सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

*6 दिसम्बर की बात 7 दिसम्बर को*


*-----6--------6----------6--------6-----*

6 दिसम्बर 1992 हिन्दुस्तान की तारीख का वो सियाह दिन है जब इस मुल्क में इस अदलिया और कवानीन के सामने ही इस मुल्क की जम्हूरियत का कत्ल किया गया तारीख ने देखा कि इक्तिदार पर बैठे इंसाफ-ओ-अमन की दुहाई देने वालों ने किस तरह बाबरी मस्जिद को शहीद किया और अदालत में बैठे इन्साफ के अलमबरदार उसकी शहादत का तमाशा देखते रहे | लेकिन इस दिन मुसलमानों में एक अजब जज्बा-ए-दीन बेदार हुआ है , मुसलमान  6 दिसम्बर को यौम-ए-सियाह (काला दिन)के नाम से मनाएंगे और आह-ओ-जारी करेंगे।

मैं तस्लीम करता हूँ कि बाबरी मस्जिद की शहादत और उसकी अजमत का दर्द जो हमारे दिलों में उठता है वो यकीनन बेहतर है लेकिन सवाल ये है कि ये दर्द ये आहो-फुगाँ ये गम ये तदबीरें सिर्फ 6 दिसम्बर को ही क्यूँ ?

कभी सोचियेगा कि इन मसाजिदों की अजमत और गम-ए-हकीकी भी हमारे दिलों में हैं की नहीं ,

ये कैसा दर्द है हमारे दिलों में कि एक मस्जिद की शहादत पर हमें तकलीफ होती है हम उसकी शहादत पर जारो-कत्तार आँसू बहाते है लेकिन जब इसी मस्जिद से सदा-ए-हक बुलंद होती है तो हम उसकी जानिब जाना भी पसंद नहीं करते क्या यही हमारा जज्बा-ए-दीनहै ?

कुफ्र और ईमान के बीच फर्क पैदा करने वाली चीज़ नमाज़ है, जिसने नमाज़ को छोड़ा उसने अपने दीन को ढा दिया, नमाज़ दीन का सतून है अब जिसे अपनी नमाज़ो की ही फिक्र नहीं वह काला और लाल कोई सा भी दिन मनाले सब से मक़सद और बे मायने हैं। 

शहादत ईमान को जिन्दा करने के लिए होती है उन्होंने तुम्हारी एक मस्जिद शहीद की थी तुम हजार मस्जिद बनाने का अज्म करते उन्हें आबाद करने का अज्म करते लेकिन तुमने भी तो मस्जिदों को शहीद करने का जिम्मा उठा लिया है। अगर वाकई तड़प और फिक्र है तो आज और अभी से फिक्र लो इस बात की कि अब एक भी नमाज़ न छूटेगी और दीन पर मुकम्मल अमल होगा।

कल लिखने का वक़्त न मिला इसलिए आज लिख दिया क्यों कि मेरे लिए तो हर दिन 6 दिसम्बर जैसा ही है अगर तुमने अभी भी आंखें न खोली तो आगे और कितने 6 दिसम्बर देखने पड़ जायेगें सोच भी नहीं सकते हो, ज्ञानवापी मस्जिद जो कि बनारस में है उसे तो निशाने पर लिया जा चुका है ।

मुसलमानों के बाद आगे की बात उन गैर मुस्लिम भाईयों के लिए जो कहते हैं कि मुसलमान इस मुल्क में बाबरी को याद कर गड़े मुर्दे उखाड़ते हैं, बाबरी अब इतिहास बन चुकी है, सांप तो निकल गया अब लाठी पीटने से क्या फायदा???

तो ऐसे लोगों को यह नसीहत सबसे पहले उन्हें करनी चाहिए जो ज़ुल्म पर जश्न मना रहे हैं और 6 दिसम्बर को शौर्य दिवस मना रहे हैं, और गड़े मुर्दे हम नहीं उखाड़ते बल्कि कौन उखाड़ता है सभी जानते हैं, गड़े मुर्दे उखाड़ने का नतीजा ही बाबरी की शहादत है और गड़े मुर्दे उखाड़ने की लिस्ट में ज्ञानवापी चल रही है, तुम बिना सबूत के मुगलों को ग़लत ठहराकर उसकी गलती आज के मुसलमानों पर थोपते हो और नसीहत हमें करते हो कि गड़े मुर्दे हम उखाड़ते हैं।

दूसरी बात किसी ऐतिहासिक घटना को बार-बार याद करने का मतलब ज़रूरी नहीं कि उस घटना का बदला लेना ही हो। इसके दो अहम मक़सद हैं। एक तो ये कि ज़ालिम कभी भी हाई मोरल ग्राउंड न ले पाए। यानी जब भी कोई भेड़िया मुंह में घास खोंसकर शांति पर प्रवचन दे तो उसके सामने उन मज़लूमों की हड्डियां रख दी जाएं, जिन्हें वो निगल चुका है। दूसरा, यह याद रखना है कि ज़ुल्म का असर कितना हुआ है। यानी अगर आप किसी पर जुल्म करने की सोचो तो पहले ये समझ लो ये कितना दुखदाई है यह, कितना अमानवीय है और कितने साल पूरी दुनिया में  ज़िल्लत का सबब बनने वाला है आपके लिए।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जो बाबा-साहेब को P.M नही बनने दिये वो क्या बहन जी को बनने देंगे ?

*👉--इसका जवाब पंडित नेहरू व राम मनोहर लोहिया व मौलाना अबुल कलाम आजाद व गाँधी जी व जिन्ना हरामी व 3743 OBC को बेवकूफ बनाने वाले बल्लभ भाई पटेल के पास है वही लोग बता सकते थे परन्तु---?*  *👉--बाबा-साहेब के ऐकला आदर्शवादी चेला भीमवादी दलित बब्बर शेर मान्यवर काँशीराम साहब प्रधानमंत्री नही बन सके* *👉--इसका खुलासा (स्व०)-मुल्ला-मुलायम सिंह यादव साहब व लालू प्रसाद यादव साहब व 16-टुकड़ो मे बिखरे पूर्व जनता-दल के सभी नेतागण ही बता सकते है* *👉--चौधरी देवीलाल साहब प्रधानमंत्री नही बन सके और V.P सिंह साहब कैसे प्रधानमंत्री बन गये इसका जवाब काँग्रेस व BJP के पास है---परन्तु काँग्रेस-BJP को ठोकर मारकर BSP के जन्मदाता मान्यवर काँशीराम साहब के बल पर जब तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री V.P सिंह साहब ने मंडल आयोग लागू किया तो मनुवादी लोग मानो चट्ठी मे पेशाब हो गया उसी समय से वी॰~पी॰सिंह साहब देश के असली रहनुमा-मसीहा-रहबर बन गये अर्थात भीमवादी क्षत्रिय बन गये ऐसा कथन बहुजन हसरत पार्टी BHP का देशहित-जनहित में है*  *👉--यदि भीमवादी क्षत्रिय तत्कालीन प्रधानमंत्री माननीय V.P सिंह साहब मंडल-आयोग लागू नही किये होत

भाजपा सरकार में किसान, नौजवान, महिलाएं, और गरीब सभी दुखी हैं| पिछडों, दलितों के आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है- अताउररहमान

Report By Anita Devi  बहेड़ी समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित जिला सचिव अंशु गंगवार  के नेतृत्व में ग्राम भोपतपुर अड्डे पर  खिचड़ी भोज का आयोजन हुआ|  जिसमें मुख्य अतिथि रहे सपा प्रदेश महासचिव व विधायक अताउरहमान  (पूर्व मंत्री) ने नवनिर्वाचित जिला सचिव का फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत  करते हुए सभा को संबोधित करते हुए कहा की भाजपा सरकार में किसान, नौजवान, महिलाएं, और गरीब सभी दुखी हैं| पिछडों, दलितों के आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है| सभी लोग संबिधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए आदरणीय अखिलेश यादव जी के हाथों को मजबूत करें और श्री रहमान जी  खिचड़ी भोज में शामिल हुए|    इस मौके पर जिला छात्र सभा अध्यक्ष  मुकेश यादव, विधानसभा कोषाध्यक्ष हरस्वरूप मौर्य, जिला पंचायत सदस्य ब्रह्मस्वरूप सागर, मुशर्रफ अंसारी, शांतिपाल गंगवार, बूंदन अंसारी,प्रबन्धक देवकी नंदन गंगवार, रघुवीर,डॉ लालता प्रसाद, किशन गंगवार, इरशाद अंसारी, इरफान खां, बब्बन खां, दानिश खां, संजीव, परवेज गंगवार,तुलाराम गंगवार,आदि लोग मौजूद रहे

*NDA-बनाम-INDIA का उदय EVM-कोलेजियम को जीवनदान देने के लिए हुआ है*

*क्या NDA-बनाम-INDIA कि आड़ मे EVM-कोलेजियम फिर बच गया* * (1)-क्या UPA-काँग्रेस/अब नया नाम INDIA रखा गया है जो NDA काँग्रेस कि पैदा कि हुई B-टीम BJP है पंडित-पुजारी कि पार्टी काँग्रेस-BJP के अंदरूनी साँठ-गाँठ वाले आतंक को कैसे नष्ट किया जाय इसका जवाब यदि किसी को चाहिए तो देशहित-जनहित मे इस लेख को दिल से सैल्यूट करते हुए अंत तक पढ़े और पढ़ते हुए आपको खुद एक ऐसा रास्ता दिखेगा जिस रास्ते पर कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोगों को भरपूर सफलता दिखाई देगी तथा बुद्ध के शूद्र जो आज के Muslim Sc St Obc वंचित हजारो कलाकार जाति पेशेवर जाति वाले कामगार-श्रमिक-मजदूर-बहुजन लोग है इन्हे समझ मे आयेगा कि NDA-UPA का नया अध्याय NDA-बनाम-INDIA का उदय क्या EVM-कोलेजियम को जीवनदान देने के लिए हुआ है* *(2)-NDA-बनाम-INDIA का ड्रामा फैलाकर हे काँग्रेस-BJP दोनो पक्ष-विपक्ष कि भूमिका निभाने वाली पंडित-पुजारी कि पार्टीयों इस EVM-कोलेजियम को मत बचाओ हा-हा-हा-पूर्व जनता-दल के सभी 16-टुकड़ो में बिखरे नेतागण काँग्रेस को लेकर जो विपक्ष कि मीटिंग BJP-जटाधारी-फेकूचन्द मोदी के सत्ता के खिलाफ कर रहे है ये सब ढोंग और बकवास है क्यों