झुग्गी से निकलकर पहुंचा फिल्मी दुनिया में, और बन गया एक्शन स्टार, खिलते हुए गुलाब की कहानी है जिसे कहते हैं गुलाब सलाट
कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता
एक एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो
गुलाब सलाट ने साबित किया है कि मेहनत ,हिम्मत और लगन इंसान को कामयाबी के शिखर पर पहुंचा देती है। अपनी मेहनत और लगन के बल पर गुलाब सलाट ने एक्शन स्टार बनकर जो कामयाबी हासिल की है वह युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। आइए आपको मिलवाते हैं गुलाब सलाट से , गुलाब सलाट की कहानी उन्हीं की जुबानी।
मेरा नाम गुलाब सलाट एक्शन एक्टर है 20/09/1984 मैं जन्में आनंद गुजरात की पैदाइश हूं मेरे पापा एक हाथ मजदूरी करके अपने बेटे के लिए दिन रात मेहनत कर कर पैसा जुटाना शुरू कर दिया था एक वक्त की रोटी खाने के भी वाले थेघर में ना तो दीवाल है ना तो कोई भी बिजली है सिर्फ चारपाई की तंबू में अपना जीवन गुजारा था फिर भी हिम्मत नहीं हारे गुलाब के पिताजी ने तम्मा भाई सलाट उस वक्त गुलाब की उम्र 8 साल की थी तब से गुलाब को जूनून लगा कि मुझे फिल्मों में काम करने के लिए मुझे काफी कलाकारी का संघर्ष करना पड़ेगा तो गुलाब के पापा तम्मा भाई ने एक मार्शल आर्ट कराटे एकेडमी में जॉइनिंग करा दिया था धीरे धीरे उम्र के बावजूद उनकी मेहनत से वह कराटे मार्शल आर्ट वाड़ो काई मैं ब्लैक बेल्ट हासिल किया 5 बरस के बाद कराटे के साथ-साथ वह बाग बगीचों में जाकर अपने डांस की और बॉडी स्टंट की भी ट्रेनिंग करते थे बिना मास्टर के डांस परफॉर्मेंस मजबूत किया और एक डांस एकेडमी में जॉइनिंग करवा दिया था गुलाब के पिताजी तम्मा भाई ने लेकिन गुलाब के पिताजी ने पैसा कमाने में और हाथ मजदूरी करने में पीछे नहीं हटे चाहे कुछ भी हो जाए मेरे बेटे को फिल्म सुपरस्टार बना कर ही रहूंगा चाहे मेरा समाज मेरा जिला मुझे कुछ भी कहे और गुलाब ने धीरे-धीरे ट्रेनिंग करके अपनी ट्रेनिंग को एक मजबूती की पाई की बुलंदी को छुआ और वहां से आंध्र प्रदेश हैदराबाद के लिए आनंद जिले से रवाना हुए जिम्नास्टिक स्टंट और ब्रेक डांस की ट्रेनिंग के लिए और 1 साल की कड़ी मेहनत कर कर अपने जिले में वापस आए आनंद में और अपने समाज को और जिले को अपना कर्तव्य कर दिखाया और गुलाब के पिताजी को ऐसा लगा कि अब मेरे बेटे को मुंबई लेकर जाऊंगा कोई फिल्म प्रोड्यूसर से या डायरेक्टर से मिलवा ना पड़ेगा तभी मेरे बेटे को बॉलीवुड में चांस मिल पाएगा फिल्म के काम के लिए गुलाब के पिताजी ने गुलाब को आनंद जिले से लेकर मुंबई रवाना हुए और वहां से एक फ्रॉड डायरेक्टर मिला और₹15000 का चूना लगाया पिता को भोले के आपके बेटे के अंदर काफी हुनर छुपा हुआ है तो पूरी बॉलीवुड में चल सकता है।
उसी तरह पापा को उल्लू बना कर पैसा ठगा काम तो कुछ नहीं मिला फिर भी गुलाब ने गुलाब के पिता जी ने हिम्मत नहीं हारे मुंबई छोड़कर आनंद वापस आए ऐसे में पापा की मृत्यु हो गई तम्मा भाई की गुलाब बिल्कुल कमजोर हो गया कि मैं अकेला क्या कर सकता हूं फिर देखो किस्मत कहां ले जाती है पूरा परिवार भूख से मर रहा था दो बहन ने थी दो भाई और मेरी मां सोनी बैंन तीसरा भाई मैं जो आठवीं कक्षा तक पढ़ाई करके पापा के मृत्यु के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी घर में कमाने वाला कोई नहीं था कराटे क्लासेस चलाकर कुछ पैसा जमा करता था घर चलाने के लिए कुछ छोटे-मोटे डांस के परफॉर्मेंस दिखा करें लोगों का दिल बहला कर कोशिश लगातार करता रहा गुलाब ने गुलाब को ऐसा लगा कि फिल्म स stunt के डायरेक्टर से मिलना बहुत ही जरूरी है कभी यहां से वहां कभी मुंबई कभी बेंगलुरु कभी आंध्रप्रदेश तो कभी चेन्नई तो कभी कलकत्ता और कभी दिल्ली उनकी ऑफिस में जा जाकर मिलता था।
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