देश में बुद्धिजीवियों द्वारा चर्चाओं का विषय बना हुआ है। इन बातों में कितनी सच्चाई है हम सभी को विचार करना आवश्यक है। भारत के प्रधानमंत्री जी का खर्च ₹5 लाख से ऊपर ,महामहिम राष्ट्रपति जी का खर्च ₹7 लाख से ऊपर, 24 घंटे में हो जाता है। 1 साल में सत्ता पर काबिज सभी नेताओं का खर्च कितना हो सकता है विचार लगाएं? जनता के दिए गए जीएसटी टैक्स से सभी सरकार चलती है। वोट दे जनता, विश्वास करे जनता, कानून का पालन करें जनता ऐसो आराम की जिंदगी जिए मौज मनाएं जनता का चुनाव हुआ नुमाइंदा बीजेपी पार्टी व मीडिया ने 2014 चुनाव में माननीय नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री का चेहरा घोषित कर विकास पुरुष, अच्छे दिन ,अत्याचार, भ्रष्टाचार, बलात्कार ,महंगाई की मार, बेरोजगारी, शिक्षा, रोजगार, काला धन, 15 लाख ,इन सभी को लेकर देश की जनता को कोरे सपने दिखाकर अंध भक्ति में लीन कर दिया। उसके बाद लोगों के दिमाग में जाति, धर्म, द्वेष ,भावना का चश्मा चढ़ा दिया। आत्मनिर्भरता किसके सहारे देश की जीडीपी 0% से नीचे चली गई। सबका साथ सबका विकास, नाली की गैस से समाप्त हो गया। रोजगार के नाम पर पकौड़ा तले, अनजान चौकीदार बन गया। इंसानियत, सहनशीलता, मान - मर्यादा ,भारतीय संस्कृति मिट्टी में मिल गई । बताया जा रहा है केंद्र ने अब तक लगभग 1700 कानून बनाए । देश जनता की बर्बादी के लिए जिसमें मुख्य नोटबंदी ,जीएसटी, बैंकों का निजीकरण, 27 में से 5 बैंक करने की तैयारी, nrc ,caa ,npr ,धारा 370 ,35a ,377, 495 ,बूचड़खाना, डीजल ,पेट्रोल ,रसोई गैस, बिजली बिल ,रेल किराया ,भाड़ा आदि में बढ़ोतरी कर आम आदमी की कमर तोड़ दी । घरेलू गैस सब्सिडी खत्म कर दी। सरकारी संस्थाएं 60% निजी करण में कर दी । बीमारी ठीक करने वाली लगभग 450 सस्ती दवाइयां बंद कर दी । सस्ती दवाइयों की जगह है 15% से 80% महंगी दवाइयां बाजार में उतार दी । 12% टैक्स की जगह ,जीएसटी को चार जोनों में बांट दिया ।5%, 12% ,18%, 28% ,पहले जिन लगभग 20% वस्तुओं पर टैक्स नहीं था उनको भी जीएसटी व टैक्स के दायरे में लिया। 5 साल का संविदा कानून नौकरियों पर बड़ा घोटाला, काला कानून बताया जा रहा है। लाल किले को सबसे पहले बेच दिया । ₹935000 का सूट खरीद कर तीन करोड़ 45 लाख में बेच दिया । चाय बेची, 35 साल भिक्षा मांगी ,खूब करे, सैर सपाटे ,केवल जुमले बांटे। जिसने की सच्चाई उजागर उस पर कानून का हंटर, लात घूंसे लगाए ,चाटे । गोद लिए गांव अभी तक एक भी घुटनों पर नहीं चला । पवित्र धर्मस्थल, पवित्र धर्म ग्रंथ ,औलिया, पैगंबर ,देवी देवता ,महापुरुष ,शूरवीर आदि शक्तियों का जाति धर्म के नाम पर अपमान कर, देश की जनता के दिमाग में नफरत का बीज बो दिया। लॉकडाउन ने चंद लोगों को मालामाल कर देश की 90% आबादी को बर्बाद कर दिया। गोदी मीडिया सत्ता में बैठी सरकार झूठ का झंडा बुलंद कर रही है । विश्वास करने वाला किसान मजदूर बेसहारा सड़कों पर भटक रहा है ।पुलिस की लाठियां, तानाशाही कानून, अंग्रेजी शासन को ताजा कर शासन प्रशासन पर अपने ही देशवासी प्रसन्न चिन्ह लगा रहे है। वोट देकर सत्ता पर बीजेपी को बैठाने वाला खून के आंसू रो रहा है। सच्चाई को उजागर करने वाले विपक्ष व बुद्धिजीवी लोगों पर संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हो रहे हैं । उनको देशद्रोही ,अलगाववादी ,आतंकवादी न जाने कितने गलत शब्दों से उनका अपमान किया जा रहा है। विश्वासघात करना, जहर देने से भी ज्यादा खतरनाक होता है ।चोट जिसे लगती है दर्द उसी को होता है ।लोग कह रहे हैं (जिसके नहीं होता घर परिवार वह क्या जाने अत्याचार) अरे देशवासियों निजी स्वार्थ , द्वेष भावना में मत करो किसी को लाचार समझो, मां-बाप के प्रति औलाद से प्यार समाज के प्रति सम्मान का अधिकार। नफरत की आंधियों ने पहाड़ों को उजाड़ दिया। इंसान की कोई औकात नहीं होती। ठोकर लगने के बाद भी मूर्ख इंसान ऊपर वाले को ही दोषी ठहराता है । पवित्र धर्म ग्रंथों में लेखों में दर्शाया गया है । करनी का फल आज नहीं कल भोगना पड़ेगा। ऊपर वाले की लाठी में आवाज नहीं होती। सीमा पर जवान देश के अंदर किसान बीजेपी सरकार में सबसे ज्यादा परेशान, किसान को जब दर्द होता है ऊपर वाला भी जरूर महसूस करता होगा । क्योंकि किसान, परोपकारी, सहनशील ,आशावादी ,ईमानदार ,उदारवादी, जुझारू, कर्मठ ,हिम्मतवाला ,विश्वास कारी, सवाब, पुण्य का काम करने वाला है पिछले 6 सालों में लगभग किसान पर 40% का भार बढा किसानों की आय दोगुनी करने का वादा कर किसानों की बर्बादी के रास्ते खोल दिए सरकारी संस्थाएं बेची अब किसानों को और किसानों की पैदा की गई फसलों को ही निजी करण में कर दिया सच्चाई उजागर करने वाले विपक्षियों को बेवकूफ बताया जा रहा है बर्बादी के कानून बनाकर उसके फायदे बताए जा रहे हैं मुस्लिमों को टारगेट पर रख कर चंद लोगों को छोड़ पूरे देशवासियों को बर्बादी के किनारे पर खड़ा कर दिया किसका भला हुआ कौन हुआ बर्बाद गोदी मीडिया व गोबर भक्तों के दिमाग में मोदी जी जिंदाबाद देश की सीमाएं आम आदमी अच्छे पत्रकार देश की नारी सच्चाई उजागर करने वाले लोग किसान बेसहारा मजदूर गरीब सुरक्षित नहीं पड़ोसी मुल्क नाराज हैं विदेशों में भारत की छवि धूमिल हो गई है भारत पर विदेशी कर्जा लगभग 600 मिलीयन डॉलर बताया जा रहा है गोदी मीडिया द्वारा झूठ गुमराह नफरत की चासनी में लपेट कर ढोल बजाया जा रहा है अच्छे दिनों का पता नहीं बुरे दिनों की खाई चारों तरफ बताई जा रही है भारत की सांस्कृतिक प्रशंसा विदेशों में बड़े सम्मान से होती थी लेकिन सब तहस-नहस कर दिया हम देशवासी आपस में एक दूसरे को दुश्मन मान जाति धर्म के चश्मे को लेकर आगे बढ़ रहे हैं जो आगे आने वाली पीढ़ी के लिए कांटो की बाढ़ गहरी दलदल बताई जा रही है लगभग 70% देश की आर्थिक व्यवस्था को भारत का किसान अपने कंधों पर संभाले हुए हैं स्वार्थी सोच ने किसानों को अपने विश्वास में लेकर गलत नीतियां लागू कर दी किसान अपने जायज हक को संविधान के दायरे में मांगता है अपने ही देश वासी पुलिस वाले सरकार चलाने वाले लाठी-डंडों से और कानून से ठोक देते हैं ऊपरवाला देख रहा है न जाने क्या सोच रहा है( हमारे पूर्वजों का नारा हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई हम आपस में भाई भाई जय जवान जय किसान हम सबका भारत देश महान) ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है सच को हमेशा नहीं दबाया जा सकता एकता सबसे बड़ी ताकत होती है= गुलामी की जंजीरों को हमारे शूरवीर पूर्वजों ने तोड़ दिया था इस समय सभी की जागरूकता आगे बढ़ रही है सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के सामने सच्चाई उजागर हो रही है गोदी मीडिया से लोग नफरत कर रहे हैं= दुआ दवाई सच्चाई एकता देश के कोने कोने से दिखाई दे रही है बीजेपी इस बात को भलीभांति समझ रही
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