सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

जूनियर वकील साहब'' का दर्द बहुजन हसरत पार्टी देशहित-जनहित मे "बेताब समाचार एक्सप्रेस" के माध्यम से उजागर करती है


 *सेवा मे आदरणीय* 

*1...माननीय प्रधानमंत्री जी, प्रधानमंत्री कार्यालय भारत सरकार नई दिल्ली 110011* 

*2..आदरणीय लोकसभा स्पीकर संसद भवन, भारत सरकार नई दिल्ली 110001*

*3..माननीय न्याय-विधि मंत्रालय कैबिनेट सेक्रेटरिएट, रायसिना हिल नई दिल्ली 110001*

*4..भारतीय विधिज्ञ परिषद/BAR COUNCIL OF INDIA, 21 राउस एवेन्यू इंस्टिट्यूशनल एरिया नई दिल्ली 110002*

*देश के सभी "जूनियर वकील साहब" का दर्द जो बहुजन हसरत पार्टी देशहित-जनहित मे उजागर करती है*

 *विषय :--: बहुजन हसरत पार्टी BHP देशहित-जनहित मे देश के समस्त सर्व समाज के सभी "जूनियर वकील साहबों" के लिए 24 बिन्दु आपके समक्ष नत-मस्तक होकर तहेदिल दिल से पेश करती है कि देश के सर्व समाज के सभी "जूनियर वकील साहब" लोगो कि दिली-कहानी समझकर इसका निस्तारण करने कि कृपा करिये तथा बहुजन हसरत पार्टी BHP जो आप सहित सभी आला-मंत्री और आफिसरो को 28/5/2019 से 28/12/20 तक करीब 150 SPEED POST व रजि० आदि भेजकर माँग करी है तथा फिर पुनःह माह जनवरी 2021 मे "'जूनियर वकील साहब"' कि "'असली-आवाज"' व "'असली-दास्ताँ"' पेश करने के साथ-साथ "'कला और पेशा"' मे बँटी वंचित हजारों "'कलाकार जाति पेशेवर जाति"' वाले लोगो को "'देशहित-जनहित"' मे SC ST भाईयो कि तरह "'सेवा और खिदमत"' के नाम पर राजनैतिक आरक्षण देने हेतु कानून बनाने या कानून मे संशोधन करने हेतु अपील करती है उसी के सम्बन्ध मे----*


   *मुख्य नोटः--देश के सभी "जूनियर वकील साहब'' का दर्द बहुजन हसरत पार्टी देशहित-जनहित मे "बेताब समाचार एक्सप्रेस" के माध्यम से उजागर करती है तथा इनके उद्धार के लिऐ "'अधिवक्ता आयोग"' भी बने ऐसी माँग करती है तथा "जूनियर वकील साहब" को 5-से-8 लाख P.M फण्ड से नियम-कानून के तहत मिले जिसे लाखों रुपये पाकर पूरे 5-साल मे अपनी-अपनी माली-आर्थिक हालात को दुरूस्त कर सके तथा सुप्रीम कोर्ट तथा देश के सभी राज्यों में हर राज्यों कि स्थानीय भाषाओं मे पेटिशन आदि दाखिल करने के साथ-अपनी-अपनी भाषाओं में अपनी बात रखकर बहस करे इसे भी अनिवार्य किया जाये उसके लिये सरकार कोर्ट में द्विभाषी/ट्रांसलेटर कि नियुक्तियाँ करे तथा उसके बाद दो साल के लिए "'जूनियर वकीलो"' को ट्रैवलिंग अलौन्स के साथ  सम्मान जनक मानधन पर अदालती कामकाज मे लगावे जिससे अदालत को कानून का जानकार कर्मचारी उपलब्ध हो सके और "जूनियर वकील-गण" भी कोर्ट में चलने हेतु बन सके तथा वास्तविक तौर पे उन सभी "जूनियर वकीलो" को कानून कि प्रक्रिया ठीक ढंग से समझ में आ जावे जो खुशहाल लोकतंत्र/संविधान कि खुश्बू व खूबसूरती की निशानी है तथा लोकतंत्र के चार खंभे में से न्यायपालिका एक है और तो और संविधान कि कस्टोडियन भी खुद एक न्यायपालिका है संविधान को मजबूती से अमल में लाना है तो उसे न्यायालय के माध्यम से वकील साहब ही लाते है एडवोकेट भी इस न्याय-पालिका का प्रमुख अंग है बिना वकील-जन से तो यह न्याय-पालिका कभी भी नही चल सकती है इसलिए भारत के महान संविधान और लोकतंत्र के लिये चुस्त-दुरुस्त एडवोकेट  बनाने मे हम सभी लोगो हमारा कर्तव्य है*


*1---"जूनियर वकील" को देखते ही एक सूट बूट वाला परेशानी छिपाए मुस्कुराता हुआ इन्सान नज़र आता है...*


*2---कानून में "जूनियर वकील" नाम का कोई अस्तित्व नहीं है परन्तु-लेकिन ऐसे इन्सान भारत के सभी न्यायालय में पाए जाते हैं वकालत के पेशे में इनकी संख्या 88% के इर्द-गिर्द होती है...*


*3---अपने सीनियर से बिना गलती के डांट खाने वाला यह "जूनियर वकील" 12वीं कक्षा या स्नातक के बाद अनगिनत परीक्षाएं देकर उत्तीर्ण होता है...*


*4---वकालत की परीक्षा पास करने के बाद बार कौंसिल में पंजीकृत होने के लिए तथा एडवोकेट वेलफेयर फण्ड में हज़ारों रुपये जमा कराता है उसके बाद बार कौंसिल ऑफ इंडिया की परीक्षा भी पास करता है उक्त परीक्षा का फॉर्म भरने के लिए "जूनियर वकील साहब" को हज़ारों रुपये देने पड़ते हैं...*


*5---वह "जूनियर वकील" बेचारा तथा उसके माता-पिता अपने होनहार वकील बेटे पर इतना बड़ा निवेश करते है कि पूंछो मत परन्तु निवेश करने के बाद वकील बनते ही कमाई की अपेक्षा भी करने लग जाते हैं...*


*6---अब खोज शुरू होती है एक अदद "सीनियर वकील" की---जो काफी "नखरों-नजाकत" के बाद अपने साथ काम करने की अनुमति देता है जब कि अंदर-अंदर "'सीनियर वकील साहब"' को एक निःशुल्क कर्मचारी प्राप्त होने की मन में जबर्दस्त खुशी भी होती है...*


*7---"जूनियर वकील साहब" माता-पिता द्वारा मिले खर्चे से मोटर-साईकिल में पेट्रोल भरवा कर सूटेड बूटेड होकर व पहनकर न्यायालय की ओर बहुत ही शान से चलते है...*


*8--सुबह-सुबह पहले "'सीनियर वकील साहब"' के चैंबर में फाइलों का बस्ता और कई बार "सीनियर वकील साहब" को भी बस्ते के साथ मोटर-साईकिल पर बिठाकर कोर्ट ले जाना पड़ता है ऐसी परिस्थिति भी बन जाया करती है...*


*9---"सीनियर वकील साहब" डायरी के साथ "जूनियर वकील साहब" को न्यायालयों में दौड़ाते हैं कि जाओ फौरन भागो मामलों ऐमें तारीखें ले आओ तो वह "जूनियर वकील साहब" न्यायालय के "चपरासी-बाबू-पेशकार-जमादार और मजिस्ट्रेट/जज साहब" के हाँथ जोड़-जोड़कर तारीखें लाते हैं...फाइलें और डायरी लिए "सीनियर वकील साहब" के पीछे-पीछे दौड़ना भी प्रमुख काम होता है...*


*10---सभी काम सही करने के बावजूद भी जब-तक "सीनियर वकील साहब" लताड़ नहीं लगाएं तब-तक "सीनियर वकील साहब" का भोजन नहीं पचता है...घर से अपना स्वयं का लंच बॉक्स लाना होता है और कई बार चाय भी माता-पिता के द्वारा दिए गए खर्चे में से पीनी एवं सीनियर वकील साहब को पिलाना भी पड़ता है...*


*11---न्यायालय के तुरंत बाद "सीनियर वकील साहब" के चैम्बर में फिर से जाना होता है और कुछ बची हुई गालियां चैम्बर में भी खानी पड़ती है...रात के लगभग 10-11 बजे जूनियर वकील साहब को घर जाने के लिए छोड़ा जाता है...*


*12---"जूनियर वकील साहब" घर जाने पर चेहरे पर झूठी मुस्कान रखते हैं ताकि परिवार-जनों को चेहरे पर तनाव न दिखे---वह जूनियर वकील साहब बेचारा बनावटी रूप पेश करता है तथा दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर फिर से वही प्रक्रिया रोजाना के लिए अपनानी पड़ती है...*


*13---वर्षों तक "जूनियर-शिप" करने के बावजूद "सीनियर वकील साहब" कोई वेतन या मानदेय नहीं देते हैं...कमाई नहीं लाने के कारण घर-परिवार में ताने सुनने को मिलते हैं और "जूनियर वकील साहब" की पीड़ा सुनने या समझने की कोई कोशिश ही नहीं करता है...*


*14--"जूनियर-शिप" के दौरान "सीनियर वकील साहब" द्वारा कही गई गलत बातों का विरोध करने पर, चैंबर से निकालने की धमकी भी तुरंत दे दी जाती है...यही असली कहानी समस्त जूनियर वकील साहब लोगो का है*


*15--पढ़ाई पूरी होने के पश्चात वकालत करते-करते "जूनियर वकील साहब" की उम्र शादी लायक हो जाती है लेकिन "वकालत के पेशे" में आई गिरावट के कारण विवाह के अच्छे प्रस्ताव नहीं आ पाते हैं..."वकालत के पेशे" में आई गिरावट का कारण ""जूनियर वकील साहब'"' नहीं होकर "सीनियर वकील" ही होते हैं क्योंकि "जूनियर वकील" ने तो "वकालत शुरू" ही की होती है अतः गिरावट वाली कमाई, सीनियरों द्वारा अर्जित की गई होती है...*


*16---"जूनियर वकील साहब" के पास कानून समझने व देखने के लिए किताबें नहीं होती है अतः किसी सामान्यतः "सीनियर वकील साहब" के चैम्बर की किताबों पर निर्भर रहना पड़ता है...*


*17---सुबह जल्दी उठने से लेकर देर रात्रि तक की जाने वाली इस मजदूरी के कारण "जूनियर वकील साहब" के व्यक्तिगत संबंध समया-भाव के कारण चल बसते हैं...*


*18---"जूनियर वकील साहब" के कहने पर किसी मित्र का मुकदमा "सीनियर वकील साहब" फ्री में नहीं लड़ते हैं और साथ में यह ज्ञान भी पेल देते हैं कि वकालत के व्यवसाय में किसी का मामला फ्री में नहीं लड़ना चाहिए...*


*19---कोई मामला जब "जूनियर वकील साईहब" किसी "सीनियर वकील साहब" के पास लेकर जाते हैं तो "सीनियर वकील साहब" पक्षकार से पूर्ण फीस ले लेते हैं और "जूनियर वकील साहब" को इसके बदले कुछ भी नहीं मिलता है...सिवाय ताना के "वाह-वाह-वाह" इस घटिया पार्टी बहुजन हसरत पार्टी BHP को "'जूनियर वकील साहब"' के आर्थिक हालात पर बहुत ही तरस आ रहा है*


*20---न्यायालय के समक्ष पैरवी करते समय मजिस्ट्रेट या जज साहब ऐसे "जूनियर वकील साहब" को "'केवल बस केवल"' एक तारीखें लेने वाला वकील ही समझते हैं बाकी 75 % जूनियर वकील साहब कि औकात आजीवन ऐसी ही न के बराबर बनी रहती है इसलिए जज साहब आदि लोग उनको ज्यादा महत्व नहीं देते हैं...*


*21---समाज और न्यायालय में "जूनियर वकील" को वकील "साहब" तो कहा जाता है लेकिन "'जूनियर वकील साहब"' अपने मन में जानता है कि सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी भी हम जैसे "'जूनियर वकील साहब"' कमा नहीं पाते हैं...सुबह जल्दी उठकर रात तक किया जाने वाला काम बंधुआ मजदूरी समझकर यह जूनियर वकील साहब वर्षों तक करते रहते हैं और इसी को अपनी नियति समझ लेते हैं...*


*22---वकालत से आजीविका नहीं चलने पर आजीविका चलाने के लिए यदि वकालत के साथ कोई दूसरा काम कर लिया तो बार कौंसिल वकालत का लाइसेंस रद्द करने के लिए तैयार रहती है...*


*23---"सीनियर वकील साहब" की बंधुआ मजदूरी छोड़ देने पर "सीनियर वकील साहब" ऐसे "जूनियर वकील" को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं क्योंकि अब वर्षों से उनकी बेगार निकालने वाला उनके चैंबर को छोड़कर जा रहा होता है...*


*24---जब-जब इस योग्य "जूनियर वकील" ने independent (स्वतन्त्र) होकर वकालत शुरू की है तब-तब हमेशा मन में यह मलाल रहता है कि इतने वर्ष तक बस्ते और डायरी उठाने की बजाय अगर अलग से वकालत की होती तो अब तक अच्छे वकील के रूप में स्थापित हो चुके होते..*


*इस प्रकार यह निरीह प्राणी "जूनियर वकील" वर्षों तक अपनी तकलीफ होठों की झूठी मुस्कान के नीचे दबाकर रखता है...Lockdown ने इन वकील साहब कि पीड़ा को अत्यधिक बढ़ा दिया है क्योंकि न सीनियर वकील साहब न सरकार और न ही बार कौंसिल इनकी सुध ले रही है...केवल इनका मज़ाक बनाने के लिए नोटिफिकेशन जारी किए जा रहे हैं...*


*इसके साथ बहुजन हसरत पार्टी ने जो 3-3 संस्थाओ के जरिए अदालत मे 7/7 p.i.l और slp (c) कि थी उसका डिटेल नीचे है*


*A.... 5842 कि P.I.L 6.2.17 को दरगाह शरीफ शहीद बाबा इसराईल शाह जन कल्याण सेवा संस्था के नाम से दाखिल करी गयी जो 9.2.17 DROW कर दि गयी थी फिर एक साल बाद P.I.L NO. 2961 को फरवरी माह मे वापस दरगाह के नाम से फाइल दाखिल हुई तथा माननीय जज महोदय ने बहस सुनने के बाद "दिस इज ऐ नाँट मैन्टीनेबुल" करके दिनाँक 26/2/2018 खारिज कर दिया....जिसकी अपील सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली मे दिनाँक 21/5/2018 को करी गयी है जिसका केश नम्बर 30983 है डायरी नम्बर 20166 है वह भी दिनाँक 7/12/2018को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी*


*B...10499 को P.I.L 6.3.2017 को संत रविदास एंव अंम्बेडकर जन कल्याण सेवा समीति के नाम से दाखिल करी गयी जो 9.3.2017 को खारिज कर दी गयी ..जिसकी अपील माननीय सुप्रीम कोर्ट मे दिनाँक 7/12/2017 को करी गयी जिसका केश नम्बर 002258/2017 तथा डायरी नम्बर 39989/2017  है वह भी दिनाँक 19/1/2018 को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी गयी*


*C... 3562 को P.I.L माह मई 2018 को मुस्लिम जन कल्याण सेवा समीति कि तरफ से दाखिल करी गयी जो दिनाँक 21/5/2018 को खारिज कर दि गयी ..जिसकी अपील माननीय सुप्रीम कोर्ट मे दिनाँक 30/7/2018 को करी गयी जिसका केश नम्बर SLP(C) 20769/2018 तथा डायरी नम्बर 27881/2018/ये है वह भी दिनाँक 13/08/2018 को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी गयी यह सब Date और डायरी नम्बर सहित है...*


*मंडल आयोग कि रिपोर्ट मे आर्टिशियन कास्ट शब्द अनेको बार आया हुआ है आर्टिशियन कास्ट का मतलब "कला और पेशा" ही तो होता है 124 क्या हजारों वंचित कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले लोगो का नाम संक्षेप मे नीचे दिया जा रहा है सरकार माने या न माने यह सरकार पर निर्भर है*


*1..चुड़ीहार (मनियार) चूड़िया बनाता है 2..मल्लाह निषाद मछलीहार मछली पकड़ता है 3..दर्जी-कपड़ा सिलता है 4..नाऊ-दाढ़ी बनाता है 5..धुनियाँ-रजाई/गद्दा धुनता है 6..डफाली-डफ़ली यानि शादी विवाह में बैंड-बाजा बजाता है 7.. लोनियाँ-ईट बनाता है*


*8..ठठेरा-बर्तन बनाता है 9..धोबी-कपड़ा धोता है 10..मिल्कमैन (यादव)-दूध वाला कहलाता है 11..चौरसिया-पान की पैदावार करता है 12..बढ़ई-कुर्सी मेज बनाता है  13..अंसारी-कपड़ा बुनता हैई 14..कुम्हार (प्रजापति) - मिट्टी का सामान बनाता है*


*15).कहार (गौड़)ईडोली उठता और शादी विवाह में  पानी भरता है..16).लोहार-लोहे का औजार बनाता है..17).सुनार-सोने का आभूषण बनाता है..18).धरिकार-(बंसफोड) बाँस का सारा सामान बनाता है..19).कोईरी-(मौर्य सैनीम कुशवाहा)-सब्जी की पैदावार करता है..20).राईन(कुंजड़ा)-सब्जी बेचता है..21).नोनियाँ-नमक बनाता है*


*22..तांबेर-तांबे का बर्तन बनाता है  23..हवाईदार-पटाखे बनाता है 24... सलमानी(तुर्किया नाऊ) बाल दाढ़ी काटता है  25...रंगरेज-छपाई का काम करता है  26..गुप्ता (भड़भूजा)-चना दाना भूँजते है 27..सिद्दीकी-तेल की पेराई करता है 28..ज्योतिष-भविष्य बताने वाला 29..शेख मेहतर हलालखोर  30..पाल गड़ेरिया धनगर का भेड़-बकरे आदि पालना होता है*


*इसके बाद आखिर क्यों माननीय अदालत मे कलाकार जाति पेशेवर जाति जैसा महान नया नाम बहुजन हसरत पार्टी को देना पड़ा है जब कि पूरे देश मे सभी का कला और पेशा एक है चलो यह संक्षेप मे समझते है कि पूर्व भारत सरकार ने न जाने ऐसे कितने जातियों को गुमराह किया होगा इसका अंदाजा हम सभी को भीमवादी बनकर समझना होगा* 


*1...रजक-निर्मल-बरेठा-दिवाकर कन्नौजिया (धोबी भाई) यह UP में SC के श्रेणी में आते है तथा मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में OBC के श्रेणी में आते हैं जो समझ के बाहर है इसी षड्यंत्र के तहत वर्षो से ये मनुवादी सत्ता का सुख भोग रहे है इसलिए इन सबका एक उपाय ''कलाकार जाति-पेशेवर जाति'' तथा घुमंतू/आदिवासी जाति-जनजाति का कॉलम "स्वास्थ्य पहचान पत्र" पर जाति का कालम /2021 कि जनगणना फ़ॉर्म में निर्धारित किया जाय*


*2...विश्वकर्मा (लोहार भाई) यह UP में OBC के श्रेणी में आते है तथा बिहार हिमांचल प्रदेश और दिल्ली में शायद SC के श्रेणी में आते हैं जो समझ के बाहर है इसी षड्यंत्र के तहत वर्षो से ये मनुवादी सत्ता का सुख भोग रहे है इसलिए इन सबका एक उपाय ''कलाकार जाति-पेशेवर जाति'' तथा घुमंतू/आदिवासी जाति-जनजाति का कॉलम "स्वास्थ्य पहचान पत्र" पर जाति का कालम /2021 कि जनगणना फ़ॉर्म में निर्धारित किया जाय*


*3...प्रजापति (कुम्हार भाई) यह UP में OBC के श्रेणी में आते है तथा मध्य प्रदेश में और बुंदेलखंड के कुछ 10 जिलों में SC के श्रेणी में आते हैं जो समझ के बाहर है इसी षड्यंत्र के तहत वर्षो से ये मनुवादी सत्ता का सुख भोग रहे है इसलिए इन सबका एक उपाय ''कलाकार जाति-पेशेवर जाति'' तथा घुमंतू/आदिवासी जाति-जनजाति का कॉलम "स्वास्थ्य पहचान पत्र" पर जाति का कॉलम तथा 2021 कि जनगणना फ़ॉर्म में निर्धारित किया जाय*


*28/05/2019 से 28/12/2020 तक पूर्व कि सभी माँगे पुनः देशहित-जनहित में नीचे दि जा रही है:*


*1) "कलाकार जाति पेशेवर जाति'' वाले लोगो को SC ST भाई कि तरह ''सेवा और खिदमत'' के नाम पर राजनैतिक आरक्षण दे दीजिऐ वरना जाति व्यवस्था ख़त्म कीजिए इस मुख्य माँग के साथ-साथ 2)•••EVM बंद कराकर बैलेट पेपर से चुनाव कराईये 3)•••आधार कार्ड पर जाति का जिक्र हो 4)••• स्वास्थ्य पहचान पत्र पर जाति का जिक्र हो 5)•••2021 कि जनगणना आदि पर "कलाकार जाति पेशेवर जाति'' व घुमंतू जाति आदि सभी लोगो के जाति का जिक्र हो तथा 6)•••मुस्लिम महिलाओं को 16% सच्चर समिती-रंगनाथ मिश्रा आयोग के सुविधा अनुसार राजनैतिक आरक्षण 7)•••गरीब सवर्ण भाईयों को भी 10% राजनैतिक आरक्षण दो 8)•••सुप्रीम कोर्ट से लेकर तहसील स्तर के सभी न्यायालयों में न्यायाधीश-जज में तथा मंत्रिमंडल में भी सर्व समाज के लोगो को आरक्षण 9)•••CM--PM के अविश्वास प्रस्ताव के तरह ही MP/MLA के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव का कानून 10) संविधान के आर्टिकल 341 के तहत मुस्लिम क्रिश्चन आदि सभी धर्म के दलित भाई को 1935 के कानून कि भाँति आरक्षण 11)•••6 महीने के अंदर CM--PM किसी जब-तक किसी एक सदन का सदस्य न बन जावे तब-तक उनके द्वारा बनाया गया कानून अवैध हो 12)•••NRC CAA NPR जैसे कानून मे मचे कोहराम को खत्म करने कि माँग करी गई है जो पुनःह आज फिर कि जा रही है आदि*


         *अत: माननीय प्रधानमंत्री महोदय व विधि मंत्रालय व लोकसभा स्पीकर आदि लोगो से बहुजन हसरत पार्टी BHP "'देशहित-जनहित"' मे भीमवादी बनकर नत-मस्तक होकर निवेदन करती है कि इन सर्व समाज के सभी पेशेवर "जूनियर वकील साहब" को कम से कम 5-से 8 लाख रुपए 0% ब्याज दर पर कर्ज-ऋण के रूप मे प्रधानमंत्री राहत-कोष से दिया जाय तथा वह 5-से-8 लाख रूपए को 5-वर्ष बाद ही किश्त के तौर पर वसूलने का नियम बनाकर लागू करने कि कृपा करिये जिससे आपकी दया पर समस्त देश के सर्व समाज के "जूनियर वकील साहब" को 5-से-8 लाख पाकर पूरे पाँच साल मे अपनी-अपनी माली-आर्थिक हालात को दुरूस्त कर सके तथा सुप्रीम कोर्ट तथा देश के सभी राज्यो में हर राज्यों कि स्थानीय भाषाओं मे भी पेटिशन आदि दाखिल करने के साथ-साथ अपनी-अपनी भाषाओं में अपनी बात रखकर बहस करना अनिवार्य किया जाये उसके लिये सरकार कोर्ट में द्विभाषी/ट्रांसलेटर कि नियुक्तियाँ करे तथा उसके बाद 2-साल के लिए "जूनियर वकीलो" को ट्रैवलिंग अलौन्स के साथ सम्मान जनक मानधन पर अदालती कामकाम मे लगावे जिससे अदालत को कानून का जानकार कर्मचारी उपलब्ध हो सके और "जूनियर वकील" भी कोर्ट में चलने लायक बन सके तथा वास्तविक तौर पर कानून कि प्रक्रिया उन सभी के समझ में आ जावे खुशहाल लोकतंत्र/संविधान कि खुशबू व खूबसूरती की यही निशानी है तथा "कला और पेशा" मे बँटी वंचित हजारों कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले लोगो को "देशहित-जनहित" मे बहुजन हसरत पार्टी BHP ने दिनाँक 28/5/2017 से लेकर 28/12/2020 तक जो SPEED POST व रजिस्ट्री भेजकर माँग-अपील-निवेदन कर चुकी है उसे देशहित-जनहित मे अपने संज्ञान मे लेते हुऐ जिस तरह P.M साहब आपने 3-तलाक कि भाँति व 10% गरीब सवर्ण भाईयों के आरक्षण कि भाँति व कश्मीर से धारा 370 व 35 A हटाने कि भाँति कानून बनाकर इन सभी का भला किये हो ठीक उसी तरह "'कला और पेशा"' मे बँटी वंचित हजारों "'कलाकार जाति पेशेवर जाति"' के लोगों के उद्धार के लिऐ SC ST भाईयो कि तरह "'सेवा और खिदमत"' के नाम पर राजनैतिक आरक्षण देने हेतु कानून बनाकर या कानून मे संशोधन करके इन "'कला और पेशा"' मे बँटी वंचित हजारो "'कलाकार जाति पेशेवर जाति"' वाले लोगो का कल्याण कीजिऐ महोदय ये "कला और पेशा'' मे बँटी वंचित हजारो "'कलाकार जाति पेशेवर जाति"' वाले लोग "हिन्दू+मुस्लिम" दोनों समुदायो मे पाये जाते है जिनकी जनसँख्या पूरे देश मे 50% के इर्द-गिर्द है जो सब के सब 96% OBC कि श्रेणी मे आते है सभी कि सूंची संलग्नक है*


*12-1-2021*

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जो बाबा-साहेब को P.M नही बनने दिये वो क्या बहन जी को बनने देंगे ?

*👉--इसका जवाब पंडित नेहरू व राम मनोहर लोहिया व मौलाना अबुल कलाम आजाद व गाँधी जी व जिन्ना हरामी व 3743 OBC को बेवकूफ बनाने वाले बल्लभ भाई पटेल के पास है वही लोग बता सकते थे परन्तु---?*  *👉--बाबा-साहेब के ऐकला आदर्शवादी चेला भीमवादी दलित बब्बर शेर मान्यवर काँशीराम साहब प्रधानमंत्री नही बन सके* *👉--इसका खुलासा (स्व०)-मुल्ला-मुलायम सिंह यादव साहब व लालू प्रसाद यादव साहब व 16-टुकड़ो मे बिखरे पूर्व जनता-दल के सभी नेतागण ही बता सकते है* *👉--चौधरी देवीलाल साहब प्रधानमंत्री नही बन सके और V.P सिंह साहब कैसे प्रधानमंत्री बन गये इसका जवाब काँग्रेस व BJP के पास है---परन्तु काँग्रेस-BJP को ठोकर मारकर BSP के जन्मदाता मान्यवर काँशीराम साहब के बल पर जब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री V.P सिंह साहब ने मंडल आयोग लागू किया तो मनुवादी लोग मानो चट्ठी मे पेशाब हो गया उसी समय से वी॰~पी॰सिंह साहब देश के असली रहनुमा-मसीहा-रहबर बन गये अर्थात भीमवादी क्षत्रिय बन गये ऐसा कथन बहुजन हसरत पार्टी BHP का देशहित-जनहित में है*  *👉--यदि भीमवादी क्षत्रिय तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय V.P सिंह साहब मंडल-आयोग लागू नही किये होत

भाजपा सरकार में किसान, नौजवान, महिलाएं, और गरीब सभी दुखी हैं| पिछडों, दलितों के आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है- अताउररहमान

Report By Anita Devi  बहेड़ी समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित जिला सचिव अंशु गंगवार  के नेतृत्व में ग्राम भोपतपुर अड्डे पर  खिचड़ी भोज का आयोजन हुआ|  जिसमें मुख्य अतिथि रहे सपा प्रदेश महासचिव व विधायक अताउरहमान  (पूर्व मंत्री) ने नवनिर्वाचित जिला सचिव का फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत  करते हुए सभा को संबोधित करते हुए कहा की भाजपा सरकार में किसान, नौजवान, महिलाएं, और गरीब सभी दुखी हैं| पिछडों, दलितों के आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है| सभी लोग संबिधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए आदरणीय अखिलेश यादव जी के हाथों को मजबूत करें और श्री रहमान जी  खिचड़ी भोज में शामिल हुए|    इस मौके पर जिला छात्र सभा अध्यक्ष  मुकेश यादव, विधानसभा कोषाध्यक्ष हरस्वरूप मौर्य, जिला पंचायत सदस्य ब्रह्मस्वरूप सागर, मुशर्रफ अंसारी, शांतिपाल गंगवार, बूंदन अंसारी,प्रबन्धक देवकी नंदन गंगवार, रघुवीर,डॉ लालता प्रसाद, किशन गंगवार, इरशाद अंसारी, इरफान खां, बब्बन खां, दानिश खां, संजीव, परवेज गंगवार,तुलाराम गंगवार,आदि लोग मौजूद रहे

*NDA-बनाम-INDIA का उदय EVM-कोलेजियम को जीवनदान देने के लिए हुआ है*

*क्या NDA-बनाम-INDIA कि आड़ मे EVM-कोलेजियम फिर बच गया* * (1)-क्या UPA-काँग्रेस/अब नया नाम INDIA रखा गया है जो NDA काँग्रेस कि पैदा कि हुई B-टीम BJP है पंडित-पुजारी कि पार्टी काँग्रेस-BJP के अंदरूनी साँठ-गाँठ वाले आतंक को कैसे नष्ट किया जाय इसका जवाब यदि किसी को चाहिए तो देशहित-जनहित मे इस लेख को दिल से सैल्यूट करते हुए अंत तक पढ़े और पढ़ते हुए आपको खुद एक ऐसा रास्ता दिखेगा जिस रास्ते पर कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोगों को भरपूर सफलता दिखाई देगी तथा बुद्ध के शूद्र जो आज के Muslim Sc St Obc वंचित हजारो कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोग है इन्हे समझ मे आयेगा कि NDA-UPA का नया अध्याय NDA-बनाम-INDIA का उदय क्या EVM-कोलेजियम को जीवनदान देने के लिए हुआ है* *(2)-NDA-बनाम-INDIA का ड्रामा फैलाकर हे काँग्रेस-BJP दोनो पक्ष-विपक्ष कि भूमिका निभाने वाली पंडित-पुजारी कि पार्टीयों इस EVM-कोलेजियम को मत बचाओ हा-हा-हा-पूर्व जनता-दल के सभी 16-टुकड़ो में बिखरे नेतागण काँग्रेस को लेकर जो विपक्ष कि मीटिंग BJP-जटाधारी-फेकूचन्द मोदी के सत्ता के खिलाफ कर रहे है ये सब ढोंग और बकवास है क्यों