सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

"सोशल मीडिया के ' सदाचारी "!

 

"सोशल मीडिया के ' सदाचारी "!

                        अब क्या बताऊं मित्र ! सारी सारी रात मोहे नींद ना आए - जैसी सिचुएशन है । मेरे अनिद्रा रोग को लेकर आप भी भ्रम में हो सकते हैं ! न न न ! कैरेक्टर में इन्फेक्शन का मामला नहीं है ! अब इस उमर में ''मटुक नाथ ' होने का कौनो इरादा नहीं है भाई ! तो,,, काहे मुंह कोंहड़ा हो रहा है ! ऊ का है कि सोशल मीडिया पर रिश्तेदार बढ़ गए हैं ! ऐसे ऐसे आदर्श 'महामानव ' नज़र आ रहे हैं जिन्हें देखकर मेरा मनोबल एवरेस्ट से फिसल कर सीधे बंगाल की खाड़ी जा गिरा है ! माँ बाप की इतनी इज़्ज़त और सेवा करने वाले लोगों को अगर  'श्रवण कुमार' देख लें तो फ़ौरन हीनभावना के शिकार हो जाएं ! कितने चरित्रवान लोग फेस बुक पर 'नाईट वॉक' कर रहें हैं ! (मॉर्निग वॉक के समय ये बाप के जगाने पर भी नहीं उठते !)
             मैं 2015 में फेस बुक के गुरुकुल में दाख़िल हुआ था ,तब तक ज्ञान और संस्कार दोनो में नाबालिग था ! ( वैसे उम्र पचास की हो गई थी !) फेसबुक पर आते ही ज्ञान और आदर्श के एक से एक डायनोसोर खलीफा  से मुलाकात होने लगी ! मुझे पता नहीं था कि इस असार संसार में इतने विद्वान और उपदेशक आसन जमाए बैठे हैं ! सुबह होते ही फेस बुक पर रंगबिरंगी " गुड मॉर्निंग" नज़र आती ! (कई बार तो मै जवाब देने की मूर्खता भी कर जाता था़ !) उसके बाद सदाचार की शिक्षा शुरू होती , " मां"  की सेवा ही परमानंद है"! ( ऐसी पोस्ट डालने वालों में वो सदाचारी आगे होते हैं जिन्होंने अपनी मां को वृद्धाश्रम भेज रखा है !) साक्षात धर्मराज की पोस्ट में भी रिश्तों की इतनी आदर्शवादिता नहीं होगी, ज़रा देखिए - " सत्य का मार्ग संकट में भी नहीं त्यागना चाहिए -"! ( लगता है, विभीषण को इन्होंने ही मोडीवेट किया था!)   कुछ ने तो संस्कार के मामले में सतयुग को भी सिल्वर मेडल पर रोक दिया है, ' व्यवहार में नम्रता महापुरुषों की निशानी है '! ( इसके बावजूद कोई महापुरुष होने को तैयार नहीं !)
        दुनियां में कितना भी कलियुग या कोरोना आया हो पर सोशल मीडिया पर सतयुग और सदाचार का बसन्त उतरा हुआ है। इस पर इतने सदाचारी सवार हैं कि गांधी जी के बन्दर भी पूंछ उठाकर भाग लें ! सोशल मीडिया पर विद्वान महापुरुषों की एक नस्ल ऐसी भी है जिसने अपनी आंखों में सतयुग का लेंस डलवा लिया है! इसका फ़ायदा ये हुआ है कि चाहें जितना सूखा पड़े, उन्हें सावन की  ही अनुभूति होगी ! लेंस की बिक्री बढ़ रही है और साथ ही सतयुग की अनुभूति भी।  ये उसी लेंस का चमत्कार है कि प्राणियों को सूखे में मानसून, पतझड़ में बसंत, गरीबी में आत्मनिर्भता और किसान आंदोलन के
पीछे हरा भरा खालिस्तान नज़र आता है! लगता है - आने वाले वक्त में खुशहाली और बदहाली के बीच का भेदभाव खत्म हो जायेगा ! 
                                 हां तो,,,,, सोशल मीडिया के सात्विक चरित्र निर्माताओं की बात चल रही थी ! परसों फेस बुक पर एक सज्जन ने गांव से शहर आई अपनी वृद्ध माता जी के साथ अपना फोटो शेयर किया है! फोटो में शायद माता जी को मुस्करा कर फोटो खिंचवाने की सलाह दी गई थी। वो मुस्कराने और रोने के बीच की तस्वीर है ! (तसवीर में बहू सामने खड़ी है, शायद इसी लिए माता जी मुस्करा नहीं पायी !) मातृभक्त बेटे ने पोस्ट में लिखा था ,  ' माता की सेवा में परमानंद की अनुभूति होती है ' ! (पता नहीं ये दिव्य ' अनुभूति ' कितने दिन तक चली!) एक और सदाचारी बेटे ने अपनी मां को जूस पिलाते हुए तस्वीर शेयर की थी ! ( शायद दूध का क़र्ज़ उतार रहा था !) कितना घनघोर सतयुग है , फ़र्ज़ सिमट कर गिलास भर रह गया है !
             मैंने ' वर्मा ' जी से पूछ ही लिया, -' लोग जन्म देने वाले मां बाप के लिए थोडा़ सा भी फ़र्ज़ अदा करते हैं तो पोस्ट डाल कर ढिंढोरा क्यों पीटते हैं ?' वर्मा जी ने अपने तरीके से समझाया , " आज के दौर में इंसान ने ईश्वर को संदिग्ध बना दिया है ! तथाकथित धर्मगुरुओं ने मानव को भ्रम में लपेट दिया है ! उसे बिलकुल भरोसा नहीं है कि उसके पुण्य को ईश्वर कोई क्रेडिट देगा ! तो,,, क्यों ना दुनियां को अवगत कराया जाए '!  मैंने तर्क़ पेश किया , ' सर ! हर इंसान के कंधे पर एक एक फरिश्ता होता है जो उसके नेकी और बदी का अकाउंट अपडेट रखता है ! इंसान को इश्वर पर भरोसा रखना चाहिए"!                 "ईश्वर पर भरोसा तो ठीक है, फरिश्तों पर कैसे रखें! कहीं वो ख़ुद कंधों से उतर कर  ' पोस्ट ' डालने बैठ जाएं तो !! वो रंभा और मेनका का वीडियो देख रहें हों, और उतनी देर में  माता जी जूस का गिलास खाली कर दें ! फरिश्तों की लापरवाही से इतना बड़ा "पुण्य"  पल भर में रोहिंग्या हो कर रह गया "!

         हरि अनन्त हरि कथा अनंता - ! मै हैरान हूं इतने  विद्वानो की पोस्ट देखकर ! उम्र के इंटरवल पर मेरी हीनता क्लाइमैक्स पर है ! धीरे धीरे समझ में आ रहा है कि हिमालय और किष्किंधा की गुफाओं में तपस्या रत सारे ज्ञानी सोशल मीडिया पर लौट आए हैं ! सदाचार की अनंत शोधशालाएं जीवंत हो उठीं हैं ! कोरोना की कृपा से विद्वानों की बुद्धि भले भ्रमित हो पर सदाचार का उत्पादन बढ़ गया है । दस महीने में जीडीपी गरीबी रेखा से नीचे चली गई , मगर कोरोना मरदूद को मिर्गी तक ना आई ! बोर हो सारे सदाचारी  फावड़ा लेकर फेसबुक पर आ  गए , - सदाचार बिना चैन कहां रे !! अब चूंकि युग परिवर्तन में लगे हैं, कलिकाल में सतयुग फेंटना है ! इसलिए ऐसे कमेंट पर - लाइक या शेयर की उदासीनता नहीं देखी जाती ! गमले में रखा  मनीप्लांट का पौधा ताज़े पानी के इंतजार में कुपोषण का शिकार है , और  घर का मालिक फेसबुक पर पोस्ट डाल रहा है , -  'आज का सुविचार ! हमें अपने आस पास के पेड़ पौधों को नियमित रूप से खाद पानी देना चाहिए ! पर्यावरण को बचाने में आप हमारी इस मुहिम का हिस्सा बनें ' !!

       मुझे यकीन है, वो कल भी मनीप्लांट में पानी नहीं डालेगा, मगर फेसबुक पर पोस्ट ज़रूर डालेगा !
मेहमान लेखक: सुल्तान भारती


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

*EVM नये-छोटे-दलों का तथा BSP का उदय केंद्र मे नहीं होने दे रहा है*

(1)-पंडित पुजारी कि पार्टी काँग्रेस-BJP के नाटकीय नूरा-कुश्ती के खेल से 99% लोग अंजान है एक तरफ राहुल गाँधी भारत-जोड़ो-यात्रा का ढोंग कर रहे है तो दूसरी तरफ खडगे और शशी थरूर मे टक्कर दिखाकर खडगे (दलित) को काँग्रेस का अध्यक्ष बनाकर RSS-BJP कि जननी काँग्रेस BSP/भीमवादी दलित शेरनी बहन मायावती जी को शिकस्त देने के लिए दाँव-पेंच खेली है तथा इन बुद्ध के शूद्रो पर जो आज के MUSLIM SC ST OBC वंचित हजारों कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोग है इन्हे राजनीति के क्षेत्र में नपुंसक व अपाहिज बनाने के लिए जबरजस्त बेहतरीन चाल भी चली है इसलिए अम्बेडकर-वादी छुट भैये अवसर-वादी निकम्मा न बनकर 'भीमवादी-बनो' बहुजन हसरत पार्टी BHP कि बात पर तर्क करो गलत लगे तो देशहित-जनहित मे माफ करो* *(2)-जब-जब BSP को तोड़ा गया तब-तब Muslim Sc St Obc बुद्ध के शूद्र वंचित हजारों कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोगो ने उसके अगले ही चुनाव में BSP को 3-गुना ज्यादा ताकतवर बनाकर खड़ा किया है जैसे-1993/1995/1997 व 2002-03 में BSP को अ-संवैधानिक तरीके से तोड़कर समाजवादी पार्टी व BJP...

चुनाव आयोग जी बैलेट-पेपर को जिन्दा करो या बहुजन हसरत पार्टी कि मान्यता रद्द करो

सेवा मे:---*   *1..आदरणीय महामहिम राष्ट्रपति महोदया साहिबा जी, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली-110004* *2..माननीय केन्द्रीय चुनाव/निर्वाचन आयोग, निर्वाचन सदन, अशोक रोड, नई दिल्ली-110001* *माननीय महोदय/महोदया जी* *विषय:--दिनाँक 25/11/2020 से 28/5/2023 और अब 28/11/2023 तक 1000-1200 के इर्द-गिर्द रजिस्टर्ड-AD भेजकर EVM हटाकर पारदर्शी ''बैलेट-पेपर'' से चुनाव कराया जाय तब फिर ऐसी परिस्थित मे न्याय-प्रिय ''बैलेट-पेपर'' से चुनाव न कराये जाने पर बहुजन हसरत पार्टी BHP कि अपनी खुद कि मान्यता ही रद्द कर दी जाय ऐसी माँग को पिछले करीब 50-महिने के इर्द-गिर्द से बहुजन हसरत पार्टी BHP ने 17/12/2022--22/12/2022--31/12/2022--02/01/2023--03/03/2023--06/03/2023--09/03/2023--25/03/2023--28/03/2023 से कहीं ज्यादा 28/5/19 से लेकर 28/11/23 तक लिखित लिखा-पढ़ी करके निवेदन पे निवेदन करती चली आ रही है परन्तु अभी तक न जाने क्यों बहुजन हसरत पार्टी BHP कि बात स्वीकार नही कि जा रही है परन्तु इस अपील कम सूचना/नोटिस के मिलते ही बहुजन हसरत पार्टी BHP कि अपनी मान्यता अब तो तत्काल रद्द...

जूनियर वकील साहब'' का दर्द बहुजन हसरत पार्टी देशहित-जनहित मे "बेताब समाचार एक्सप्रेस" के माध्यम से उजागर करती है

 * सेवा मे आदरणीय*  *1...माननीय प्रधानमंत्री जी, प्रधानमंत्री कार्यालय भारत सरकार नई दिल्ली 110011*  *2..आदरणीय लोकसभा स्पीकर संसद भवन, भारत सरकार नई दिल्ली 110001* *3..माननीय न्याय-विधि मंत्रालय कैबिनेट सेक्रेटरिएट, रायसिना हिल नई दिल्ली 110001* *4..भारतीय विधिज्ञ परिषद/BAR COUNCIL OF INDIA, 21 राउस एवेन्यू इंस्टिट्यूशनल एरिया नई दिल्ली 110002* *देश के सभी "जूनियर वकील साहब" का दर्द जो बहुजन हसरत पार्टी देशहित-जनहित मे उजागर करती है*  * विषय :--: बहुजन हसरत पार्टी BHP देशहित-जनहित मे देश के समस्त सर्व समाज के सभी "जूनियर वकील साहबों" के लिए 24 बिन्दु आपके समक्ष नत-मस्तक होकर तहेदिल दिल से पेश करती है कि देश के सर्व समाज के सभी "जूनियर वकील साहब" लोगो कि दिली-कहानी समझकर इसका निस्तारण करने कि कृपा करिये तथा बहुजन हसरत पार्टी BHP जो आप सहित सभी आला-मंत्री और आफिसरो को 28/5/2019 से 28/12/20 तक करीब 150 SPEED POST व रजि० आदि भेजकर माँग करी है तथा फिर पुनःह माह जनवरी 2021 मे "'जूनियर वकील साहब"' कि "'असली-आवाज"' व ...