पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता हिंदू मुस्लिम एकता के सूत्रधार काजी रशीद मसूद का आज निधन हो गया।
यह जमीन खा गई आसमां कैसे -कैसे
आखिरकार जो दुनिया में आया है उसको जाना ही है। हिंदू - मुस्लिम एकता के प्रतीक लोगों के चहेते और नेता बनाने की फैक्ट्री कहे जाने वाले नेताजी रशीद मसूद का इस दुनिया ए फानी से जाना हमेशा याद रखा जाएगा । सहारनपुर से 9 बार लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य और केंद्रीय सवास्थ्य राज्य मंत्री रहे दिग्गज नेता रशीद मसूद इस दुनिया ए फ़ानी को अलविदा कह गए,रशीद मसूद का क़द इतना बड़ा था कि मुलायम सिंह यादव ने विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर उनको उपराष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ाया था,देश ही नही दुनिया भर में मशहूर रशीद मसूद नेता बनाने की फैक्ट्री माने जाते थे,जगदीश राणा,संजय गर्ग,कुंवरपाल दूधला, कुंवरपाल माजरा,धर्म सिंह मौर्य,इमरान मसूद को लीडर बनाने का श्रेय पूरी तरह से रशीद मसूद को ही जाता है,केंद्र सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री भी रहे और एक बार एपीडा के चेयरमैन भी रहे थे रशीद मसूद,पश्चिम उत्तर प्रदेश के एकमात्र ऐसे लीडर रहे जिनको हिन्दू मुस्लिम वोट बराबर पड़ता रहा और जनता उनको धर्मनिरपेक्ष नेता मानती रही,लंबे वक्त से बीमार चल रहे रशीद मसूद को पिछले महीने कोरोना हुवा तो दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती किये गए और करीब एक महीने भर्ती रहने के बाद कोरोना को मात देकर नेगेटिव होकर सहारनपुर घर वापिस आये मगर कल सुबह अचानक तबियत खराब होने के बाद रुड़की में भतीजे कर्नल अदनान मसूद के अस्पताल में ले जाये गए और आज आख़री सांस पूरी कर इस दुनिया ए फ़ानी से कूच कर गए,यकीनन लंबे वक्त तक याद किये जायेंगे रशीद मसूद और हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक और धर्मनिरपेक्ष नेता के रूप में उनकी मिसाल हमेशा दी जाती रहेगी::
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