सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

"अंकल" जी नमस्ते


 


" अंकल" जी नमस्ते !

         अजीब सी बदलाव की बयार आई है! अब देखिए ना, अपने गांव वाले  'चच्चा ' पहले चाचा हुए फिर सीधे "अंकल" जी हो गए  ! अंकल जी होते ही उनके कैरेक्टर में परमाणु विखंडन के बाद वाली ऊर्जा आने लगी ! अब वो  "अंकल" जी को भी ओवरटेक करने का ख़्वाब देखने लगे ! मेरा अपना सोशल रिसर्च है कि ज़्यादातर अंकल जी बड़े खतरनाक होते हैं। उन्हें बुज़ुर्ग कह दो या आशीर्वाद मांग लो तो क्रोध में उनके अंदर दुर्वाशा ऋषि फूट पड़ते हैं! दरअसल साठ साल तक प्राणी अपनी उम्र कम बताता है और साठ के बाद ज्यादा ! 
                              क्या बीती होगी उनके दिल पर जब कॉलोनी की वो महिला जिसके लिए उन्होंने जुल्फ़ों पर इतनी मेहनत की थी, उनको देखते ही ' अंकल जी नमस्ते ' बोल दिया ! ( इस के साथ तो अंकल जी ने बद्दुआ के साथ शपथ भी ली होगी , ' तेरी गलियों में ना रखेंगे कदम - आज के बाद !")  -तमसो मा ज्योतिर्गमय - की कोशिश में लगे किसी बुज़ुर्ग को कोई रमणी भरी दुपहरी अंकल जी कह दे तो अंदर फेफड़े को जाती ऑक्सीजन भी कार्बन डाई ऑक्साइड में बदल जाती है ! केश और काया से ' बाबा ' नजर आ रहे कवि की पीड़ा देखिए, --' चन्द्र बदन मृगलोचनी बाबा कही कहि जाएं '! लागा कैरेक्टर में कोरोना, महिला ने कवि को बाबा की नज़र से देखा और बाबा को महिला  मृगलोचनी नज़र आई ! अब ' मास्साब ' क्लॉस  के छात्रों से बाबा की नीयत में  "अद्वैतवाद" ढूंढने को कहेंगे !( हम बोलेगा तो बोलोगे कि बोलता है!)
       जवानी के लिए हर किसी का जिया बेकरार होता है। लेकिन ये ज़वानी भी कब बता कर आती है। गरीबों के घर में बगैर बताये चली आती है। देखते ही गरीब डर जाता है,- ' इस गुरबत में बच्चों पर जवानी ! ऊपर वाले तेरा जवाब नहीं, कब दे क्या दे हिसाब नहीं '! जवानी तो सब पर आती है, पर हर किसी को देखने की फुरसत नहीं होती ! ज़िंदगी की भीड़ में , कशमकश के थपेड़ों में परिवार की नाव खेने में लगे कई इंसान किशोरावस्था से सीधे बुढ़ापे में जा खडे होते हैं ! फ़र्ज़ और पारिवारिक जिम्मेदारियों ने उनसे  "बूढ़ा" होने का एहसास ही छीन लिया ! एक लाजवाब शेर याद आता है,- 

जिम्मेदारियों की फेहरिस्त कितनी तबील है !
मेरे   बच्चे    मुझे   "बूढ़ा"  नहीं   होने   देते !!

            कौन बूढ़ा होना चाहता है। दो साल पहले मुझे पहली बार किसी ने अंकल कहा, सच कहूं - तन  बदन मेें लंका जल उठी!  ' तू अंकल -  तेरे खानदान के नौनिहाल तक अंकल !  ५५ साल में तो सपने तक नहीं पकते, उम्र कैसे पक गई ! ज़रूर तेरी आंख में मोतियाबिंद होगा ! अबे लौंडे! हम यूपी वाले तो साठ साल में जवान होते हैं ! सुना नहीं, - साठा  में पाठा -!! हम यूपी वाले ज़वानी की "बोंजई" नस्लें हैं ! हमारे यहां फौजदारी और लठैती के केस में नामजद लोगों में ज़्यादातर ५० साल से ऊपर वाले मिलेेगे। 
             शहर के अंकल ज़्यादा ख़तरनाक होते हैं। बुढ़ापे से दूर भागने में ये सबसे आगे है। फैशन इतना कि वॉकिंग और जॉगिंग के लिए भी सूट मुकर्रर है ! गोया ट्रैक सूट के अलावा धोती कुर्ता या कुर्ता पाजामा पहन कर मॉर्निंग वॉक पर गए तो  बीपी और शुगर जैसी बीमारियां नाराज़ हो जायेंगी! ऐसे अंकल बगुले से ज़्यादा सफेद कपड़ पहनते हैं और ईश्वर से निराश प्राणियों को मोक्ष और " रुकी हुई कृपा" रिलीज़ करते हैं। जबसे भाजपा आई, ऐसे  ' बगुलों ' की कुण्डली में शनि भारी पड़ गया । उन्हें  रामराज सूट नहीं कर रहा है !

     ये शब्द " अंकल जी"  जो है, देखन मे छोटो लगे - घाव करे गम्भीर ! सुनने और सुलगने के बाद प्राणी घर आकर शीशे में चेहरा देखता है। कहां कहां से " अंकल जी" झांक रहे हैं! बालों ने बिगुल बजाया है! क़िले पर शत्रु चढ़ गया,अब आसानी से तमाम कंगूरे ध्वस्त कर देगा ! ज़वानी के सारे पेंडिंग स्वप्न  "स्वाहा"! तभी तो कहूं, पिछली सर्दियों में घुटनें इशारा क्योें कर रहे थे ! अबे बुढ़ापे ! तू अस्सी के बाद यमराज के भैंसे के साथ साथ आ  जाता ! ऐसी भी क्या जल्दी !!

    अभी मैंने जी भर के देखा नहीं है!

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जो बाबा-साहेब को P.M नही बनने दिये वो क्या बहन जी को बनने देंगे ?

*👉--इसका जवाब पंडित नेहरू व राम मनोहर लोहिया व मौलाना अबुल कलाम आजाद व गाँधी जी व जिन्ना हरामी व 3743 OBC को बेवकूफ बनाने वाले बल्लभ भाई पटेल के पास है वही लोग बता सकते थे परन्तु---?*  *👉--बाबा-साहेब के ऐकला आदर्शवादी चेला भीमवादी दलित बब्बर शेर मान्यवर काँशीराम साहब प्रधानमंत्री नही बन सके* *👉--इसका खुलासा (स्व०)-मुल्ला-मुलायम सिंह यादव साहब व लालू प्रसाद यादव साहब व 16-टुकड़ो मे बिखरे पूर्व जनता-दल के सभी नेतागण ही बता सकते है* *👉--चौधरी देवीलाल साहब प्रधानमंत्री नही बन सके और V.P सिंह साहब कैसे प्रधानमंत्री बन गये इसका जवाब काँग्रेस व BJP के पास है---परन्तु काँग्रेस-BJP को ठोकर मारकर BSP के जन्मदाता मान्यवर काँशीराम साहब के बल पर जब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री V.P सिंह साहब ने मंडल आयोग लागू किया तो मनुवादी लोग मानो चट्ठी मे पेशाब हो गया उसी समय से वी॰~पी॰सिंह साहब देश के असली रहनुमा-मसीहा-रहबर बन गये अर्थात भीमवादी क्षत्रिय बन गये ऐसा कथन बहुजन हसरत पार्टी BHP का देशहित-जनहित में है*  *👉--यदि भीमवादी क्षत्रिय तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय V.P सिंह साहब मंडल-आयोग लागू नही किये होत

भाजपा सरकार में किसान, नौजवान, महिलाएं, और गरीब सभी दुखी हैं| पिछडों, दलितों के आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है- अताउररहमान

Report By Anita Devi  बहेड़ी समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित जिला सचिव अंशु गंगवार  के नेतृत्व में ग्राम भोपतपुर अड्डे पर  खिचड़ी भोज का आयोजन हुआ|  जिसमें मुख्य अतिथि रहे सपा प्रदेश महासचिव व विधायक अताउरहमान  (पूर्व मंत्री) ने नवनिर्वाचित जिला सचिव का फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत  करते हुए सभा को संबोधित करते हुए कहा की भाजपा सरकार में किसान, नौजवान, महिलाएं, और गरीब सभी दुखी हैं| पिछडों, दलितों के आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है| सभी लोग संबिधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए आदरणीय अखिलेश यादव जी के हाथों को मजबूत करें और श्री रहमान जी  खिचड़ी भोज में शामिल हुए|    इस मौके पर जिला छात्र सभा अध्यक्ष  मुकेश यादव, विधानसभा कोषाध्यक्ष हरस्वरूप मौर्य, जिला पंचायत सदस्य ब्रह्मस्वरूप सागर, मुशर्रफ अंसारी, शांतिपाल गंगवार, बूंदन अंसारी,प्रबन्धक देवकी नंदन गंगवार, रघुवीर,डॉ लालता प्रसाद, किशन गंगवार, इरशाद अंसारी, इरफान खां, बब्बन खां, दानिश खां, संजीव, परवेज गंगवार,तुलाराम गंगवार,आदि लोग मौजूद रहे

*NDA-बनाम-INDIA का उदय EVM-कोलेजियम को जीवनदान देने के लिए हुआ है*

*क्या NDA-बनाम-INDIA कि आड़ मे EVM-कोलेजियम फिर बच गया* * (1)-क्या UPA-काँग्रेस/अब नया नाम INDIA रखा गया है जो NDA काँग्रेस कि पैदा कि हुई B-टीम BJP है पंडित-पुजारी कि पार्टी काँग्रेस-BJP के अंदरूनी साँठ-गाँठ वाले आतंक को कैसे नष्ट किया जाय इसका जवाब यदि किसी को चाहिए तो देशहित-जनहित मे इस लेख को दिल से सैल्यूट करते हुए अंत तक पढ़े और पढ़ते हुए आपको खुद एक ऐसा रास्ता दिखेगा जिस रास्ते पर कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोगों को भरपूर सफलता दिखाई देगी तथा बुद्ध के शूद्र जो आज के Muslim Sc St Obc वंचित हजारो कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोग है इन्हे समझ मे आयेगा कि NDA-UPA का नया अध्याय NDA-बनाम-INDIA का उदय क्या EVM-कोलेजियम को जीवनदान देने के लिए हुआ है* *(2)-NDA-बनाम-INDIA का ड्रामा फैलाकर हे काँग्रेस-BJP दोनो पक्ष-विपक्ष कि भूमिका निभाने वाली पंडित-पुजारी कि पार्टीयों इस EVM-कोलेजियम को मत बचाओ हा-हा-हा-पूर्व जनता-दल के सभी 16-टुकड़ो में बिखरे नेतागण काँग्रेस को लेकर जो विपक्ष कि मीटिंग BJP-जटाधारी-फेकूचन्द मोदी के सत्ता के खिलाफ कर रहे है ये सब ढोंग और बकवास है क्यों