आजादी के मतवाले(55)+10
4 :- फैयाज अली दिल्ली वासी क्रांतिकारी संघर्ष में भाग लिया जिसके कारण उन्हें 12 मार्च 1858 में फांसी दे दी गई। 5:- गुलाम अशरफ पठान करनाल हरियाणा वासी इंकलाबी संघर्ष में सक्रिय भाग लिया। अंग्रेजों के एक बंगले में आग लगा दी (यह आग संबलपुर में लगाई गई थी) विद्रोह में सम्मिलित होने के कारण 4 फरवरी 1858 को उन्हें फांसी दे दी गई ।
6 :- गुलाम कुतुबुद्दीन शेख दिल्लीवासी 18 नवंबर 1857 में मिलिट्री कमिश्नर ने उन्हें फांसी की सजा का हुक्म दिया।
7 :- मौलाना फजलुल हक आत्मज मौलाना फजल इमाम खैराबादी सरिश्तादार जन्म 1797 दिल्ली में रेजीडेंसी में सरिश्तेदार के पद पर स्थापित थे। इस पद से इस्तीफा दिया और विद्रोह में खुलकर भाग लिया । स्वतंत्र भारत के नियम बनाए । जनता को उत्तेजित किया कि वह मुगल बादशाह की सहायता करें और अंग्रेजी सरकार के खिलाफ संघर्ष में सम्मिलित हो। दिल्ली का विद्रोह समाप्त होने पर खैराबाद चले गए। अंग्रेजों की फौज ने उन्हें गिरफ्तार किया और अंडमान दीप में कैद कर दिया जहां 1861 में उनकी मृत्यु हो गई।
8 :- खान बहादुर खाँ: का जन्म 1781 हाफिज रहमत खान के पोते रूहेलखंड के अंतिम शासक, बरेली के हाकिम 1857 कि इंकलाबी तहरीर के अगुआ । बरेली की लड़ाई में पराजित होने के पश्चात पीलीभीत चले गए। फिर वहां से नेपाल Lord Colyde लोड कोलीडे ने नेपाल पर कब्जा कर लिया और वह गिरफ्तार कर लिए गए। विद्रोह में भाग लेने के कारण उनको फांसी की सजा हुई।
9 :- महमूद शाह मुगल शहजादा - अंग्रेजों की आक्रामक सेना का मुकाबला किया। मिलिट्री कमिश्नर के आदेश पर 18 नवंबर 1857को फांसी दी गई ।
10 :- महमूद शेख आत्मज अब्बा शेख : मुगल शहजादा इंकलाबी मुहिम में लाल किले पर अंग्रेजी सेना से जंग की । स्पेशल कमिश्नर के आदेश से 8857 फांसी दी गई।
11 :- मिर्जा आबिद उद्दीन और मिर्जा मझले आत्मज मिर्जा जहूरउद्दीन दिल्ली के रहने वाले मुगल शहजादा। अंग्रेजी फौजियों की पेशकदमी रोकने में जबरदस्त मुकाबला किया बंदी बनाए गए और 18 57 में फांसी दे दी गई ।
12 :- मिर्जा अब्बास और उर्फ मिर्जा अली दिल्ली के रहने वाले मुगल शहजादा ,स्पेशल कमिश्नर के के आदेश से उनको फांसी की सजा हुई।
13 :-मिर्जा अबू बकर - बहादुरशाह जफर पोते थे ।मुगल सेना के साथ इंकलाबी लड़ाई में अंग्रेजी सेना के विरुद्ध जमकर लड़ाई की कैप्टन हडसन ने उन्हें गिरफ्तार किया और 22 दिसंबर 1875 को दिल्ली गेट के बाहर गोली से उड़ा दिया ।
मिर्जा अहमद बख्श आत्मज मिर्जा कादिर बख्श मुगल शहजादा दिल्ली में अंग्रेजी फौज से मुठभेड़ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बंदी बनाए गए और 1857 को फांसी दे दी गई
शेष अगले अंक में़़़़.......................
प्रस्तुति एस ए बेताब संपादक (बेताब समाचार एक्सप्रेस) हिंदी मासिक पत्रिका एवं यूट्यूब चैनल वेबसाइट बेताब समाचार एक्सप्रेस डॉट पेज betabsamacharexpress. page
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