सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

देह व्यापार कोई अपराध नहीं



 मुंबई हाई कोर्ट का देह व्यापार में शामिल तीन युवतियों को  सुधार गृह से  रिहा करने का आदेश आया है  और इस आदेश के बाद यह बात तय हो गई है कि  देह व्यापार  कोई अपराध नहीं है  कोई वयस्क महिला  अपनी मर्जी से  अपना पेशा  चुन सकती है अब पुलिस को देह व्यापार के नाम पर  प्रताड़ित  करने का अधिकार नहीं रहेगा । बॉम्बे हाईकोर्ट ने देह व्यापार में शामिल तीन युवतियों से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए उन्हें सुधारगृह से रिहा करने के आदेश दिए। बृहस्पतिवार को अदालत ने तीन महिलाओं से जुड़े देह व्यापार के मामले पर सुनवाई करते हुए कहा, किसी भी वयस्क महिला को अपना पेशा चुनने का अधिकार है। अदालत ने कहा कि किसी भी वयस्क महिला को उसकी सहमति के बिना लंबे समय तक सुधारगृह में नहीं रखा जा सकता।न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि इममॉरल ट्रैफिकिंग कानून 1956 (अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम) का उद्देश्य देह व्यापार को खत्म करना नहीं है। इस कानून के अंतर्गत ऐसा कोई भी प्रावधान नहीं है जो वेश्यावृत्ति को स्वयं में अपराध मानता हो अथवा देह व्यापार से जुडे़ हुए को दंडित करता हो। इस कानून के तहत सिर्फ व्यवसायिक उद्देश्य के लिए यौन शोषण करने व सार्वजनिक जगह पर अशोभनीय हरकत को दंडित माना गया है।न्यायमूर्ति ने स्पष्ट किया है कि संविधान के तहत प्रत्येक व्यक्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने व अपनी पसंद की जगह रहने का अधिकार है। यह बात कहते हुए न्यायमूर्ति ने वेश्यावृत्ति से छुड़ाई गई युवतियों को सुधारगृह से छोड़ने का निर्देश दिया।मुंबई पुलिस की समाज सेवा शाखा ने सितंबर 2019 में तीनों युवतियों को छुड़ाया था। इसके बाद इन्हें सुधारगृह में भेज दिया था। कोर्ट ने मामले से जुड़े तथ्यों को देखने के बाद इन तीनों युवतियों को इनकी माताओं को सौंपने से भी इनकार कर दिया था और इन्हें प्रशिक्षण के लिए उत्तर प्रदेश भेजने का निर्देश दिया था। निचली अदालत ने सुनवाई के दौरान पाया था कि ये तीनों युवतियां ऐसे समुदाय से हैं जहां देह व्यापार इनकी वर्षों पुरानी परंपरा है।निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ तीनों युवतियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि तीनों युवतियां बालिग हैं। उन्हें अपनी पसंद की जगह रहने व पेशा चुनने का अधिकार है। न्यायमूर्ति  ने कहा कि इन तीनों युवतियों को हिरासत में भेजने से पहले युवतियों की इच्छा को जानना चाहिए था। न्यायमूर्ति ने निचली अदालत के दोनों आदेश को निरस्त कर दिया और तीनों युवतियों को सुधारगृह से मुक्त करने का निर्देश दिया।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

*EVM नये-छोटे-दलों का तथा BSP का उदय केंद्र मे नहीं होने दे रहा है*

(1)-पंडित पुजारी कि पार्टी काँग्रेस-BJP के नाटकीय नूरा-कुश्ती के खेल से 99% लोग अंजान है एक तरफ राहुल गाँधी भारत-जोड़ो-यात्रा का ढोंग कर रहे है तो दूसरी तरफ खडगे और शशी थरूर मे टक्कर दिखाकर खडगे (दलित) को काँग्रेस का अध्यक्ष बनाकर RSS-BJP कि जननी काँग्रेस BSP/भीमवादी दलित शेरनी बहन मायावती जी को शिकस्त देने के लिए दाँव-पेंच खेली है तथा इन बुद्ध के शूद्रो पर जो आज के MUSLIM SC ST OBC वंचित हजारों कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोग है इन्हे राजनीति के क्षेत्र में नपुंसक व अपाहिज बनाने के लिए जबरजस्त बेहतरीन चाल भी चली है इसलिए अम्बेडकर-वादी छुट भैये अवसर-वादी निकम्मा न बनकर 'भीमवादी-बनो' बहुजन हसरत पार्टी BHP कि बात पर तर्क करो गलत लगे तो देशहित-जनहित मे माफ करो* *(2)-जब-जब BSP को तोड़ा गया तब-तब Muslim Sc St Obc बुद्ध के शूद्र वंचित हजारों कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोगो ने उसके अगले ही चुनाव में BSP को 3-गुना ज्यादा ताकतवर बनाकर खड़ा किया है जैसे-1993/1995/1997 व 2002-03 में BSP को अ-संवैधानिक तरीके से तोड़कर समाजवादी पार्टी व BJP...

चुनाव आयोग जी बैलेट-पेपर को जिन्दा करो या बहुजन हसरत पार्टी कि मान्यता रद्द करो

सेवा मे:---*   *1..आदरणीय महामहिम राष्ट्रपति महोदया साहिबा जी, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली-110004* *2..माननीय केन्द्रीय चुनाव/निर्वाचन आयोग, निर्वाचन सदन, अशोक रोड, नई दिल्ली-110001* *माननीय महोदय/महोदया जी* *विषय:--दिनाँक 25/11/2020 से 28/5/2023 और अब 28/11/2023 तक 1000-1200 के इर्द-गिर्द रजिस्टर्ड-AD भेजकर EVM हटाकर पारदर्शी ''बैलेट-पेपर'' से चुनाव कराया जाय तब फिर ऐसी परिस्थित मे न्याय-प्रिय ''बैलेट-पेपर'' से चुनाव न कराये जाने पर बहुजन हसरत पार्टी BHP कि अपनी खुद कि मान्यता ही रद्द कर दी जाय ऐसी माँग को पिछले करीब 50-महिने के इर्द-गिर्द से बहुजन हसरत पार्टी BHP ने 17/12/2022--22/12/2022--31/12/2022--02/01/2023--03/03/2023--06/03/2023--09/03/2023--25/03/2023--28/03/2023 से कहीं ज्यादा 28/5/19 से लेकर 28/11/23 तक लिखित लिखा-पढ़ी करके निवेदन पे निवेदन करती चली आ रही है परन्तु अभी तक न जाने क्यों बहुजन हसरत पार्टी BHP कि बात स्वीकार नही कि जा रही है परन्तु इस अपील कम सूचना/नोटिस के मिलते ही बहुजन हसरत पार्टी BHP कि अपनी मान्यता अब तो तत्काल रद्द...

जूनियर वकील साहब'' का दर्द बहुजन हसरत पार्टी देशहित-जनहित मे "बेताब समाचार एक्सप्रेस" के माध्यम से उजागर करती है

 * सेवा मे आदरणीय*  *1...माननीय प्रधानमंत्री जी, प्रधानमंत्री कार्यालय भारत सरकार नई दिल्ली 110011*  *2..आदरणीय लोकसभा स्पीकर संसद भवन, भारत सरकार नई दिल्ली 110001* *3..माननीय न्याय-विधि मंत्रालय कैबिनेट सेक्रेटरिएट, रायसिना हिल नई दिल्ली 110001* *4..भारतीय विधिज्ञ परिषद/BAR COUNCIL OF INDIA, 21 राउस एवेन्यू इंस्टिट्यूशनल एरिया नई दिल्ली 110002* *देश के सभी "जूनियर वकील साहब" का दर्द जो बहुजन हसरत पार्टी देशहित-जनहित मे उजागर करती है*  * विषय :--: बहुजन हसरत पार्टी BHP देशहित-जनहित मे देश के समस्त सर्व समाज के सभी "जूनियर वकील साहबों" के लिए 24 बिन्दु आपके समक्ष नत-मस्तक होकर तहेदिल दिल से पेश करती है कि देश के सर्व समाज के सभी "जूनियर वकील साहब" लोगो कि दिली-कहानी समझकर इसका निस्तारण करने कि कृपा करिये तथा बहुजन हसरत पार्टी BHP जो आप सहित सभी आला-मंत्री और आफिसरो को 28/5/2019 से 28/12/20 तक करीब 150 SPEED POST व रजि० आदि भेजकर माँग करी है तथा फिर पुनःह माह जनवरी 2021 मे "'जूनियर वकील साहब"' कि "'असली-आवाज"' व ...