चलना जीवन सार !!
●●●
समय सिंधु में क्या पता, डूबे; उतरे पार !
छोटी-सी ये ज़िंदगी, तिनके-सी लाचार !!
●●●
पिंजड़े के पंछी उड़े, करते हम बस शोक !
जाने वाला जायेगा, कौन सके है रोक !!
●●●
पथ के शूलों से डरे, यदि राही के पाँव !
कैसे पहुंचेगा भला, वह प्रियतम के गाँव !!
●●●
रुको नहीं चलते रहो, जीवन है संघर्ष !
नीलकंठ होकर जियो, विष तुम पियो सहर्ष !!
●●●
दुःख से मत भयभीत हो, रोने की क्या बात !
सदा रात के बाद ही, हँसता नया प्रभात !!
●●●
चमकेगा सूरज अभी, भागेगा अँधियार !
चलने से कटता सफ़र, चलना जीवन सार !!
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काँटें बदले फूल में, महकेंगें घर-द्वार !
तपकर दुःख की आग में, हमको मिले निखार !!
समय सिंधु में क्या पता, डूबे; उतरे पार !
छोटी-सी ये ज़िंदगी, तिनके-सी लाचार !!
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पिंजड़े के पंछी उड़े, करते हम बस शोक !
जाने वाला जायेगा, कौन सके है रोक !!
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पथ के शूलों से डरे, यदि राही के पाँव !
कैसे पहुंचेगा भला, वह प्रियतम के गाँव !!
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रुको नहीं चलते रहो, जीवन है संघर्ष !
नीलकंठ होकर जियो, विष तुम पियो सहर्ष !!
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दुःख से मत भयभीत हो, रोने की क्या बात !
सदा रात के बाद ही, हँसता नया प्रभात !!
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चमकेगा सूरज अभी, भागेगा अँधियार !
चलने से कटता सफ़र, चलना जीवन सार !!
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काँटें बदले फूल में, महकेंगें घर-द्वार !
तपकर दुःख की आग में, हमको मिले निखार !!
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