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अक्तूबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बिहार चुनाव : सामाजिक न्याय का घोषणा पत्र

 बिहार चुनाव: सामाजिक न्याय का घोषणा पत्र बिहार विधानसभा-2020 का चुनाव ऐसे समय में हो रहा है जबकि ब्राह्मणवाद व पूंजीवाद के गठजोड़ का हमला तेज है. ब्राह्मणवादी सवर्ण वर्चस्व और देशी-विदेशी पूंजीपतियों के द्वारा देश के संपत्ति-संसाधनों पर कब्जा आगे बढ़ रहा है. बहुजनों की चौतरफा बेदखली और सामाजिक-आर्थिक गैर-बराबरी बढ़ती जा रही है. संविधान को तोड़-मरोड़ कर फिर से मनुविधान और लोकतंत्र को कमजोर कर तानाशाही थोपा जा रहा है. केन्द्र सरकार के साथ नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की एनडीए सरकार भी कदमताल करती रही है. विभिन्न स्त्रोतों से हासिल तथ्यों-आंकड़ों से स्पष्ट है कि आज भी भारत में मनुसंहिता पर आधारित वर्ण-जाति व्यवस्था का श्रेणीक्रम पूरी तरह लागू है. भारत में बहुसंख्यकों की नियति आज भी इससे तय होती है कि उन्होंने किस वर्ण-जाति में जन्म लिया है. वर्तमान लोकसभा में ओबीसी सांसदों का प्रतिशत 22.09 है जबकि आबादी में इनका अनुपात न्यूनतम 52 प्रतिशत है. 21 प्रतिशत सवर्णों का लोकसभा में प्रतिनिधित्व 42.7 प्रतिशत है. ग्रुप-ए के कुल नौकरियों के 66.67 प्रतिशत पर 21 प्रतिशत सवर्णों का कब्जा है. 52 प

बिहार चुनाव पर बहुजन हसरत पार्टी की राय

 *सेवा मे* *1...आदरणीय माननीय प्रधानमंत्री जी, प्रधानमंत्री कार्यालय भारत सरकार नई दिल्ली*  *2..आदरणीय लोकसभा स्पीकर संसद भवन, भारत सरकार नई दिल्ली* *3…सेक्शन ऑफिसर, PMO, साउथ ब्लॉक नई दिल्ली - 110011* *4.... सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय,भारत सरकार, शास्त्री भवन, नई दिल्ली -110001*                                                          *5..सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय, भारत सरकार : B-2,पंडित दीनदयाल अन्त्योदय भवन, ग्राउंड फ्लोर, CGO काम्प्लेक्स  लोधी रोड, नई दिल्ली – 110003* *6…. सचिव, राष्ट्रिय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) : त्रिकूट-भीकाजी कामा पैलेस नई दिल्ली - 110066* *--------------------------------------------* *श्रीमान महोदय*               *बहुजन हसरत पार्टी बिहार चुनाव के मद्देनजर आपको तथा आपके तमाम ज्ञानी टीम के संज्ञान में पुन:ह यह अपील कर रही है कि ''कला और पेशा'" मे बँटी हजारो ''कलाकार जाति पेशेवर जाति'' वाले लोगो को SC ST भाई कि तरह ''सेवा और खिदमत'' के नाम राजनैतिक आरक्षण देने के लिए कानून बनाने कि माँग और अपी

आजादी के मतवाले मिर्जा इलाही बख्श

 आजादी के मतवाले (72) 176 :- मिर्जा इलाही बख्श  पिता मिर्जा शुजाउद्दीन उम्र कैद की सजा हुई कुछ दिनों के बाद इनकी मृत्यु हो गई।  177 :- मिर्जा इमाम पिता अली बख्श उम्र कैद की सजा।  अलीपुर, कराची की जेल में रहे इसके बाद रंगून में स्थानांतरित कर दिए गए ।  178  :- मिर्जा इमाम सुल्तान पिता मुइज्जुद्दीन उम्र कैद कुछ ही दिनों में मृत्यु हो गई ।  179:- मिर्जा इनायत हुसैन पिता मिर्जा इफ्तदार बख्श  निवासी दिल्ली। शहजादा ।स्पेशल कमिश्नर के  हुक्म पर फांसी हुई।   180 :- मिर्जा कादिर बख्श  पिता मिर्जा जान : उम्र कैद।  बंदी बनाए जाने के कुछ ही दिनों बाद मृत्यु हो गई ।  181  :- मिर्जा खबीरूद्दीन पुत्र मिर्जा कुतुबुद्दीन : स्पेशल कमिश्नर दिल्ली के आदेश पर फांसी दी गई।   182 :- मिर्जा कादर बख्श  पिता मिर्जा जान : उम्र कैद के कुछ दिनों बाद ही उनकी मृत्यु हो गई ।  183  :- मोहम्मद बख्श  दिल्ली निवासी : डिप्टी कमिश्नर दिल्ली के आदेश पर 24 नवंबर 1857 को फांसी दी गई।   184  : मोहम्मद बखश  दिल्ली निवासी 24 दिसंबर 1857 को मिलिट्री कमिश्नर के आदेश पर फांसी दी गई।   185  :- मोहम्मद बख्श निवासी शाहीमल 27 फरवरी 185

आजादी के मतवाले वजीर खाँ डॉक्टर जनरल बख्त

 आजादी के मतवाले (71)  166 :- वजीर खाँ डॉक्टर जनरल बख्त निवासी नागली गुडगांव फरवरी 185 8 को फांसी दी गई ।  167:- जबरदस्त खाँ  पठान निवास दिल्ली 1 फरवरी 1858 को फांसी दी गई।   168 :-  जफर खान निवासी गुड़गांव 8 फरवरी 1858 को फांसी दी गई ।   169:-  जफर खान पिता बारात खान निवासी गुदराना  गुडगांव 8 जनवरी 1858 को फांसी दी गई ।  170 :- जालिम अली पिता नुसरत अली निवासी सुलतानपुर गुड़गांव 13 जनवरी 1858 को फांसी दी गई।   171 :- जियाउद्दीन शेख पुत्र दारोगा शेखबख्श  निवासी दिल्ली अंग्रेजी फौज ने इनको और इनके पिता को बंदी बनाया और विद्रोह के अपराध में फांसी दी गई ।  172  :- मिर्जा हाजी मुग़ल निवासी दिल्ली मिलिट्री कमिश्नर के आदेश पर 18 नवंबर 1857 को फांसी दी गई ।  173 मिर्जा हुसैन बख्श पिता अली बख्श निवासी दिल्ली उम्र कैद करके  रिहाई हुई, फिर बंद कर दिए गए ।  174  :- मिर्जा हुसैन पिता रज़ा संगी बंदी  बनाए जाने के दिनों में ही इनकी मृत्यु हो गई ।  175 :-  मिर्जा हुसैन बख्श पिता कादिर बख्श  स्पेशल कमिश्नर के आदेश पर फांसी दी गई।  प्रस्तुति: एस ए बेताब  (संपादक बेताब समाचार एक्सप्रेस) हिंदी मासिक पत्रि

एक मौका बहुजन हसरत पार्टी को दें

 *🌹जय भीम जय हसरत मोहानी🌹* *A..नोट•••यह बहुजन हसरत पार्टी BHP देशभक्त वतन परस्त तथा मुस्लिम भाईयो के बुजुर्ग व ^बाबासाहेब^ को अपने साथ बैठाकर रमजान के पाक-पवित्र महीने मे रोजा इफ्तार करवाने वाले "'मौलाना हसरत मोहानी साहब जी"' के नाम पर यह ^बहुजन हसरत पार्टी^...BSP के जन्मदाता '"मान्यवर काँशीराम साहब जी"' के जन्मदिन पे दिनाँक 15/3/2017 को बनायी गयी है*   *B..नोट•••बहुजन हसरत पार्टी BHP का कड़ुवा लेख उन लोगो के लिए है जो BSP कि सुप्रीमो ^भीमवादी दलित शेरनी बहन मायावती जी^ पर भाँति-भाँति मनगढ़ंत आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे है उनको ठण्डे दिमाँक से चन्द शब्दो को देशहित-जनहित मे भीमवादी बनकर पढ़ना होगा* *C..नोट•••यह शब्द-लेख बहुजन हसरत पार्टी BHP "'बेताब समाचार एक्सप्रेस"' के माध्यम से ^^कलाकार जाति पेशेवर जाति^^ वाले लोगो को समर्पित करती है "कल के ज्ञानी बहुजन" ही "आज के" ^^कलाकार जाति पेशेवर जाति^^ वाले लोग है इन्ही को "'कामगार-मजदूर-श्रमिक"' भी कहा जाता है* *-------------------------------------------*

लोनी जितना फौलादी इंसान पूरे भारत में नहीं

 लोनी जितना फौलादी  इंसान पूरे भारत में नहीं  अक्सर आपने किसी इंसान की शक्ति के बारे में सुना होगा कि कितना सशक्त, कितना मजबूत और ताकतवर है बहुत बड़े ताकतवर और शक्तिशाली इंसान को कोराना ने औंधे मुंह गिरा दिया। कोरोना काल में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होते ही मानव के शरीर का एक चौथाई खून पानी बन जाता है। अच्छे-अच्छे तुर्रम खां को भीगी बिल्ली बनते देखा गया है।  यह मात्र संयोग या मुहावरा नहीं है, जो बात हम कह रहे हैं वह डंके की चोट पर कह रहे हैं।" बेताब समाचार एक्सप्रेस" कि इस बात की गांठ बांध लेना ,यह बात कल्पना या उपहास  में नहीं कहीं जा रही है। यह बात बिल्कुल सर्वे के आधार पर कही जा रही है। हमारे संवाददाता ने जाकर खुद देखा है, किसी की सुनी सुनाई रटी  रटाई बात नहीं कह रहे हैं। "पहले इस्तेमाल करें फिर विश्वास करें" के आधार पर यह बात कही जा रही है, कि लोनी का आदमी पूरे भारत में सबसे ज्यादा ताकतवर है। अभी पिछले दिनों और वर्तमान में भी दिल्ली में प्रदूषण का हंगामा खड़ा किया जा रहा था। आम आदमी की बात तो छोड़ दीजिए लोनी थाना बॉर्डर पुलिस के कर्मचारी भी यहां पर ढाई सौ ग्राम

ईद मिलादुन्नबी पर बहुजन हसरत पार्टी की ओर से दिली मुबारकबाद

 *🌹🕋ईद-मिलाद्दुन नबी जिन्दाबाद सरकार कि आमद मरहबा-मरहबा-मरहबा🕋🌹* *--------------------------------------------* *👌✅बहुजन हसरत पार्टी व फौजी जनता पार्टी कि तरफ से बेताब समाचार एक्सप्रेस के माध्यम से ^ईद-मिलाद्दुन नबी^ के पाक-पवित्र मौके पर देशहित-जनहित मे वफादार मुसलमान भाईयो को जायज पैगाम पेश किया जा रहा है गलत लगे तो माफ करना अगर सही लगे तो खुदा के वास्ते ^हुजूर सल्लल्लाहु आलैहि वालैहि वसल्लम^ के सदके मे फौरन अमल मे लाओ*  *1••नोट...ईद का चाँद देखने के लिए जैसा नेटवर्क मुसलमान भाईयो का पूरे देश और दुनियाँ मे बरकरार है उतना सटीक नेटवर्क किसी जाति-समुदाय का आज तक जमीन-धरती पर कदापि नही है* *2••नोट...काश यही ईद के चाँद का नेटवर्क मुसलमान भाई नवाबी लेने के लिए सत्ता कि दहलीज पर देशहित-जनहित मे भीमवादी बनकर इस्तेमाल करे तो ये नवाबी खुद चलकर वफादार मुसलमान भाईयो का कदम चूमेगी..... जानते हो मुस्लिम भाईयो जानते हो नवाबी का मतलब आज का M.P-M.L.A-C.M व डिप्टी P.M होता है* *3••जिस तरह पूरे देश-दुनियाँ के वफादार मुस्लिम भाई पाक-रमजान के पूरे 29-30 रोजे रखने के बाद ईद मनाने के लिऐ ईद का चाँद दे

जिन्ना ने क्यों कराया भारत का विभाजन

 जिन्ना का भारत विभाजन की ओर पहला कदम। सन 1937 ईस्वी के अक्टूबर माह में लीग का अधिवेशन लखनऊ में होना था, उस दौरान जिन्ना की तबीयत कुछ अधिक ही खराब  थी उन्हें जबरदस्त खांसी की शिकायत थी, दरअसल उनके फेफड़े खराब हो चुके थे।  ऐसी स्थिति में भी जिन्ना 13 अक्टूबर सन 1937 ई.   की शाम को लखनऊ पहुंचे। स्टेशन पर खलीकुलज्जमा और महमूदाबाद ने लीग के कार्यकर्ताओं के साथ जिन्ना का स्वागत किया ।और भारी जुलूस निकाला। इसी दौरान एक स्थान पर लीग के कार्यकर्ताओं से कुछ गर्म मिजाज कांग्रेसियों की झड़प हो गई । लखनऊ पहुंचकर जिन्ना ने पंजाब के सर सिकंदर हयात खान से भेंट की, और उनकी शक्तिशाली यूनियनिस्ट पार्टी को लीग में मिलाने की शर्तें भी सुनी। जिन्ना ने तहे दिल से उनकी शर्तों का स्वागत किया । उस दिन फजलुल हक ने भी लीग का साथ देने का निर्णय लिया था जिससे दक्षिण एशियाई मुसलमानों के निर्माणाधीन राज्य में एक पूर्वी शाखा भी जुड़ गई।   शाम होते-होते जिन्ना समझ गए कि उन्होंने दूसरे लखनऊ करार को जन्म दिया है।वह  पूरे दक्षिण एशिया को विभाजित कर देगा।उस   रोज  जिन्ना काफी जोश में थे। उन्होंने लखनऊ अधिवेशन के लिए एक खा

बिहार विधानसभा चुनाव में रिहाई मंच की टीम पहुंची खगड़िया जिले के परबत्ता विधानसभा क्षेत्र में

बहुजनों को सामाजिक न्याय के दुश्मन एनडीए को हराना है-राजीव यादव  रिहाई मंच की टीम परबत्ता विधानसभा पहुंची. वहां से बिहार में जमीन से उभर रहे बहुजन आंदोलन के चर्चित युवा कार्यकर्ता नवीन कुमार मैदान में हैं. वे बिहार में सामाजिक न्याय की लड़ाई को नये सिरे से गढ़ने की जद्दोजहद कर रहे दलित-बहुजन संगठनों के साझा मंच-सामाजिक न्याय आंदोलन(बिहार) के कोर कमिटी सदस्य भी हैं. वे खासतौर पर अतिपिछड़ों को संगठित करने का काम कर रहे हैं साथ ही सफाईकर्मियों के आंदोलन से भी जुड़े हैं. रिहाई मंच की टीम महासचिव राजीव यादव के नेतृत्व में बिहार चुनाव में जमीनी स्तर पर सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता व लोकतंत्र के पक्ष में संघर्षरत उम्मीदवारों के पक्ष में अभियानरत है. बांके लाल यादव, शकील कुरैशी,अवधेश यादव, आदिल आज़मी और अज़ीमुश्शान फ़ारूक़ी टीम में शामिल हैं. रिहाई मंच की टीम ने परबत्ता विधानसभा में नवीन कुमार के पक्ष में अभियान चलाया और नेताओं ने कई नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया. रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि सवर्णों के शासन-सत्ता की संस्थाओं व अन्य क्षेत्रों में वर्चस्व की गारंटी के लिए 2019 के लोकसभा

हमें तो हमारे रहनुमा ही ले डूबे!

 हमें तो हमारे रहनुमा ही ले डूबे। जिन्हें रहबर समझा वे रहजन निकले। आज हमारा सितारा भी बुलंदियों पर होता, अगर हमारे रहनुमाओं ने अपनी जिम्मेदारी ठीक तरह से निभाई होती। इतनी बेबसी और लाचारी तो बिल्कुल ना होती, किसको सुनाए दिल की बात , डूबने वाले डूब गए, मलते रहो साहिल पे हाथ  आजादी के 73 साल बाद भी हम न जाने कितनी पार्टियों के मोहताज बनकर रह गए हैं। इंसाफ और रोजगार तो क्या मिलेगा ? अब तो आजादी से जीने का हक मिल जाए गनीमत है । हमारी आने वाली नस्लों को लिए विरासत में कुछ छोड़े जाने की बात क्या की जाए, एहसान जाफरी जैसी त्रासदी से भी जो रहनुमा सबक  नहीं सीखते उनके लिए मिसाल देना बेमानी है। ए मेरी कौम के रहनुमाओ जागो ,उठो,नई उम्मीद, नए सवेरे के साथ  तोड़ दो गुलामी की जंजीरों को,कभी इस घर, कभी उस घर ,यह गुलामों की सी जिंदगी भी कुछ जिंदगी है। गुलामी करो अपने आका ( स.) की और अंधेरो को चीरते हुए रोशनी की मशाल जला दो, फिर देखना आपको भी बहुसंख्यको की तरह इज्जत और स्वाभिमान से जीने का अधिकार मिल जाएगा। इतिहास को पढ़ो, अपनी आने वाली नस्लों की पढ़ाई का इंतजाम करो, उनकी स्वास्थ्य सेवाओं और रोजगार की कोई

"की टुकटुक - बिहार मा चुनाव छः! "

              मुझे बगैर टीवी देखे यकीन हो गया कि बिहार को स्वर्ग से सुंदर बनाने के दिन आ गए । अब बिहार में दरवाज़ा खटखटा कर लोगों को नौकरी दी जायेगी, - बड़ी दूर से आए हैं ' हाथ में लड्डू लाए हैं ' ! कोई दस लाख नौकरी लाया है, तो कोई उन्नीस लाख़ ! ( जाने आज तक किस गोदाम में संभाल कर रखी थीं !) लोग दुर्दिन के लिए ही तो बचा कर रखते हैं ! कोरोना में छीनकर लॉकर में रख दिया था, अब चुनाव में काम आएंगी ! कई पार्टियां सकते में हैं ! इतनी सारी नौकरिया इन दोनों ने बांट दी, अब मै क्या बांटू ! झोले में रखी जन्नत में दीमक ना लग जाए !                 पूरे अड़सठ साल में जहां जहां सड़क नहीं बन पाई थी, अब आठ हफ्ते में लाकर वहां सड़क रख रख दी जायेगी ! सड़क होगी तभी तो विकास गाँव तक पहुंचेगा ! ( जहां सड़क नहीं है, विकास ग्राम प्रधान के घर से आगे जाता ही नहीं !) सड़क कितनी ज़रूरी है, ये तो अप्रैल और मई में ही पता  चल गया था जब लॉक डॉउन में पूरे देश के मज़दूर शहरों से पैदल ही गांवों को चल पड़े थे ! सड़क बहुत ज़रूरी है ताकि शहर से गांव तक पैदल आने में असुविधा न हो ! ( रहा कोरोना , तो प्राकृतिक आपदा का

जम्मू कश्मीर यदि हिंदू बहुल होता तो अनुच्छेद 370 कभी नहीं हटता चिदंबरम

  पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी  चिदंबरम ने अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को  समाप्त करने के लिए रविवार को भाजपा की  , आलोचना की और कहा कि यदि जम्मू कश्मीर हिंदू बहुल राज्य होता तो भगवा पार्टी इस राज्य का विशेष दर्जा ''नहीं" छीनती। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपनी ताकत से अनुच्छेद को समाप्त किया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर अस्थिर है और अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियां इस अशांत स्थिति को कवर कर रही हैं लेकिन भारतीय मीडिया घराने ऐसा नहीं कर रहे हैं। (साभार :हिन्दुस्तान)   Congress नेता ने कहा, ''उनका (भाजपा) दावा है कि कश्मीर में हालात ठीक हैं। अगर भारतीय मीडिया घराने जम्मू-कश्मीर में अशांति की स्थिति को कवर नहीं करते हैं तो क्या इसका मतलब स्थिरता होता है?" उन्होंने सात राज्यों में सत्तारूढ़ सात क्षेत्रीय दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्होंने राज्यसभा में भाजपा के कदम के खिलाफ ''भय के कारण सहयोग" नहीं किया। विपक्षी पार्टियों के असहयोग पर असंतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ''हमें पता है कि लोकसभा में ह