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*चुनाव आयोग कि नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट को बहुजन हसरत पार्टी का खुला पत्र:--*




*सेवा मे:---*


*1..आदरणीय महामहिम राष्ट्रपति महोदय साहब जी, भारत सरकार, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली -110004*


*2..माननीय प्रधानमंत्री जी,प्रधानमंत्री कार्यालय, भारत सरकार, नई दिल्ली - 110011*


*3..माननीय केन्द्रीय चुनाव/निर्वाचन आयोग, निर्वाचन सदन, अशोक रोड, नई दिल्ली  - 110001*


*4..आदरणीय लोकसभा स्पीकर, संसद भवन, भारत सरकार, नई दिल्ली - 110001*


*5..माननीय न्याय-विधि मंत्रालय कैबिनेट सेक्रेटरिएट, रायसिना हिल, नई दिल्ली - 110001* 


*6..भारतीय विधिज्ञ परिषद /BAR COUNCIL OF INDIA, 21 राउस एवेन्यू इंस्टिट्यूशनल एरिया,नई दिल्ली - 110002* 


*7..सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, B-2,पंडित दीनदयाल अन्त्योदय भवन, ग्राउंड फ्लोर, CGO काम्प्लेक्स  लोधी रोड, नई दिल्ली –110003*


*8..सेक्शन ऑफिसर, PMO, साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली - 110011*


*9..सचिव, राष्ट्रिय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) : त्रिकूट-1, भीकाजी कामा पैलेस, नई दिल्ली –110066*


*10..सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, शास्त्री भवन, नई दिल्ली -110001*


*विषय:--EVM मशीन यंत्र को हटाकर पुनःह ''बैलेट-पेपर'' से चुनाव कराने का निर्णय न करते हुए तथा कोल्जिएम-सिस्टम से हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के जजों कि नियुक्ति न होकर सीधे-सीधे न्यायिक योग्यता परीक्षा से नियुक्ति-चयन हो तथा चुनाव आयुक्त कि नियुक्ति लोगो के वोट द्वारा ''बैलेट-पेपर'' से हो उस दिनाँक 09/03/2022 कि इस अपील को अनदेखा करते हुए तथा ''अधिवक्ता-आयोग'' का गठन न करके तथा पूर्व में निम्न दिनाँक को जैसे 14/01/2021-/-21/01/2021 और 06/08/2021-/-20/08/2021 को ''अधिवक्ता-आयोग'' का गठन हो तथा ''जूनियर-सीनियर'' वकील-गण के उद्धार के लिऐ व देश के वंचित हजारों कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोगो को न्याय दिलाने के लिए व देश के विकास के लिए उतना ही जरूरी है जितना रेगिस्तान मे प्यासे को पानी कि जरूरत होती है मगर 14/01/2021-/-21/01/2021 और 06/08/2021-/-20/08/2021 कि ''अधिवक्ता-आयोग'' कि माँग को तथा 28/5/19/ से लेकर 9/3/23 के पूर्व कि सभी अपील-माँग-निवेदन को नजर अंदाज करके न्यायिक योग्यता परीक्षा द्वारा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों कि नियुक्ति कराने का निर्णय न करते हुए सिर्फ 'चुनाव-आयुक्त' का चयन अब केवल सरकार नही बल्कि प्रधानमंत्री/नेता प्रतिपक्ष और मुख्य न्यायाधीश करेंगे ऐसा सुप्रीम कोर्ट द्वारा मार्च-2023 में दिया हुआ निर्णय ऐतिहासिक नही बल्कि 'चुनाव-आयुक्त' पर निष्पक्ष होने के लिए अंकुश लगाने के बजाय 'चुनाव-आयुक्त' को पहले से बहुत ही अधिक ज्यादा पॉवरफुल बनाने वाला एक 'आंशिक-निर्णय-फैसला' है इसको एक ऐतिहासिक फैसला बताते हुए देशहित-जनहित के विरूद्ध एक नाटकीय तौर पर ''कोरा-बकवास'' करके थोपा गया है जो यह एतिहासिक फैसला एक घोर काल्पनिक जैसा ही लगता है जो न्याय-संगति कभी प्रतीत नही करता है ऐसा सवाल और कथन बहुजन हसरत पार्टी BHP का नहीं बल्कि देशहित-जनहित मे यही देशवासी कि न्याय-प्रिय अंदरूनी जमीनी हकीकत है जो अब इसे झुठलाया नही जा सकता है इसी के सन्दर्भ व बाबत में----------*

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*माननीय महोदय/महोदया*


*1-(नोट):--28/5/19 से लेकर 9/3/22 तक फिर उसके बाद 17-12-22, 22/12/22, 31-12-22, 2/1/23--और--2/2/2023, 8/2/2023, 15/2/2023, 23/2/2023, 28/2/2023--और--3/3/23 व 6/3/23 व 9/3/23 को पूर्व मे स्पीड पोस्ट व रजिस्टर्ड पोस्ट भेजकर करीब-करीब लगभग 46-महीने मे 1000/1200 माँग-अपील-निवेदन के साथ-साथ नयी हकीकत शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे व उनके वारिस उद्धव ठाकरे साहब के साथ ज्यादती हुई है तथा 17/02/2023 को ''मूल-शिवसेना'' व उसका चुनाव निशान ''धनुष-बाण'' सब ''जनता-दल'' कि भाँति व ''जनता-दल'' का चुनाव निशान ''चक्र'' जैसा ही दफन कर दिया गया मानो जैसे न्याय का चीर-हरण कर दिया गया हो तथा ''मूल-शिवसेना'' को दो गुट मे बाँटकर बिखेर दिया गया तथा ''उद्धव ठाकरे-गुट'' और ''एकनाथ शिंदे-गुट'' को नया-नया नाम देकर मानो उद्धव ठाकरे साहब को न्याय से वंचित किया गया हो ऐसी सच्चाई पेश करते हुए ये लिखित दिया गया था कि ''जनता-दल'' व उसका चुनाव निशान ''चक्र'' व ''शिवसेना'' व उसका चुनाव निशान ''धनुष-बाण'' जैसा रद्द कर दिये हो ठीक उसी भाँति बहुजन हसरत पार्टी BHP कि मान्यता रद्द कर दो ऐसी स्थिति मे सभी 17-12-22, 22/12/22, 31-12-22, 2/1/23 कि सभी माँग-अपील-निवेदन को देशहित-जनहित मे कानूनन स्वीकार कीजिए तथा तीन-तलाक कि भाँति तथा जिस तरह गरीब सवर्ण भाई को जैसे 10% आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया गया है उसकी भाँति तथा जिस तरह कश्मीर से धारा 370 और 35-A हटाया गया है उसकी भाँति ही ''कला और पेशा'' मे बँटी वंचित हजारों कलाकार जाति-पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोग जो हिन्दू-मुस्लिम दोनो समुदायो मे पाये जाते है जिनकी जनसँख्या पूरे देश मे करीब 70% है जिनका पूरा आधा देश है जो सब के सब 96% OBC कि श्रेणी मे आते है इन वंचित कलाकार जाति-पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोगो को SC ST भाईयों कि तरह ''सेवा और खिदमत'' के नाम पर राजनैतिक-आरक्षण लोकसभा-राज्यसभा-विधानसभा-विधान परिषद आदि मे दो वरना जाति व्यवस्था ही खत्म करो कलाकार जाति-पेशेवर जाति कि लिस्ट संलग्न कि गई है*


*माननीय महोदय/महोदया*


*(1)--क्योंकि उत्तर प्रदेश 2007 में BSP कि पूर्ण बहुमत कि सरकार बनाने के बाद जब 2008-09 में परमाणु डील के मुद्दे पर केंद्र कि काँग्रेस सरकार अल्पमत में आयी थी तब भीमवादी दलित शेरनी बहन मायावती जी का नाम प्रधानमंत्री के रूप में उभर कर देश-दुनियाँ के सामने आया था तब BJP के लालकृष्ण आडवाणी जी ने व RSS वाले समाजवादी पार्टी के अमर सिंह साहब ने संसद में वोट के बदले नोट कांड करवाकर काँग्रेस कि सरकार बचाई थी*


*(2)--BSP/भीमवादी दलित शेरनी क मायावती जी को प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए ही काँग्रेस ने 2009 का सम्पूर्ण आम चुनाव EVM से करवाकर EVM में गड़बड़ी करके सरकार बनाई थी तब BJP के लालकृष्ण आडवाणी जी ने EVM में गड़बड़ी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया परन्तु 2010 जब भारत के महान इंजीनियर हरि-प्रसाद ने चुनाव आयोग कि EVM मशीन चुराकर उसे हैक करके सारी दुनियाँ को ये दिखाया था कि कैसे EVM में गड़बड़ी करके चुनाव जीता जाता है तब हरि-प्रसाद को शाबासी देने के बजाय EVM में गड़बड़ी कि जाती है इस बात को छुपाने के लिए चुनाव आयोग ने EVM चोरी केस के मामले में हरी-प्रसाद जी को जेल भेजवा दिया---?*


*(2-A)--EVM में गड़बड़ी का राज खोलने वाले हरी-प्रसाद जी को जेल भेजे जाने के खिलाफ आंदोलन करने के बजाय तथा EVM में गड़बड़ी करके बनी हुई इस EVM वाली काँग्रेसी सरकार को असंवैधानिक करार देकर बर्खास्त करने कि माँग करने के बजाय विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी जी ने चुप्पी क्यों साध ली यह समझ के बाहर है....इसके संदर्भ में देश के लोगो का ये कहना है कि काँग्रेस BJP में ये डील हुई है कि EVM को बचावो तभी इस EVM के माध्यम से काँग्रेस और BJP ही बारी-बारी सत्ता पक्ष और विपक्ष में बने रहेंगे।*


*(3)--जैसे जर्मनी के सुप्रीम कोर्ट ने EVM से बनी सरकार को असंवैधानिक घोषित कर दिया था परंतु हरि-प्रसाद जी ने EVM हैक करके दिखाने के कारण EVM में गड़बड़ी संभव है यह मान्य करने के बावजूद जर्मनी के सुप्रीम कोर्ट कि भाँति 2009 में EVM से बनी सरकार को असंवैधानिक घोषित कर देने के बजाय कोल्जिएम से आये हुए जजो ने 08/10/2013 को EVM मशीन बचाने के लिए EVM के साथ VVPAT मशीन लगाने का आदेश पारित किया.....काँग्रेस ही BJP कि जननी होने के कारण काँग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश कि धज्जियाँ उड़ाकर बिना VVPAT लगाए 2014 का चुनाव कराकर अपनी B टीम BJP कि सरकार बनाई व काँग्रेस ने खुद को विपक्ष से भी कम सीट पर अपने आपको सिमटा लिया, क्योंकि EVM में गड़बड़ी करके काँग्रेस और BJP यह दोनों पार्टियाँ ही बारी-बारी सत्ता पक्ष व विपक्ष कि भूमिका केन्द्र मे अदा करती रहे और बिना रोक-टोक के पक्ष-विपक्ष का रोल करने के लिए आसीन होती रहे.... EVM के बिना VVPAT लगाए बनी इस असंवैधानिक सरकार को कोल्जिएम से आये हुए  जजगण ने भी सु-मोटो एक्शन लेकर बर्खास्त नही किया--?*


*(3-A)--भारत में आधिकारिक विपक्षी दल बनने के लिए, एक पार्टी को लोकसभा में 10% सीटें (54 सीटें) हासिल करनी होती है....संविधान के ढाँचे को लोकतंत्र को खोकला बनाने के लिए तथा MUSLIM SC ST OBC किसान मजदूर शिक्षा व बैंक देश के उद्योग आदि बर्बाद करने के लिए BJP को खुली छूट भी मिले और काँग्रेस को आधिकारिक विपक्ष कि भूमिका अदा न करना पड़े......इसलिए काँग्रेस को 2014 में 44 सीट व 2019 में 52 सीट यानी विपक्ष कि औकात से कम सीटे आने के बावजूद राहुल गाँधी ने काँग्रेसी EVM बंद करो ऐसा यात्रा न करके भारत जोड़ो यात्रा का ढोंग करके बुद्ध के शूद्रो को और जगा दिया है...*


*(3-B)--BJP को रोकने के लिए राजस्थान में दोनों बार BSP ने बिना शर्त काँग्रेस को समर्थन दिया उसके बावजूद काँग्रेस ने 2013 और 2018 के शासन काल मे BSP के सभी विधायक तोड़कर काँग्रेस में शामिल कर लिए इससे देश लोगो को पता चला है कि काँग्रेस इस BJP को नही बल्कि BSP को खत्म करना चाहती है क्योंकि काँग्रेस ही BJP कि जननी है....यदि काँग्रेस को सही में विपक्ष कि भूमिका अदा करनी होती तो जिस तरह काँग्रेस ने समर्थन दे रहे BSP के विधायक तोड़े थे उसी भाँति काँग्रेस BSP के 10 में से 3-4 सांसद तोड़कर (52+3=55) कब कि आधिकारिक विपक्ष कि पार्टी बन जाती....* 


*(3-C)--लेकिन काँग्रेस ही BJP कि जननी होने के कारण काँग्रेस खुद विपक्षी दल बनना नही चाहती है इसलिए तो 2014 व 2019 में विपक्ष से कम सीट लेना तथा नवंबर 2018 में मध्य प्रदेश-राजस्थान-छत्तीसगढ़ इन तीनो राज्यो में बहुमत कि सरकार बनाने वाली काँग्रेस को 4 महीने बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में 29 में 1 सीट, राजस्थान में 25 में से 0 सीट तथा छत्तीसगढ़ में 11 में से 2 सीट मिलने के बावजूद काँग्रेस EVM के खिलाफ आंदोलन नही करती है.....परंतु अब बुद्ध के शूद्र जो आज के Muslim Sc St Obc वंचित हजारो कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोग भली-भाँति काँग्रेस-BJP के आपसी नूरा-कुश्ती/सांठ-गांठ का खेल समझ चुके है* 


*(4)--11 मार्च 2017 को भीमवादी दलित शेरनी बहन मायावती जी ने EVM के खिलाफ जंग छेड़ी तो सरकार के इशारे पर चलने वाले चुनाव आयुक्त ने बिना हाँथ लगाए EVM हैकिंग करवाने का ढोंग करवाया जब कि EVM हैक होता है ये 2010 में हरि-प्रसाद जी ने साबित कर दिया था... तथा 2019 के आम चुनाव के पहले BSP आदि 17 राजनैतिक पार्टियाँ ने 50% VVPAT कि पर्चियों का मिलान EVM मशीन के साथ कराने कि माँग कि थी तथा अंत के बजाय शुरुआत में ही प्रत्येक विधानसभा के 5 पोलिंग बूथ के EVM के वोट व VVPAT पर्ची के मतगणना का मिलान करने कि माँग को कोल्जिएम-सिस्टम वाले जजो ने ठुकरा कर पुनःह EVM को बचा लिया*


*(5)--लोकतंत्र-संविधान को बर्बाद करने वाली तथा लोगो के मौलिक अधिकार यानि वोट चोरी करने वाले EVM देवता यंत्र को चुनाव आयुक्त और तथा इन दोनों को कोल्जिएम सिस्टम ही बचा रही है इस कोलेजियम-सिस्टम का उपाय सिर्फ अब ''अधिवक्ता-आयोग'' का गठन है तथा काँग्रेसी EVM देवता यंत्र का इलाज बैलेट-पेपर है*


*(5-A)--लोकतंत्र को बर्बाद करने वाली तथा लोगो के मौलिक अधिकार यानि वोट चोरी करने वाले EVM यंत्र को बचाने वाली कोल्जिएम सिस्टम को खत्म करने के लिए बहुजन हसरत पार्टी BHP ने दिनांक 14/1/2021, 21/1/2021, 6/8/2021, 20/08/2021 को "अधिवक्ता आयोग" गठन करने कि माँग कि थी तथा तहसील से लेकर सुप्रीम कोर्ट में जजो के आरक्षण कि माँग, तथा हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के जजो कि नियुक्ति न्यायिक योग्यता परीक्षा या जनता द्वारा बैलेट पेपर से हो तथा चुनाव आयुक्त का चयन भी जनता द्वारा बैलेट पेपर से हो ऐसी माँग कि थी तथा अन्य तमाम माँगे कि थी जिसका संक्षिप्त विवरण और इसकी आवश्यकता का विवरण निम्न में दिया है*


*माननीय महोदय/महोदया*


*(6)--आधार-कार्ड पर तथा स्वास्थ्य पहचान-पत्र पर तथा इलेक्शन-कार्ड पर तथा राशन-कार्ड पर तथा पासपोर्ट पर अन्य सरकारी डोकुमेन्ट पर जाति का जिक्र होना उतना ही जरूरी है जितना रेगिस्तान मे प्यासे को पानी कि जरूरत होती है क्योंकि यदि आधार-कार्ड/इलेक्शन-कार्ड-स्वास्थ्य पहचान-पत्र/राशन-कार्ड/पासपोर्ट तथा अन्य सरकारी डोकुमेन्ट मे जाति का उल्लेख और जिक्र होता है तो 99% स्कूल-कॉलेज के लड़के/लड़की अर्थात छात्र/छात्राओं का भविष्य बहुत ही उज्ज्वल होगा क्योंकि इन सभी कार्ड या पहचान पत्र मे यदि जाति का उल्लेख और जिक्र हो जाता है तो पढ़ने-लिखने वाले देश के भविष्य जिन्हे छात्र-छात्रा कहते है उनको वजीफा मे एडमिशन के समय आदि जगह पर जाति प्रमाण पत्र न होने के कारण जो एडमिशन आदि मे जो असुविधा होती है वह तमाम असुविधा अपने आप धराशाई हो जायेगी स्कूल-कॉलेज मे लड़के-लड़की का भविष्य अंधकार से खत्म होकर उज्ज्वल भविष्य कि तरह ऐसा साबित होगा जैसे मानो रेगिस्तान मे प्यासे को पानी मिल गया हो* 


*(7)--परन्तु आधार कार्ड पर जाति का जिक्र यदि होता है तो जाति जनगणना मे सबसे बड़ा फायदा भारत सरकार को आँकड़ा जुटाने मे अव्वल दर्जे का नहले पर दहला साबित होगा क्योंकि भारत सरकार का सम्पूर्ण कागजात अब आधार कार्ड पर निर्भर है तो जब आधार-कार्ड ही मुख्य बन गया है तो आधार कार्ड पर जाति का जिक्र होना उतना ही जरूरी है जितना एक अंधे को आँख कि जरूरत होती है यदि ऐसा होता है तो इसे देशहित-जनहित मे वर्तमान भारत सरकार कि सबसे अच्छी पहल मानी जायेगी जो सदियो-सदियों याद रखी जायेगी तथा ''कला और पेशा'' मे बँटी वंचित हजारों कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोगो का अपने आप भला हो जायेगा तब ''मंडल-आयोग'' कि रिपोर्ट मे जो ''आर्टिशियन-कास्ट'" का जिक्र अनेको बार आया हुआ है तब ''आर्टिशियन कास्ट" का खुलासा और मतलब भी भारत सरकार को अवश्य देशहित-जनहित मे समझ मे आयेगा ही आयेगा यह बहुजन हसरत पार्टी BHP का देशहित-जनहित मे दावा है इसलिए बहुजन हसरत पार्टी ने अदालत मे 7/7 P.I.L और SLP (C) दाखिल करके महान नया नाम कलाकार जाति पेशेवर जाति दिया है*


*(8)--चुनाव के दरम्यान जो ''नोटा-बटन'' का इस्तेमाल किया जाता है वह ''नोटा-बटन'' का इस्तेमाल मतदाता-गण/माननीय जनता-जनार्दन लोग प्रत्याशी/उम्मीदवार के खिलाफ इस्तेमाल करते है कि EVM मशीन यंत्र के खिलाफ ''नोटा-बटन'' का इस्तेमाल करते है इसका खुलासा कैसे होवे इसीलिए ''नोटा-बटन'' का इस्तेमाल देशहित-जनहित मे मौलिक-अधिकार को बचाने के लिए 1-नही बल्कि 2-होने चाहिए एक बटन पर ''बैलेट-पेपर'' से चुनाव तो दूसरा बटन EVM से चुनाव ऐसे हो जिससे मतदाता-गण/माननीय जनता-जनार्दन स्वतंत्र होकर EVM देवता मशीन यंत्र या प्रत्याशी/उम्मीदवार पर कानूनन अपनी-अपनी मंशा/इच्छा खुशी-खुशी जग-जाहिर कर सके और स्वतंत्र रूप से मनचाहा फैसला लेने मे कामयाब दिखे*


*(9)--आम चुनाव होने के बाद जब मतगणना शुरू होती है तो मतगणना शुरू होने से पहले ''पोस्टल-बैलेट'' कि गिनती काउन्टिग/मतगणना करायी जाय जिससे दिये गये वोट/मत पर पारदर्शिता बनी रहे क्योंकि मतगणना के शुरुआत मे सभी पार्टी के प्रत्याशी के पोलिंग-एजेन्ट मतगणना स्थल पर 101% मौजूद रहते है और मतगणना के आखिरी दौर मे सिर्फ जीतने वाले प्रत्याशी के अलावाँ टक्कर देने वाले उम्मीदवार के अलावाँ मात्र 1 या 2 प्रत्याशी के पोलिंग-एजेन्ट ही मतगणना स्थल पर मौजूद रहते है बाकी सभी प्रत्याशी के पोलिंग-एजेन्ट अपने-अपने उम्मीदवार को हारता देखकर उदास होकरग चले जाते है इसलिए देशहित-जनहित मे मतगणना शुरू होने के पहले ''पोस्टल-बैलेट'' कि गिनती करायी जाय जिससे लोकतंत्र और मौलिक-अधिकार पर न्याय हेतु पारदर्शिता बरकरार रहे और मतदाता-गण को कानूनन लगना चाहिए कि संविधान और लोकतंत्र और मौलिक-अधिकार आज भी सब सुरक्षित है*


*(10)--न्याय-पालिका ही संविधान कि कस्टोडियन है, संविधान ने लोगो को मौलिक अधिकार दिये है जिसे राज्य भी नही छीन सकते है लोगो के मौलिक अधिकारों का हनन होने पर केवल वकील-बाबू साहब ही लोगो के हक के लिए कोर्ट में लड़ता है और नजीर दे-देकर जजगण को फैसला लेने पर कानूनन मजबूती देते है परन्तु देश चंद महान वकील साहब को छोड़कर बाकी सभी सीनियर वकील-गण अपने जूनियर वकील साहब का शोषण करते है जूनियर वकील साहब का शोषण कुछ सीनियर वकील-गण साहब लोग कैसा करते है उसका सम्पूर्ण खुलासा बहुजन हसरत पार्टी BHP ने दिनाँक 14/01/2021, 21/1/2021 को लिखित भेजकर देशहित-जनहित मे किया था इन जूनियर वकील साहब को किसी पर निर्भर न रहना पड़े और लोकतंत्र को और कैसे मजबूत बनाया जाए जिसके लिए जूनियर-सीनियर'' वकील-गण के उद्धार के लिऐ व देश के वंचित हजारों कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोगो को न्याय दिलाने के लिए व देश के विकास के लिए ''अधिवक्ता-आयोग'' का गठन उतना ही जरूरी है जितना रेगिस्तान मे प्यासे को पानी कि जरूरत होती है मगर 14/01/2021, 21/01/2021 और 06/08/2021, 20/08/2021 कि ''अधिवक्ता-आयोग'' कि माँग को तथा 28/5/19/ से लेकर 9/3/23 के पूर्व मे कि है जैसे जूनियर वकील साहब को सरकार कि तरफ से 10 से 25 लाख रुपये लोन मिले जो बिना ब्याज का होवे और जिसकी किश्त 5 सालों बाद शुरू हो ऐसी माँगों के साथ- अन्य माँगे माँगी गई है*


*(11)--EVM के बल पर बनी निरंकुश काँग्रेस-BJP कि तानाशाही सरकारे भारत के सभी संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा करके उन्हें अपने इशारे पर नचाने के लिए मजबूर रही है जैसे:--चुनाव आयोग/CBI/INCOME TAX/ED और तो और कोल्जिएम से आये हुए जज साहब आदि पर ये काँग्रेसी EVM देवता मशीन यंत्र वाली सरकार जबरजस्त हावी है और जब-तक EVM मशीन यंत्र से चुनाव होता रहेगा तब-तक केंद्र मे पक्ष-विपक्ष के तौर पर काँग्रेस-BJP का ही कब्जा बना रहेगा----?*


*(12)--जिसका सबूत है कि एक तरफ सरकार के आगे न झुकने वाले जज लोया कि संदिग्ध मौत होते हुए भी न्याय नही मिलता है और दूसरी तरफ कोल्जिएम से आये हुए जज जैसे रंजन गोगोई साहब जिन्होंने 08/10/2013 में EVM में गड़बड़ी संभव है ऐसा आदेश देने के बावजूद ''बाबरी-मस्जिद'' मामले में सरकार के पक्ष में फैसला देने पर मजबूर हो गये तथा रिटायरमेंट के बाद गोगोई साहब राज्यसभा साँसद बना दिये गये आदि सबूत पे सबूत देश के पटल पर मौजूद है*


*(13)--बिना योग्यता वाले विशेष समुदाय के वंशानुगत घराने के लोग कोलजियम-सिस्टम के तहत बिना प्रतियोगिता के जज बनते चले आ रहे है परन्तु घोर योग्यता होने के बावजूद कोलजियम-सिस्टम के कारण बुद्ध के शूद्र जो आज के MUSLIM SC ST OBC वंचित हजारों कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोग है जो जज नही बन पा रहे है अर्थात जज नही बनाये जाते है इस कोलेजियम SYSTEM से आये हुए विशेष समुदाय के जज साहब लोग MUSLIM SC ST OBC लोगो के विरोध में पलक झपकते ही ऐसे फैसले देते है जो समझ के बाहर है जैसे:--बाबरी मस्जिद/SC ST कानून/OBC जनगणना व OBC आरक्षण आदि तथा EVM और 10% EWS गरीब सवर्ण के आरक्षण के पक्ष में इतनी जल्दी निर्णय दे देते है मानो जैसे आसमान से तारे जमीन पर आ गये हों*


*(14)--कोरोना-काल जैसे महामारी वाले मुश्किल घड़ी में देश को संभालने कि काबिलियत EVM से चुनकर आने वाले मोदी जी मे न होने के कारण बहुजन हसरत पार्टी BHP ने दिनाँक-28/4/20 व 4/5/20 को राष्ट्रपति शासन लगाने कि माँग कि थी या फ़िल्म नायक कि भाँति महामहिम राष्ट्रपति जी से देश के दो काबिल नेता (1)-भीमवादी दलित शेरनी बहन मायावती जी या (2) भीमवादी क्षत्रिय नेता माननीय राजनाथ सिंह जी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए माँग अपील कि थी...तथा 15/1/2021 व 22/1/2021 को आप सभी को भी विद्वान काबिल नेता (1)-भीमवादी दलित शेरनी बहन मायावती जी या (2) भीमवादी क्षत्रिय नेता माननीय राजनाथ सिंह जी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए लिखित भी दी थी*


*(15)--इसलिए जनमत विरुद्ध होने के बावजूद इस EVM के बल पर जो सरकारें बनाई जा रही है वह लोगो के समझ के बाहर है इस EVM से बनी हुई सरकारों द्वारा नियुक्त किये हुए चुनाव आयोग/आयुक्त साहब ही इस काँग्रेसी EVM देवता यंत्र मशीन को बचा रहे है तथा अफसोस इस EVM-मशीन यंत्र व ऐसे चुनाव आयोग/आयुक्त को कोल्जिएम-सिस्टम से आये हुए जज साहब ही बचा रहे है अफसोस जब देश का रक्षक ही भक्षक का रूप धारण कर लेगा तो देशहित-जनहित कि आन-बान-शान व लोकतंत्र-संविधान-मानवता-भाईचारा और न्याय कि हिफाजत और सिफारश कौन करेगा देश आज पुकार-पुकार ऐसा ही कुछ कह रहा है*


*माननीय महोदय/महोदया*


*(16)--वैसे तो पिछले 10 सालों से 'चुनाव-आयोग' पर सरकार के इशारे पर अनेको बार चलने का आरोप लग चुका है परन्तु 17/02/2023 को जब केंद्रीय चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे गुट वाली शिवसेना और एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना में बिना लोकसभा या विधान सभा मे जनमत आजमाए किसके पास कितने M.P/M.L.A--साँसद-विधायक है इस बल पर मूल शिवसेना पार्टी का नाम व चुनाव चिन्ह "धनुष्य-बाण" एकनाथ शिंदे गुट को देने के बाद चुनाव आयोग सरकार कि कठपुतली कि तरह काम करता है इसका दर्शन दुनियाँ को हो गया है और माह मार्च 2023 मे जो सुप्रीम-कोर्ट ने भी एक ऐतिहासिक फैसला बताकर चुनाव-आयोग-आयुक्त पर कटाक्ष किया है परन्तु एतिहासिक फैसला एक आश्चर्यजनक वाला आँशिक फैसला है कुछ तमाम अखबारों कि छाया-प्रति व 9/3/22 का आवेदन कि कॉपी तथा वंचित हजारों कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोगो कि लिस्ट फिर से संलग्न कि जा रही है*

*(17)--जब-तक कोल्जिएम सिस्टम बना रहेगा तब-तक EVM और चुनाव आयोग का नूरा-कुश्तीवाला सिस्टम बरकार रहेगा तथा EVM ही प्रधानमंत्री व नेता प्रतिपक्ष तय करेगा इसलिए लोकतंत्र बचा रहे तथा लोगो का न्यालालय व संविधान पर विश्वास सदैव बना रहे इसलिए अन्याय-रूपी कोल्जिएम-सिस्टम को समाप्त करके जजो कि नियुक्ति के लिए "अधिवक्ता आयोग" बनाने कि माँग 14/1/2021, 21/1/2021 और 6/8/202, 20/8/2021 से करती चली आ रही है---इस ''अधिवक्ता-आयोग'' में MUSLIM SC ST OBC समाज के जो भी अधिवक्ता-गण है उनकी नियुक्ति आबादी के अनुपात हो तथा सभी वर्ग के सीनियर-अधिवक्ता इस आयोग में पदाधिकारी हो सभी जूनियर वकील भी इस आयोग के सदस्य हो न्यायिक योग्यता परीक्षा में सफल हुए जजो में से कौन से जज सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट के जज होंगे या बनेंगे इसका फैसला इस ''अधिवक्ता-आयोग'' के सभी जूनिर-सीनियर अधिवक्ता-वकीलों के वोट के माध्यम से होनी चाहिए तभी देश का सुप्रीम कोर्ट और सभी हाई कोर्ट चंद घराने तथा विशेष समुदाय के लोगो के चंगुल व शिकंजे से बाहर निकल पायेंगे इसलिए बहुजन हसरत पार्टी BHP कि पूर्व कि सभी माँगों के साथ पुनःह यह माँग है 'कि 'अधिवक्ता-आयोग'' का गठन हो और ''अधिवक्ता-आयोग'' के माध्यम से अब हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजो कि नियुक्ति होनी चाहिए तथा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज-गण कि नियुक्ति अब कोल्जिएम-सिस्टम से नही होनी चाहिए* 

*(18)--देश मे पारदर्शी व निष्पक्ष चुनाव हो इसलिए चुनाव आयुक्त कि नियुक्ति सरकार द्वारा न करके लोगो द्वारा ''बैलेट-पेपर'' से कि जाए ऐसी माँग बहुजन हसरत पार्टी ने आप लोगो से 9/3/2022 को कि थी जिसका आँशिक संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2023 में लिया तो है और ऐसा ''आँशिक फैसला-निर्णय'' दिया कि अब केवल सरकार चुनाव आयोग/आयुक्त कि नियुक्ति नही करेगी बल्कि प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष व मुख्य न्यायाधीश करेंगे यह निर्णय ऐतिहासिक न होकर उल्टा चुनाव आयोग-आयुक्त पर निष्पक्ष होने के लिए अंकुश लगाने के बजाय चुनाव आयुक्त को और भी ज्यादा पॉवर फूल बनाया जाने वाला फैसला हैं---*

*(19)‌--EVM और कोल्जिएम के रहते हुए लोगो के वोट-मत-से नही बल्कि इसी काँग्रेसी EVM देवता यंत्र मशीन द्वारा बनायी गई सरकार के ही प्रधानमंत्री और नेता प्रतिपक्ष और कोल्जिएम से आये हुए जज साहब ही चुनाव-आयोग-आयुक्त कि नियुक्ति तय करेगे तो मानो जैसे हाँथी के मुँह मे जीरा फँस गया हो सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से कोई क्राँति-कारक-ऐतिहासिक बदलाव नही हो सकता है इसलिए चुनाव-आयोग-आयुक्त कि नियुक्ति के लिए एक समिति बनाई जाय......जिसमे 5-पूर्व प्रधानमंत्री व 5-पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ जूनियर-सीनियर वकील-गण भी सदस्य हो*

*(19-A)--जिसके अध्यक्ष भूतपूर्व प्रधान मंत्री हो, 2 से 4 उपाध्यक्ष हो उपाध्यक्ष के लिए 3-4 बार मुख्यमंत्री रह चुके पूर्व मुख्यमंत्री ही उपाध्यक्ष हो तथा पूर्व मुख्य न्यायाधीश भी हो ऐसे 15 से 21 लोगों कि चुनाव-आयोग-आयुक्त कि नियुक्ति करने के लिए देशहित-जनहित मे एक समिति का गठन किया जाय या ''अधिवक्ता-आयोग'' के माध्यम से सुप्रीम-कोर्ट व हाईकोर्ट व चुनाव-आयोग-आयुक्त कि नियुक्ति हो*

*(19-B)--परन्तु इस समिति में कोई वर्तमान या या या पूर्व साँसद/विधायक न हो ऐसी समिति ही चुनाव-आयोग-आयुक्त कि नियुक्ति करेंगी तभी निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव हो पाएंगे इसलिए बहुजन हसरत पार्टी BHP कि अन्य सभी माँगो के साथ यह भी माँग है कि चुनाव आयुक्त कि नियुक्ति केवल प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष व मुख्य न्यायाधीश के माध्यम से न होकर चुनाव आयुक्त नियुक्ति उक्त समिति के माध्यम से हो या या या 140-करोड़ जनता-जनार्दन/वोटर तय करें कि हमारे मौलिक-अधिकार वोट कि रक्षा करने वाले का चुनाव देशहित-जनहित मे कैसे किया जाए*

*(20)--जजों कि नियुक्ति कोल्जिएम से नही बल्कि ''अधिवक्ता-आयोग'' से हो और इस 'अधिवक्ता आयोग' कि कमिटी में देश के सभी MUSLIM SC ST OBC आदि सभी वर्गों का उनके संख्यानुसार प्रतिनिधित्व दिया तरा सभी वर्ग के सीनियर वकील साहब को इस ''अधिवक्ता-आयोग'' कि नियुक्त के लिऐ रखा जाय तभी देश मे संविधान के इच्छानुरूप सबको न्याय मिलेगा और कोर्ट के माध्यम से EVM भी बंद हो जाएगा इसलिए जब तक EVM हटाकर बैलेट-पेपर से चुनाव कराने निर्णय नही होता तथा कोल्जिएम-सिस्टम द्वारा जजो कि नियुक्ति न होकर ''अधिवक्ता-आयोग'' द्वारा जजो कि नियुक्ति नही होती तब तक चुनाव-आयोग-आयुक्त कि नियुक्ति प्रधानमंत्री, नेता प्रति पक्ष व मुख्य न्यायाधीश द्वारा होगी यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला कोई नयी क्राँति या सुधार नही ला सकता यह बहुजन हसरत पार्टी BHP का दावा नही है बल्कि न्याय का दावा है*

*नोट-2:--चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक संस्था पर पिछले एक दशक यानि बीते 10 सालों से चुनाव आयोग के निष्पक्षता को लेकर खास करके इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर न होते हुए भी उसकी कोई जानकारी न होते हुए भी EVM से बनी सरकार के दबाव में EVM में गड़बड़ करना संभव नही है ऐसे बेतुके जवाब आज आधुनिक युग/दुनियाँ मे देकर EVM बचाने कि ना-जायज कोशिश करते है और दुनियाँ के प्रगति देशों ने ठुकराई EVM यंत्र से देश के 140-मतदाता के वोट-उनके मौलिक अधिकार कि तथा उनके इच्छा के विरुद्ध हो रही डकैती-चोरी के खिलाफ सु-मोटो एक्शन न लेकर कोलजियम-सिस्टम से आये हुए जज-गण EVM को बचा रहे है जो अति दु:खद है जो भारत के लोकतंत्र के लिए खतरा है इसलिए लोकतंत्र को बचाने के लिए व लोगो के मौलिक अधिकार ''वोट" कि डकैती रोकने के लिए बहुजन हसरत पार्टी BHP ने 8 मार्च 2022 व 9 मार्च 2022 को अपील-माँग-निवेदन करी थी-----*

*(A):--जिस तरह आप लोगो ने 10% गरीब सवर्ण भाईयो को आरक्षण दिया है*


*(B):--जिस तरह आप लोगो ने 3-तलाक पर मुस्लिम कौम कि महिलाओं के उद्धार के लिऐ कानून बनाया है*


*(C):--जिस तरह आप लोगो ने कश्मीर से धारा 370 व 35-A हटाया है*

*3-नोट:--2 मे A और C कि भाँति नीचे कि सभी माँग पर कानून बनाने कि या कानून मे सं-शोधन करने कि महान कृपा करिये----------खुशी इस बात कि है कि बहुजन हसरत पार्टी BHP देशहित-जनहित मे करीब 28/5/19 से लेकर 9/3/23 तक करीब लगभग 46-महीने से सभी महानुभाव-रहनुमा-मसीहा को 1000/1200 रजिस्टर्ड पोस्ट व स्पीड पोस्ट भेजकर हर समय अपील-माँग-निवेदन करती चली आ रही है परन्तु अफसोस और दु:ख इस बात का है कि यह अपील-माँग-निवेदन करने के बाद बहुजन हसरत पार्टी BHP के संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष-अपील-कर्ता जनाब मुहम्मद मैराज शेख के साथ मुस्लिम होने के कारण कोई भी अप्रिय/दुर्घटना/वारदात हो सकती है ऐसी आशंका मन मे शमा गई है लेकिन आप जैसे महानुभवों के होते हुए बहुजन हसरत पार्टी BHP के किसी भी पदाधिकारी-गण के साथ कोई अप्रिय घटना नही हो सकती है नाहिं किसी का बाल-बाँका हो सकता है ऐसा बहुजन हसरत पार्टी BHP को आप सभी लोगो के ऊपर 1000% विश्वास और भरोसा और यकीन है*

*बिन्दु-(अ)--ठीक उसी तरह ''कला और पेशा'' मे बँटी वंचित हजारो कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर जो सदियो से सर्व-समाज कि ''सेवा और खिदमत'' करते चले आ रहे है जो "हिन्दू-मुस्लिम" दोनो समुदायो मे पाये जाते है जिनकी जनसँख्या पूरे देश मे करीब 50% के इर्द-गिर्द है जो सब के सब 96% OBC कि श्रेणी मे आते है उन्हे SC ST भाईयो कि तरह ''सेवा और खिदमत'' के नाम पर ''राजनैतिक-आरक्षण'' लोकसभा राज्यसभा विधानसभा व विधान परिषद मे दो या जाति व्यवस्था खत्म करने कि महान कृपा करिये*

*बिन्दु-(आ)--2021 कि जाति आधारित जनगणना कि जाए तथा आधार कार्ड--स्वास्थ पहचान पत्र--राशन कार्ड---वोटिंग कार्ड व सभी सरकारी अभिलेखों पर जाति का जिक्र हो ताकि बना अतिरिक्त खर्च के भले एक मिनी/छोटी जनगणना हो परन्तु देश के सभी लोगो को उनकी संख्यानुपात प्रति-निधित्व का लाभ दिलाने के लिए सरकार के पास हर समाज का डाटा उपलब्ध होना चाहिए जिससे स्कूल-कॉलेज में बच्चों को दाखिला दिलाने मे तथा स्कॉलर-शिप/फ्री शीप मिलने के लिए जाति प्रमाण बाधा न बने उस तमाम बाधा को दूर करने के लिए आधार कार्ड, स्वास्थ पहचान पत्र, राशन कार्ड, वोटिंग कार्ड व सभी सरकारी अभिलेखों पर जाति का जिक्र होना उतना ही जरूरी है जितना रेगिस्तान मे प्यासे को पानी कि जरूरत होती है.......?*


        *अत:आप सभी माननीय महानुभाव से देशहित-जनहित मे नत-मस्तक होकर तहेदिल से बहुजन हसरत पार्टी BHP विषय के साथ-साथ जो मुख्य 3-नोट तथा टोटल जो सभी 20-बिन्दु है कुछ बिन्दु A/B/C मे भी समाहित/सामिल है उस पर अपनी-अपनी खुशी का जिक्र करते हुए माँग-अपील-निवेदन कि है कि जैसे आधार कार्ड, स्वास्थ पहचान पत्र, राशन कार्ड, वोटिंग कार्ड व पासपोर्ट आदि सभी सरकारी अभिलेखों पर जाति का जिक्र हो तथा 'अधिवक्ता-आयोग' का गठन हो जिससे 'अधिवक्ता-आयोग' के गठन कि वजह कोलजियम-सिस्टम को बंद करके कम से कम 5-पूर्व प्रधानमंत्री व 5-पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ जूनियर-सीनियर वकील-गण द्वारा समीति बनाकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजगण कि नियुक्ति हो या या या लिखित परीक्षा द्वारा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज-गण कि नियुक्ति हो तथा चुनाव आयुक्त कि नियुक्ति भी समिति द्वारा हो.....या 140-करोड़ जनता-जनार्दन मे जो भी लगभग 110-करोड़ के इर्द-गिर्द वोटर/मतदाता-गण है ये लोग देशहित-जनहित मे चुनाव आयोग कि नियुक्ति चुनाव के जरिये बैलेट-पेपर के माध्यम से करे या जितने भी 3000 के इर्द-गिर्द जो गैर-मान्यता-प्राप्त राजनैतिक दल है इनके 5-5 राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी-गण ''चुनाव-आयोग'' कि नियुक्ति बैलेट-पेपर के माध्यम से करें तभी भारत देश पुनःह सोने कि चिड़िया बन पायेगा अन्यथा जब-तक काँग्रेसी EVM देवता यंत्र से चुनाव होता रहेगा तब-तक काँग्रेस-BJP ही पक्ष-विपक्ष कि भूमिका केन्द्र मे अदा करती रहेगी तथा BSP-शिवसेना-RLD-JDU आदि बड़ी पार्टी सिर्फ एक दो राज्य तक सीमित रह जावे तथा 6/8 सीट भी जीत लेवे तो बड़ी बात होगी तथा बहुजन हसरत पार्टी BHP आदि नये-नये छोटे-छोटे दलो का उदय भी हो जावे तो मानो आसमान से तारे तोड़कर लाने जैसी बात होगी यदि अपील-माँग-निवेदन करने और लिखने में कोई अपराध व गलती हो गई हो तो देशहित-जनहित मे माफ कीजिए*


*बहुजन हसरत पार्टी BHP*


*संस्थापक राष्ट्रीय अध्यक्ष-अपीलकर्ता*  


 *(मुहम्मद मैराज शेख)*


*08/03/2023*         *9819316944*



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