दुश्मन को पहचानो
वैसे तो ज्यादातर लोग समझदार हैं लेकिन अफसोस होता है कि वह समझदार लोग भी भीड़ तंत्र में बदल जाते हैं। जबकि लोकतंत्र एक ऐसा अधिकार देता है जिसके जरिए आपको अपने होशो हवास में अपना नुमाइंदा चुनने का मौका मिलता है। उस शानदार अवसर को ज्यादातर लोग किसी ना किसी भावना में बहकर गंवा देते हैं और बाद में फिर 5 साल तक पछताते रहते हैं। एक पुरानी कहावत है अब पछताए क्या होत है, जब चिड़िया चुग गई खेत
ऐसी ही ex':eveex ex is AZ ex ex ex AZ GTE Creey yकुछ मिसाल हम लोगों की भी है हमें अपने दुश्मन को पहचानना होगा। क्या किसी धर्म का आदमी आपका दुश्मन हो सकता है या किसी जाति का आदमी आपका दुश्मन हो सकता है? हमने तो ऐसा देखा है कि आपके ही धर्म और आपकी ही जाति का व्यक्ति भी आपका दुश्मन हो सकता है। कई बार तो परिवार का व्यक्ति भी दुश्मन हो सकता है और कई बार आपके साथ काम करने वाला भी आप से दुश्मनी निभा सकता है, तो अपने दुश्मन को पहचानो। किसी की दाढ़ी किसी की टोपी किसी की पगड़ी किसी की वेशभूषा या किसी के गंदे कपड़ों को देखकर आप अपने दोस्त या दुश्मन का अंदाजा नहीं लगा सकते, बल्कि आपको यह तय करना पड़ेगा कि आपका दुश्मन कौन है। दुश्मन को पहचानो ?
क्या आपका दुश्मन व्यापारी है? क्या आपका दुश्मन कारोबारी है ? क्या आपका दुश्मन सरकारी मुलाजिम है? क्या आपका दुश्मन जमींदार है ? क्या आपका दुश्मन व्यापारी है ?
क्या आपके दुश्मन वह चुनी हुई सरकार है जिसे आपने अपने ख्वाब पूरा करने के लिए चुना था जिसके लिए अपने सुनहरे भविष्य के सपने देखे थे जिसके लिए आपने अपने राष्ट्र को मजबूत और अपनी सीमाओं को सुरक्षित होने का आभास लगाया था जिसके लिए आप ने किसान और मजदूरों को खुशहाल जिंदगी जीने का सपना देखा था ? जब तक आप दुश्मन को नहीं पहचानेंगे तब तक आप पछताते रहेंगे ।अपने दुश्मन को पहचानने का सबसे आसान तरीका है देखिए दो तरह के लोग होते हैं एक ऐसे लोग होते हैं जो किसी के दुख दर्द को देखकर उन पर तरस खाते हैं । एक ऐसे लोग होते हैं जो दुख दर्द को व्यापार बनाते हैं। तो आपको इस तरह के लोगों को पहचानना पड़ेगा। जब तक आप यह पहचान नहीं करेंगे आपके साथ धोखा होता रहेगा। मैं उदाहरण देकर आपको समझाता हूँ । आपको कोई गंभीर बीमारी नहीं थी अचानक आपको दर्द उठा आप एक डॉक्टर के पास जाएंगे। डॉक्टर आपकी बीमारी को जांच कराता है और उसका सही इलाज करता है तो वह अपने कर्तव्य का पालन करने वाला डॉक्टर कहलाएगा, यदि यही डॉक्टर आपके दर्द और आपकी बेचैनी का फायदा उठाता है और आपदा को अवसर में बदल लेता है तो यह डॉक्टर मसीहा नहीं आपका दुश्मन कहलाएगा। जिस चीज को हम नहीं जानते और हमारी अज्ञानता के कारण उसका अवसर उठाकर हमें लूटने का जो काम करते हैं वह हमारे दुश्मन हैं और जो हमारी अज्ञानता होते हुए भी हमें सही जानकारी देकर या हमारी अज्ञानता के बावजूद हमें नहीं लूटते हैं तो वह अच्छे लोग कहलाते हैं।
एक बार फिर यही कहता हूं अपने दुश्मन को पहचानो अपने रोजमर्रा की जिंदगी में गहराई से अध्ययन करो और आपका दुश्मन कौन है ?
प्रस्तुति एस ए बेताब संपादक बेताब समाचार एक्सप्रेस एवं यूट्यूब चैनल
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें