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आजादी के मतवाले (49)कैदी अंडमान द्वीप आजीवन कारावास


 आजादी के मतवाले( 49)

कैदी अंडमान द्वीप आजीवन कारावास 


यहां  कि प्रत्येक कोटरी 5 फुट  चौड़ी है, छत बहुत ऊंची ऊपर एक छोटा सा रोशनदान सभी कोठरिया  बहुत छोटी और अंधेरी।  दिन और रात में एक बार दरवाजा खुलता था । उस समय एक जमादार और सिपाही आते थे। उनके साथ एक बावर्ची होता जिसके हाथ में दो रोटिया और दाल होती थी ।साथ ही  एक पानी वाला जिसके मटके में पानी होता था और एक भंगी जो गमला उठाने आता था ।  बावर्ची दो रोटियां दाल देता पानी वाला लोटे में पानी डालता और भंगी साफ गमला रख जाता।


 सूची 


कैदी अंडमान द्वीप आजीवन कारावास


  1 :- मियां अब्दुल गफ्फार अजीमाबाद( पटना) के निवासी थे। अंबाला षड्यंत्र केस के अभियुक्तों में से थे मौलाना  याहिया अली और मोहम्मद जाफर थानेसर के साथ 11 जनवरी 1866 को एक लंबा समय कालापानी मे गुजारकर  अजीमाबाद (पटना) वापस आए।

2 :- मौलवी अमीरुद्दीन मालदा के मुकदमा में उम्र कैद की सजा हुई । 3 मार्च को रिहाई मिली।

 3 :- मौलवी तबारक अली विद्रोह करने का झूठा इल्जाम लगाया गया। उम्र कैद हुई और जायदाद जब्त की गई। 2 मार्च 1883 को अनुमान की जेल से छूटे।

4:- मियां मसऊद गुल जिला बोगरा बंगाल के निवासी थे। 1807 में गिरफ्तार हुए। 18 अप्रैल 18 83 में रिहा हुए ।5 :-मुफ्ती इनायत अहमद काकोरी आप पर विद्रोह का मुकदमा चला कर  अंडमान  भेज दिया गया। एक अंग्रेज ऑफिसर के आग्रह पर प्रसिद्ध अरबी पुस्तक तकवीमुल बलदान  का अनुवाद किया। और यही अनुवाद उनके रिहा होने का कारण हुआ । आपने जेल के समय में अरबी की पुस्तक इलमुलसेगा लिखी जो अभी मदरसे के पाठ्यक्रम में सम्मिलित है । 

6:- मुनीर शिकोहाबादी यह अंग्रेजों से विद्रोह करने वालों में से थे मुकदमा चला। अदालत ने काले पानी की सजा दी और   अंडमान द्वीप  भेज दिए गए। 8 वर्ष व्यतीत करने के बाद एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के आग्रह पर रिहा हुए। आजाद होने पर रामपुर लौटे और 1879 मे मृत्यु हुई ।

और वही दफनाए गए।  

 7:- मिर्जा विलायत हुसैन: मिर्जा साहब गिरफ्तार हुए। विद्रोह का मुकदमा चला। कालापानी भेज दिए गए वतन शिकोहाबाद का मुंह दोबारा देखना नसीब नहीं हुआ पूरा जीवन उसमें व्यतीत कर दिया। और वहीं दफन है।

8:- नेयाज मुहम्मद खाँ  यह विद्रोहियों के नेता थे गिरफ्तार हुए। विद्रोह के मुकदमे में सजा हुई और अनुमान भेज दिए गए और वहीं दफन हुए  

9:- अमीर खान का चमड़े का बहुत बड़ा व्यापार था विद्रोहियों की एक हुंडी इनके यहां पाई गई। इस आरोप में उन को काला पानी भेज दिया गया और जायदाद की कुर्की हो गई । मौलाना मोहम्मद हुसैन उत्तेजित करने वालों बातों और विद्रोही की भावना उत्पन्न करने वाले भाषणों के आधार पर गिरफ्तार हुए और काला पानी भेज दिए गए ।और वहीं दफन हुए।

 शेष अगले अंक में प्रस्तुति एस ए बेताब  संपादक "बेताब समाचार एक्सप्रेस" हिंदी मासिक पत्रिका एवं यूट्यूब चैनल

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