मानता हो अथवा देह व्यापार से जुडे़ हुए को दंडित करता हो। इस कानून के तहत सिर्फ व्यवसायिक उद्

वास्तविक गुनहगारों को बचा रही है दिल्ली पुलिस

 भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी दिल्ली राज्य परिषद दिल्ली पुलिस द्वारा उतर पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों की एफ आई आर में भा क पा नेत्री एनी राजा,जो की भारतीय महिला फेडरेशन की महासचिव है का नाम आरोपित मै डालने की सख्त निंदा करती है. इतना ही नहीं इसी एफ आई आर में कॉमरेड बृंदा करात, सी पी ऍम पोलितब्यूरो सदस्य, कामरेड कविता कृषणन, पोलितब्यूरो सदस्य सी पी आई ऍम एल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व भारत के भूतपूर्व कानून मंत्री, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, हर्ष मंदर, अंजलि भारद्वाज, प्रोफेसर अपूर्वानंद, सबा दीवान, राहुल रॉय का भी नाम शामिल किया हैं. यह बहुत ही शर्म की बात है की बीजेपी नेता जिन्होंने भड़काऊ भाषण दिये उनको बचाने के लिये सब किया जा रहा है. इससे पहले कॉमरेड सीताराम येचुरी जो की सी पी ऍम महासचिव है व भूतपूर्व सांसद भी है उनका नाम भी शामिल किया गया था. दिल्ली पुलिस सीधे भारत सरकार के गृह मत्रालय के अंदर आती है. यह सभी नेता देश में मानव अधिकारों व सामाजिक न्याय के सिंद्धांतो के संघर्ष में प्रखर हैं व दिल्ली पुलिस सरकारी इशारों पे अब हर उन नेताओं, छात्रों, नौजवानों को य

आपके टैक्स की कमाई से नेताओं द्वारा प्रतिदिन कितना किया जाता है खर्च

 देश में बुद्धिजीवियों द्वारा चर्चाओं का विषय बना हुआ है। इन बातों में कितनी सच्चाई है हम सभी को विचार करना आवश्यक है। भारत के प्रधानमंत्री जी का खर्च ₹5 लाख से ऊपर ,महामहिम राष्ट्रपति जी का खर्च ₹7 लाख से ऊपर, 24 घंटे में हो जाता है। 1 साल में सत्ता पर काबिज सभी नेताओं का खर्च कितना हो सकता है विचार लगाएं?  जनता के दिए गए जीएसटी टैक्स से सभी सरकार चलती है।  वोट दे जनता,  विश्वास करे जनता,  कानून का पालन  करें जनता ऐसो आराम की जिंदगी जिए मौज मनाएं जनता का चुनाव हुआ नुमाइंदा  बीजेपी पार्टी व  मीडिया ने 2014 चुनाव में माननीय नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री का चेहरा घोषित कर विकास पुरुष, अच्छे दिन ,अत्याचार, भ्रष्टाचार, बलात्कार ,महंगाई की मार, बेरोजगारी, शिक्षा, रोजगार, काला धन, 15 लाख ,इन सभी को लेकर देश की जनता को कोरे सपने  दिखाकर अंध भक्ति में लीन कर दिया। उसके बाद लोगों के दिमाग में जाति, धर्म, द्वेष ,भावना का चश्मा चढ़ा दिया। आत्मनिर्भरता किसके सहारे देश की जीडीपी 0% से नीचे चली गई। सबका साथ सबका विकास, नाली की गैस से समाप्त हो गया। रोजगार के नाम पर पकौड़ा तले, अनजान चौकीदार बन गया

2006 में मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामले में अदालत द्वारा अधिग्रहण किए जाने पर नया पासपोर्ट प्राप्त करने में अब्दुल वाहिद शेख को 5 साल लग गए

  अब्दुल वाहिद कई मुसलमान जिन्हें झूठे आरोपों में अतीत में गिरफ्तार किया गया था, और बाद में अदालतों द्वारा बरी कर दिया गया था, नए पासपोर्ट प्राप्त करने या प्राप्त करने में समस्याओं का सामना करते रहे मुंबई - वाहिद शेख के लिए, 22 सितंबर, 2020 एक ऐसा दिन है जिसे वह लंबे समय तक याद रखेंगे।  करीब 15 साल से पुलिस से जूझ रहे एक्टिविस्ट-वकील आखिरकार मंगलवार को उनके नाम से नया पासपोर्ट हासिल करने में कामयाब रहे।उन्होंने कहा, "मेरा पासपोर्ट 2006 में मुंबई पुलिस के आतंकवाद-निरोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा जब्त कर लिया गया था और मुझे कभी नहीं लौटाया गया," उन्होंने क्लैरियन इंडिया को बताया।  "मुझे मुंबई में 2006 उपनगरीय ट्रेन विस्फोटों में शामिल होने के आरोपों से बरी कर दिया गया था, लेकिन मुझे मेरा पासपोर्ट कभी वापस नहीं मिला।"  2015 में, रिहा होने के बाद, वह हज पर सऊदी अरब जाना चाहता था, लेकिन पुलिस ने आपत्ति जताई और कहा कि उसके पास उसका पासपोर्ट नहीं हो सकता।  उन्होंने कहा कि वह विदेश में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त होंगे और वहां आतंकवादियों के साथ बातचीत करेंगे। "मैं

रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगाड़ी का कोरोना से निधन

  रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी का कोरोना की वजह से निधन हो गया है. वह 11 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव हुए गए थे. उनका इस समय एम्स में इलाज चल रहा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल राज्य मंत्री के निधन पर गहरा शोक जताया है. सुरेश अंगड़ी कोरोना की वजह से मरने वाले कर्नाटक के दूसरे सांसद हैं. इससे पहले अशोक गस्टी की पिछले दिनों कोरोना की वजह से मौत हो गई थी. वह राज्यसभा के सांसद थे. सुरेश लोकसभा सांसद थे. रेल राज्य मंत्री के कोरोना से निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'सुरेश अंगड़ी एक असाधारण कार्याकर्ता थे, जिन्होंने कर्नाटक में पार्टी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की. वह एक समर्पित सांसद और प्रभावशाली मंत्री थे, जो पूरे स्पेक्ट्रम में प्रशंसित थे. उनका निधन दुखदायी है. दुख की इस घड़ी में मेरी सांत्वना उनके परिवार और दोस्तों के साथ है. शांति.

रौलट एक्ट

  रॉलेट एक्ट'   को काला कानून भी कहा जाता है। यह 1919 ई. में भारत की ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में उभर रहे राष्ट्रीय आंदोलन को कुचलने के उद्देश्य से निर्मित कानून था। यह कानून   सर सिडनी रौलेट   की अध्यक्षता वाली सेडिशन समिति की शिफारिशों के आधार पर बनाया गया था। रॉलेट एक्ट का सरकारी नाम   The Anarchical and Revolutionary Crime Act of 1919   था। इसके इसके मुख्य बातें निम्नलिखित थी- सर सिडनी रौलेट १) ब्रिटिश सरकार को यह अधिकार प्राप्त हो गया था कि वह किसी भी भारतीय पर अदालत में बिना मुकदमा चलाए उसे जेल में बंद कर सके। इस क़ानून के तहत अपराधी को उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने वाले का नाम जानने का अधिकार भी समाप्त कर दिया गया था। २) राजद्रोह के मुकदमे की सुनवाई के लिए एक अलग न्यायालय स्थापित किया जाना चाहिए। ३) मुकदमे के फैसले के बाद किसी उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। ४) राजद्रोह के मुकदमे में जजों को बिना जूरी की सहायता से सुनवाई करने का अधिकार होना चाहिए। ५) सरकार को यह अधिकार होना चाहिए कि वह बलपूर्वक प्रेस की स्वतंत्रता का अधिकार छीन ले और अपनी इच्छा अनुसार क

अट्ठारह सौ सत्तावन जंगे आजादी के शहीदों को किया गया याद

 उत्तर पूर्वी दिल्ली के विजय मोहल्ला स्थित आयशा मस्जिद  के निकट मुस्लिम वेलफेयर आर्गेनाइजेशन द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।जिसमें अट्ठारह सौ सत्तावन के जंगे आजादी के शहीदों को याद किया गया । और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर  संस्था के अध्यक्ष  सरताज अहमद मसूदी ने आयोजको के लिए भोजन की व्यवस्था भी की थी।  दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन जाकिर खान ने इस अवसर पर  अपने ख्यालात का इजहार करते हुए कहा कि  मुस्लिम समाज को आगे बढ़ने के लिए  तालीम को अपनाना बेहद जरूरी है ।  उन्होंने कहा कि  अल्पसंख्यक समुदाय  की जो समस्याएं हैं उन्हें दूर करने के लिए समाज के शिक्षित वर्ग को आगे आना चाहिए।  अंग्रेजों को देश से खदेड़ने के लिए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की नींव सन 1857 में मेरठ में रखी गई, जो कि बाद में पूरे देश में आग की तरह फैल गई. इसी ने अंग्रेजों के पैर भारत से उखाड़ने की भूमिका तैयार की और आखिर में 1947 में भारत को आजादी मिली. इस जंग में लाखों ज्ञात और अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया. आइए जानते हैं कि मेरठ से आजादी की मशाल जलाने वाले मंगल पांडे के बारे में  मंगल पा

सुंदर नगरी में चमन एस्टेट तोड़ा गया

https://youtu.be/NKEMgey6ncg  लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में  तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में  बशीर बद्र साहब ने यह शेर उस वक्त लिखा था जब मेरठ दंगों में उनका घर दंगाइयों द्वारा जला दिया गया था । घर जलाने, घर तोड़ने, घर को बर्बाद करने के दर्द को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।  जिस इंसान का घर टूटता है चोट उसके दिल पर लगती है।  दिल्ली के सुंदर नगरी इलाके में ब्लॉक f-2/  F1 में चमन एस्टेट को सरकार द्वारा एक बार फिर तोड़ दिया गया है। इस बारे में क्या कहना है शासन और प्रशासन का।  दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम कहते हैं कि यहां पर सब के सहयोग से एक मॉडल स्कूल बनाया जाएगा। जिन लोगों ने जमीन खरीदकर घर बनाए थे उनके घरों से टूटने से उनके सर  से छत चली गई है लोग बेघर हो गए हैं । जमीन का विवाद काफी पुराना है। कोर्ट कचहरी का चक्कर रोजमर्रा के खाने, कमाने वाले क्या जाने । सरकार कहती है कि जमीन  उसकी है चौधरी शेर नबी चमन कहते हैं कि  जमीन उनकी है। और वह कई दशकों से इस पर काबिज है।  हम ज्यादा पचड़े में न पड़ते हुए एक सवाल करना चाहते हैं कि सरकार की ऐसी स्पष्ट नीति क्यों नहीं है क

डॉ कफील खान ने योगी सरकार के खिलाफ यूएनएचआरसी को लिखा पत्र

  संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) को पत्र लिखा है. कफील खान ने कहा कि भारत में असहमति की आवाज को दबाने के लिए और मानव अधिकारों के उल्लंघन के लिए NSA और UAPA जैसे सख्त कानूनों का दुरुपयोग किया जा रहा है.  अपने पत्र में खान ने लिखा कि CAA के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने पर UNHRC ने उनके मानवाधिकारों की रक्षा करने के लिए भारत सरकार से आग्रह किया। यह प्रशंसनीय है लेकिन भारत सरकार ने उसकी अपील नहीं सुनी।कफील खान ने योगी सरकार की शिकायत करते हुए लिखा कि पुलिस शक्तियों का उपयोग करते हुए मानव अधिकार के रक्षकों के खिलाफ आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के तहत आरोप लगाए जा रहे हैं। इससे भारत का गरीब और हाशिए पर रहने वाला समुदाय प्रभावित होगा। भारत में दलितों ,अल्पसंख्यकों, वंचित और शोषितो पर एनएसए यूएपीए लगाकर उनकी आवाज दबाई जा  कफील खान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखने के साथ ही मानवाधिकार रक्षकों को रिहा करने के लिए भारत सरकार को फोन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को धन्यवाद दिया है। अपने पत्र में खान ने ‘शांतिपूर्ण तरीके से सीएए के

डृग"डार्लिंग" और मासूम सैया

  ड्रग " डार्लिंग" और " मासूम सैयां"!      अपना मीडिया महान ! इतना महान कि अकबर, अशोक और अलेक्ज़ेंडर जैसी महान्  शख्सियत अगर मीडिया के सामने पड़ जाएं तो हीनता  के चलते पानी पानी हो जाएं ! हीनता इस बात की कि उनके "महान" होने का क्या फ़ायदा, अगर उन्हें " गांजे" के बारे में कुछ  नहीं पता ! जीवन अकारथ गया, वह महान बनने के चक्कर में  "चरस" से वंचित रहे ! अब तीनो स्वर्ग में बैठे अपने दुर्लभ "बौद्धिक क्षति" का आकलन करके कह रहे होंगे  " काश , हमारे दौर में भी ये मीडिया होती"!       दुर्भाग्य से मुझे भी गांजा चरस के बारे में पहले इतना गहरा ज्ञान नहीं था। भांग को तो खैर हमारी आस्था से भी 'एन ओ सी"  मिली हुई है! गांजा और चरस को मै पहले अंडर स्टीमेट कर देता था ! हाई लेवेल के ड्रग के बारे में मै घोर अज्ञानी था। अब कैफियत ये है कि पिछले पंद्रह दिन से  ड्रग के ऊपर बैठी मीडिया की खाप पंचायत देख कर पहली बार मुझे मालूम हुआ कि "गांजा ज्ञान" मै अभी नाबालिग हूं ! ( मेरी जगह कोई हयादार आदमी होता तो अब तक चुल्लू भर पानी

जासूसी के आरोप में एक चीनी महिला को गिरफ्तार किया गया

  दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज की एक बड़ी सोसाइटी के गंगा अपार्टमेंट के लोगों ने वहा रहने वाले सभी किरायेदारों के पुलिस वैरिफिकेशन की योजना बनाई है। असल में कुछ दिनों पहले वहां से जासूसी के आरोप में एक चीनी महिला को गिरफ्तार किया गया है जिसके बाद से सोसाइटी के लोगों का कहना है कि पुलिस0 सभी लोगों को जासूसी के नजरिए से वैरिफाई करे। आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष एनएस मोर ने कहा, "इसलिए हम यह भी प्रस्ताव देने की योजना बना रहे हैं कि आरडब्ल्यूए का एक सदस्य उस दौरान वहां मौजूद रहे जब किरायेदार का सोसाइटी में आने के लिए वैरिफिकेशन हो रहा हो। हमने यहां रहने के दौरान चीनी महिला पर कभी संदेह नहीं किया था। लेकिन उसकी गिरफ्तारी से समाज के सभी निवासियों को झटका लगा है।" तीन लोगों को किया है गिरफ्तार दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने एक नेपाली पुरुष, शेर सिंह और एक भारतीय पत्रकार के साथ चीनी महिला को गिरफ्तार किया है - इन सभी को चीन के लिए कथित तौर पर जासूसी करने के लिए आधिकारिक राज अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। मोर ने कहा कि कुछ चीनी छात्र पहले सोसाईटी में रहते थे, लेकिन सितंबर तक किंग ही एक

श्रमिक पंजीकरण क्या है ?

  एस ए  बेताब द्वारा प्रस्तुति  श्रमिक पंजीकरण क्या है | जाने लाभ और बनाये UP Shramik Majdur कार्ड Online कौन कौन श्रमिक पंजीकरण करवा सकते है बिल्डिंग का कार्य करने वाले कुआ खोदने वाले छप्पर छानेवाले कारपेंटर का कार्य करने वाले राजमिस्त्री लोहार प्लम्बर सड़क निर्माण करने वाले इलेक्ट्रिक वाले पुताई करने वाले हतोड़ा चलानेवाले मोजेक पोलिश चट्टान तोड़ने वाले निर्माण स्थल पर चौकीदारी करने वाले पत्थर तोड़ने वाले लेखाकार का काम करने वाले बांध  प्रबंधक ,भवन निर्माण के अधीन कार्य करने वाले खिड़की ग्रिल एवं दरवाज़ों की गढ़ाई और स्थापना करने वाले इट भट्टों पर इट का निर्माण करने वाले सीमेंट ,पत्तर ढोने का काम करने वाले चुना बनाने का काम करने वाले इन 17 सरकारी योजनाओ का लाभ उठा सकते है श्रमिक मजदूर वर्ग के लोग मेधावी छात्र पुरुस्कार योजना शिशु हितलाभ योजना निर्माण कामगार बालिका मदद योजना निर्माण श्रमिक भोजन सहायता योजना मातृत्व हितलाभ योजना संत रविदास शिक्षा सहायता योजना कौशल विकास तकनीकी योजना आवासीय विद्यालय योजना सोर ऊर्जा सहायता योजना चिकित्सा सुविधा योजना कन्या विवाह योजना आवास सहायता योजना गं

क्या आप दुर्भाग्य से लेखक हैं!"

आजकल फेसबुक पर प्रकाशकों का झुंड उतरा हुआ है। दर्जनों प्रकाशकों ने सोशल मीडिया पर कंटिया डाल रखी है, - ' मेरी छतरी के नीचे आ जा , क्या सोचे लेखक खड़े खड़े r' लेखक धर्मसंकट में  हैै , दिल चारा खाने से रोक रहा है और अंदर का "छपास रोग" उसे उकसा रहा है -.' चढ़ जा बेटा सूली पर भली करेंगे राम '! राम की दख़ल के बाद उसने फौरन फ़ैसला कर लिया कि अब उसे महान लेखक बन जाना चाहिए !         अब थोड़ा लेखक के दर्द की क्रोनोलोजी समझिए! वो प्रकाशकों का रेगिस्तान पार कर के आया है ! दुर्भाग्य से अपने लेखक होने का पता उसे शादी के फौरन बाद चला, फिर उसके बाद चिरागों में रोशनी ना रही ! ज़िंदगी के २५वें बरस में बसंत उतरा था और २६ वें में पतझड़ के आसार नजर आ रहे थे! फरवरी में ही बैशाख के पसरने की नौबत आ रही थी ! सबने उसे लेखक होने से बचने की सलाह दी थी मगर , करम गति टारे नाहि टरे ! वो साहित्य जगत का उद्धार करने उतर पड़ा !                        तो जनाब आपके अंदर प्रतिभा हो या ना हो, आपको बेस्ट सेलर लेखक बनाने वाले प्रकाशक आ चुके हैं।आपके अंदर लेखक होने की छटाक भर प्रतिभा भले ना हो, आप क

एक दिन गांव का जीवन!"

  एक दिन गांव का जीवन  एस ए बेताब   उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के नूरपुर एवं साथ में ही मिले दूसरे गांव भमैडा गांव का भ्रमण "बेताब समाचार एक्सप्रेस "में किया कितना अलग जीवन है गांव का शहर वालों से । यह जानने की जब हमने कोशिश की तो हमने पाया जितना तेज दौड़ता है शहर ,गांव उतरा है धीरे धीरे चलता है, शहर में जितना कोलूहल है, गांव में उतनी ही शांति है। शहर में जितना टेंशन है, गांव में उतना ही सुकून है। दोनों एक दूसरे के विपरीत है ,लेकिन दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए है।  गांव से पैदा की हुई सब्जियां ,अनाज,  फल ,दूध शहरों में आता है और उससे जो पैसा मिलता है गांव वालों का जीवन चलता है। इसी तरह से गांव और शहर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। गांव में प्रदूषण मात्र नहीं  है, जबकि शहरों में प्रदूषण की भरमार हो रही है । गांव में ज्यादातर लोगों का कारोबार खेती-बाड़ी और मवेशी पालन है।  पशुपालन में यहां पर  भैंस से पाली जाती हैभैसों का दूध बेचकर अच्छी खासी रकम पैदा होती है गांव में कई डेरिया है जिनमें दूध इकट्ठा होकर  जाता है आधुनिकता की दौड़ में गांव वाले भी अब आने शुरू होोो गए हैं fridge TV was