*🙏ये किसान-आन्दोलन इक्कसवी सदी का आखिरी आन्दोलन नही है*
*🙏बहुजन हसरत पार्टी बेताब समाचार एक्सप्रेस के जरिये ये सही बात कही है*
*👉..ये मनुवादी-रामवादी पार्टी काँग्रेस और उसकी पैदा कि हुई B टीम BJP कि सरकार है काँग्रेस पार्टी का ये EVM देवता कब कहाँ करवट देंगे ये सिर्फ कोरोना ही जानता है*
*🌹..जिन्ना और गद्दार मौलाना अबुल कलाम आजाद भड़वे और पाखंडी-पाजी पंडित नेहरू कि वजह से 1947 मे पाकिस्तान बना तथा इसी पाखंडी पंडित नेहरू कि बेटी तथा काँग्रेस कि हिरोइन-नायिका इन्दिरा गाँधी जी कि वजह से 1971 मे बांग्लादेश बना महान भारत देश का बँटवारा हो गया वफादार मुसलमान भाईयो को तीन-तीन देशों मे बाँटकर टुकड़ो मे बाँट दिया गया*
*👉..ये RSS और BJP वाले अपनी जननी-माँ काँग्रेस पार्टी के इशारे पे जब-जब बैकफुट पर आ जाते है---तो कटुवा-कटमुल्ला-आतंकवादी-गद्दार शब्द बोलकर देशहित-जनहित के विरुद्ध राजनैतिक क्षेत्र मे खुद कि सत्ता बचाने के लिए सभी भीमवादी SC ST OBC भाई को हिन्दू बनाकर हिन्दू×××मुस्लिम करके सत्ता बचाने मे कामयाब हो जाते है*
*🌹..इसके बाद इन पाखंडी अल्पसंख्यक पंडित पुजारी कि सरकार को जहाँ SC ST OBC लोग बचा देते है तो इन्ही SC ST OBC भाईयो को ये 2-50% वाला अल्पसंख्यक पंडित पुजारी सछूत-अछूत शूद्र-अतिशूद्र कहकर लात मार कर भगा देते है*
*👉..याद रखो:--: देश के सभी MUSLIM SC ST OBC भाईयो याद रखो हम सभी "बुद्ध" के समय के ज्ञानी बलवान साहसी शूद्र ही है छुआछूत और भगवाधारी के आतंक से तथा मनुस्मृती और मनु-व्यवस्था मनु सत्ता को मिटाने के लिए द्रविड़ भाई लोग ने पाक ईस्लाम धर्म कबूल किया था 712 ईस्वी मीर कासिम का इतिहास समझो*
*🌹..1943 मे जैसे ही विश्व ज्ञानी बाबासाहेब अम्बेडकर जी के तत्वावधान मे बंगाल मे दलित-मुस्लिम एकता वाली गठबंधन कि सरकार बनी और हिन्दू महासभा (शामा प्रसाद मुखर्जी) और (फजलुल हक़ ) कि मुस्लिम लीग वाली मनुवादी सरकार उखाड़ फेंक दी-?*
*..👉..तो हिन्दू नाम से सत्ता कि राजनीति करने वाला पंडित नेहरू और मुस्लिम नाम से सिर्फ जमींदार-रसूखदार मुसलमानों कि सत्ता कि नुमाईंदगी करने वाला हिन्दू राजपूत परिवार से मुस्लिम बना सूदखोर-ब्याजखोर जिन्ना और उसकी पार्टी "मुस्लिम-लीग" डर गई थी*
*🌹..यदि बंगाल कि भाँति दलित-मुस्लिम गठबंधन कि सरकार पूरे देश मे फैल जायेगी तो यह भीमराव अंबेडकर देश का पहला P.M बन जायेगा और शूद्रराज आ जायेगा साथ ही साथ मुस्लिम राजनीति कि कमान वफादार मुस्लिम नेता जैसे सर ख्वाजा नज़मुद्दीन... मौलाना हसरत मोहानी..व मौलाना असीम बिहारी आदि के हाथों न चली जाये यह डर जिन्ना और पंडित नेहरू को सताने लगा था*
*👉..महामानव बाबासाहेब को प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए तथा शूद्रराज को रोकने के लिऐ तथा OBC और वफादार मुस्लिम भाईयो को सत्ता से वंचित रखकर गुलाम बनाने के लिये पंडित नेहरू कि (काँग्रेस) ने खुद को प्रधानमंत्री बनने और सूदखोर-ब्याजखोर जिन्ना (जमीदार मुसलमानों कि मुस्लिम लीग) ने भी खुद को वजीरे आला बनने के लिये "पाकिस्तान बनवाया" और मुसलमान भाइयों को मिलने वाले 35%आरक्षण को ख़त्म किया जो आज 2021 मे न के बराबर आरक्षण मुसलमान भाई के पास है*
*नोट:--यकीन नहीं होता तो दिल दिमाग खोलकर नीचे जरूर पढिये :--*
*A-👉..बँटवारे के पहले भारत में दलित+मुस्लिम कि आबादी 9 प्रान्त/राज्यो में हिन्दू से ज्यादा थी जिससे 9 प्रान्त/राज्यों में बंगाल कि भाँति दलित+मुस्लिम सरकारे बनती और तो और देश के पहले प्रधानमंत्री बाबासाहेब बन जाते....तो फिर सूदखोर-ब्याजखोर जिन्ना ने पूरे भारत कि सत्ता दलित के साथ हथियाने कि बजाय पाकिस्तान नाम कि हड्डी का टुकड़ा क्यों चुना...मनुवादी जातिवादी मानसिकता के चलते मुस्लिमों को गुलाम बनाने के लिये ही पंडित नेहरू व जिन्ना द्वारा खेला गया षड्यंत्र तो था इस पर भीमवादी बनकर तर्क करो*
*B-👉..पाकिस्तान बनने से पहले 25% आबादी वाले मुस्लिमो को भारत में 35% राजनैतिक आदि आरक्षण था जो आज 2021 मे 0% है... अगर पाकिस्तान नहीं बनता तो आज 543 लोकसभा कि सीटों में से लगभग 190 सांसद मुसलमान भाइयों के होते (सच्चर समिति रंगनाथ मिश्रा रिपोर्ट के नुसार 88 सांसद) और 147 सांसद OBC भाइयों के होते जैसे बाबासाहेब जी के बदौलत आज SC ST भाइयों के 133 सांसद है परंतु मुस्लिम भाई और OBC भाइयों के कितने साँसद आज तक क्यों नही बन पाये कोई बता सकता है...घंटा भी नहीं बता सकता*
*C-👉..13 दिसम्बर 1946 में पाकिस्तान बनने से पहले भारत के संविधान सभा में हंगामी प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने देश को आश्वासन दिया था कि संविधान में OBC अल्पसंख्यक तथा अन्य को उचित आरक्षण दिया जायेगा-- परंतु पाकिस्तान बनवाकर OBC तथा मुस्लिम भाइयों के राजनैतिक आरक्षण को पंडित नेहरू और सूदखोर जिन्ना ने क्यों ख़त्म कर दिया देशहित-जनहित मे प्रश्न बन गया था जो आज तक बरकरार है उदाहरण के तौर पे 2005-2007 सच्चर समीति-रंगनाथ मिश्र आयोग कि रिपोर्ट में काँग्रेस के पाप का सबूत देख लेना उचित होगा*
*D-👉..बहुसंख्यक मुस्लिम भाई इस भारत विभाजन/बँटवारे के खिलाफ थे इसीलिए सिर्फ पंजाब और बंगाल में ही वोटिंग कि गई अन्य प्रान्तों को मतदान से पूरी तरह क्यों बाहर रखा गया तर्क करो*
*E-👉..जबकी बंगाल में इस विभाजन/बँटवारे में कुल 220 वोट में से 127 मुस्लिम विधायको ने विभाजन के विरोध में वोट डाले....परंतु 93 उच्च हिन्दू ने विभाजन के पक्ष में वोट डाले थे अफसोस बहुसंख्यक मुस्लिम विधायकों का बँटवारे के विरोध होने के बावजूद इस विभाजन को पंडित पुजारी ने सूदखोर-ब्याजखोर जिन्ना ने षड्यंत्र रचकर भारत के मुस्लिमो को गुलाम बनाने के लिये बँटवारे पर मुहर लगाई है कि नहीं लगाई इस बात पर तर्क करके सोचो और समझो*
*F-👉..20/06/1947 को हुए बंगाल के विभाजन के विरोध में दलित-मुस्लिमो ने मतदान किया तो हिन्दू महासभा (कल कि जन संघ आज कि BJP है) +काँग्रेस + ज्योति बसु वाली कम्युनिस्ट ने विभाजन के पक्ष में वोट किया तर्क कर के समझो कि ये सभी पार्टियाँ एक है कि नहीं है*
*G-👉..24-25 अप्रैल 1948 मे लखनऊ कि दलित+OBC के सभा मे "महामानव बाबासाहेब जी" ने कहा था कि जिस दिन दलित+मुस्लिम+OBC भाई लोग एक साथ राजनैतिक मंच पर आ गये तो ये ब्राम्हण गोविंद वल्लभ पंत जैसे मुख्यमंत्री तुम्हारे जूते कि नाड़ी बांधने में अपनी महानता समझेगा व मानेगा इस सच्चाई का डर पंडित पुजारी को सता रहा था औऱ इसके लिये संविधान में आर्टिकल 340 का प्रावधान भी किया और 340 आर्टिकल लागू कराने के लिए केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा भी दिया था जिसके चलते काका कालेलकर आयोग...मंडल आयोग बना*
*H-👉..पाकिस्तान बनवाकर पंडित नेहरू और सूदखोर-ब्याजखोर जिन्ना ने मुस्लिम भाइयों के 35% राजनैतिक आरक्षण आदि को अपनी नीच और हरामीपन्ती के चलते ख़त्म करवा दिया तो देश के वफादार मुस्लिम भाइयों के उद्धार और सुरक्षा के लिये "महामानव बाबासाहेब" द्वारा संविधान सभा कि अल्पसंख्यक समीति कि मीटिंग मे मुस्लिम भाइयों को संविधान में यही आरक्षण दे रहे थे.....*
*I-👉..परंतु अफ़सोस जिन्ना के बाद मुस्लिमो को भारत में पंडित-पुजारी का गुलाम बनाने के लिये काँग्रेस और नेहरू का प्यादा दूसरा ब्याजखोर गद्दार मौलाना अबुल कलाम आजाद ने नेहरू के कहने पे "डॉ. अम्बेडकर" हम मुस्लिमो को बाँट रहे है ऐसा ढोंगी कथन किया और हम मुस्लिमों को आरक्षण कि जरुरत नहीं है ऐसा और अन्य सूदखोर मुस्लिम नेताओं ने मिलकर कहा हम मुस्लिमो को आरक्षण नहीं चाहिये कहकर हम भारत के वफादार मुस्लिम भाइयों को आरक्षण लेने नहीं दिया*
*J-👉..मंडल आयोग के माध्यम से जब मुस्लिम समाज कि श्रेणी मे आने वाले सभी OBC भाइयों को आरक्षण मिलने वाला था तब भी गद्दार सूदखोर जिन्ना और गद्दार सूदखोर मौलाना अबुल कलाम आजाद कि भाँति कुछ घटिया मूर्ख बनावटी उलेमाओं ने मुस्लिम भाइयों को आरक्षण नहीं चाहिये ऐसे आदेश व फतवे भी जारी कर दिये थे और मुस्लिम समाज कि राजनैतिक आरक्षण वाली तरक्की रोक दी गयी वरना SC ST भाईयों कि तरह "कलाकार जाति पेशेवर जाति" वाले लोगो को राजनैतिक आरक्षण मिल गया होता तथा "कल के ज्ञानी बहुजन" को आज के "कलाकार जाति पेशेवर जाति" वाले लोग है इन्ही को "कामगार-मजदूर-श्रमिक" भी कहते है ये "कला और पेशा" मे बँटी वंचित हजारो कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले लोग '''हिन्दू-मुस्लिम''' दोनो समुदायो मे पाये जाते है जो सब के सब 96% OBC कि श्रेणी मे आते है*
*K-👉..सोंचो आखिर समझो व सुनो जब 1909 से 1947 के आजादी के समय तक वफादार मुस्लिम भाई को 35% राजनैतिक आरक्षण का विरोध किसी उलेमा ने क्यों नहीं किया था तथा न ही गद्दार सूदखोर-ब्याजखोर मौलाना अबुल कलाम आजाद ने भी क्यों नहीं किया था*
*L-👉..बहुजन हसरत पार्टी BHP सीधा-सीधा सवाल देशहित-जनहित व कौमहित मे भीमवादी बनकर करती है तो आजादी के बाद बाबासाहेब जी द्वारा दिए जा रहे आरक्षण का विरोध क्यों किया गया... क्या ये साबित नहीं करता कि गद्दार सूदखोर जिन्ना और गद्दार मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे कुछ नेता कुछ उलेमाओ ने "कलाकार जाति पेशेवर जाति" वाले मुस्लिम भाइयों को धार्मिकता कि आड़ में गुलाम बना दिये और आज जिल्लत-भरी जिंदगी गुजारने पर ये वफादार मुस्लिम कौम "मजबूत होकर" भी मजबूर हो गयी है*
*M-👉..पंडित नेहरू और गद्दार सूदखोर-ब्याजखोर जिन्ना ने पाकिस्तान बनवाकर तथा गद्दार मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि सूदखोर नेता तथा चंद उलेमाओं के आरक्षण विरोध के कारण भारत में मुस्लिम कौम को जिंदगी भर काँग्रेस का गुलाम वोटर बनाकर रखा गया है अब ऐसा प्रतीत होता है ये वफादार मुसलमान भाई आज भी जिल्लत भरी जिंदगी जी रहा है*
*N-👉..इतना ही नही देश के वफादार मुसलमान भाईयो को गद्दार-आतंकवादी कटुवा कटमुल्ला जैसे नाम से भी नवाजा जाता है ऐसे कलंकित नाम से जीने के लिए मजबूर कर दिया गया है 2005-2007 सच्चर समीति-रंगनाथ मिश्र आयोग कि रिपोर्ट में काँग्रेस के पाप का सबूत देख लेना उचित होगा*
*O-👉..भीमराव अंबेडकर को दलित-मुस्लिम अपना मसीहा मान रहे है और कही यह दलित-मुस्लिम एकता भीमराव अंबेडकर को देश लेबल पर अपने-अपने सिर पर बैठा लिया तो यह भीमवादी देश का P.M बन जायेंगा और इस नेहरू का सपना पूरा नही हो पायेगा*
*P-👉..पाकिस्तान धर्म के नाम पर नही बना है बल्कि पर्दे के पीछे सियासी धमाल मे बवाल मचाकर दलित-मुस्लिम एकता को तोड़ने के लिए बना था ताकि बाबासाहेब P.M न बने*
*Q-👉..यदि पाकिस्तान धर्म के नाम पर बना होता तो महज 25 साल के अंदर बांग्लादेश नहीं बनता और ना ही बलूचिस्तान शुरुआत से ही पाकिस्तान से अलग होने कि कोशिश करता जो आज 2021 तक भी जारी है*
*R-👉..इससे ये सिद्ध होता है कि पाकिस्तान धर्म के नाम पर नहीं तो धर्म नाम कि आड़ में विश्व ज्ञानी बाबासाहेब को P.M बनने से रोकने के लिए तथा 35% मुस्लिम आरक्षण खत्म हो जावे तथा आजीवन "कलाकार जाति पेशेवर जाति" वाले लोगो को राजनैतिक आरक्षण न मिले व''दलित-मुस्लिम-पिछड़े" वर्ग आपस मे कटे-मरे व सत्ता से दूर हो जावे इसलिए पाकिस्तान का निर्माण हुआ था*
*S-👉..बाबा साहेब अम्बेडकर देश का पहले P.M न बने इसलिऐ महान भारत देश के टुकड़े करके दलित-मुस्लिम एकता को तोड़कर पाकिस्तान का निर्माण किया गया*
*T-👉..यदि पाकिस्तान व बांग्लादेश न बनता तो दलित-मुस्लिम-पिछड़े वर्गो कि सरकार भारत देश मे होती तथा ये पाखंडी अल्पसंख्यक पंडित पुजारी महान भारत देश के सभी दलित-मुस्लिम-पिछड़े वर्गो के आँगन मे झाड़ू मारने के लिऐ तरसते होते और 24-25 अप्रैल वाली बाबा साहेब कि बात सही हो जाती*
*U-👉..याद करो:--24-25 अप्रैल 1948 मे दलित-मुस्लिम-पिछड़े वर्गो के फेडरेशन मे विश्व ज्ञानी बाबासाहेब ने लखनऊ मे कहा था कि यदि MUSLIM SC ST OBC राजनैतिक मंच पर एक जगह आ गये तो ये पंडित गोविंद वल्लभ पंत जैसे ब्राह्मण मुख्यमंत्री आप सभी के जूते कि लेस-नाड़ी बाँधने मे अपना सौभाग्य समझेगा*
*V-👉..इसके बाद विश्व ज्ञानी बाबासाहेब ने 18 मार्च 1956 मे आगरा के भाषण मे कहा था कि मुझे पढे-लिखे लोगो ने धोखा दिया है सोंचो आखिर बाबासाहेब ने ऐसा क्यों बोला था इसलिए अम्बेडकरवादी से बचो भीमवादी बनो तथा वफादार मुसलमान भाईयो हिकमत के तौर पर "बुद्ध" को अपना राजनैतिक गुरु मानकर भीमवादी दलित को नवाबी मुद्दे पर P.M बनाकर नवाबी छीन लो*
*नोट:--अम्बेडकरवादी का समानांतर शब्द भीमवादी शब्द है जिस तरह पसमांदा-फँसमांदा का समानांतर शब्द बहुजन है पसमांदा-फँसमांदा का हल-इलाज-उपाय अब कलाकार जाति पेशेवर जाति है कल के ज्ञानी बहुजन ही आज के कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले है इन्ही को कामगार-मजदूर-श्रमिक भी कहते है जिनकी जनसँख्या पूरे देश मे 50% के इर्द-गिर्द है ये "कला और पेशा" मे बँटी वंचित हजारों कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले लोग हिन्दू मुस्लिम दोनो समुदायो मे पाये जाते है जो सब के सब 96% OBC कि श्रेणी मे आते है मौलाना हसरत मोहानी साहब ने संविधान पर हस्ताक्षर करने से मना इसलिए किया था*
*बहुजन हसरत पार्टी जिन्दाबाद-जिन्दाबाद*
*9819316944*
*17-01-2021*
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