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किस्मत जब मेहरबान होती है तो सीधा-सादा मामूली सा एक लड़का बन जाता है हीरो,खेल की दुनिया से फिल्मी दुनिया तक का सफर अजहरुद्दीन ने कैसे किया पूरा

 कैसे एक नौजवान साइकिल से मर्सिडीज तक पहुंचा जिसे बचपन में फिल्म देखने की पाबंदी थी वह बन गया फिल्म हीरोइन का पति

कैसे एक नौजवान साइकिल से मर्सिडीज तक पहुंचा। जिसे बचपन में फिल्म देखने की पाबंदी थी कैसे वह बन गया फिल्मी हीरोइन का पति
 S A Betab
एक छोटे से शहर के जिस लड़के को कभी घर से फिल्म देखने की इजाजत नहीं थी।एक  दिन इतनी ऊंचाइयों पर पहुंच जाता है कि वह एक फिल्मी हीरोइन का पति बन जाता है। जो अपनी दो बहनों को साइकिल पर एक को आगे एक को पीछे बैठा कर स्कूल छोड़कर समय से लौट आता है ताकि पिता साइकिल से समय से दफ्तर जा सके।वह व्यक्ति एक दिन इतना अमीर बन जाता है कि उस पर दौलत की ऐसी बारिश होती है उसके पास 450 टाइयो, तीन कारों (दो मर्सिडीज और एक होंडा )मुंबई में अपने बंगले, वर्षाची वह ब्रियानी के सूटों और धूप के चश्मों के भंडार( ओकले वर्षाची, रे बैन)का लुत्फ उठाता है। वह शख्स राजनीति की दुनिया में जब कदम रखता है और भारत की सबसे बड़ी पंचायत के लिए चुनाव मैदान में उतरता है तो जनता उसका स्वागत जीत से करती है। तब वह सांसद बनकर भारतीय संसद का  सदस्य बन जाता है। अपनी कप्तानी में 1998 में 39 टेस्ट खेल का 13 में जीत और 9 में हार 17 ड्रा  कराता है ।एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में 124 मैच खेलकर 64 जीता है 55 हारता है और 5 टाई कराता है। यह आंकड़ा जबकि सचिन तेंदुलकर की कप्तानी में 47.1 परसेंट जीते। कपिल देव की कप्तानी में 45.6 परसेंट मैच जीते ।सुनील गावस्कर की कप्तानी में 51.1 पर्सेंट में जीते। बिशन सिंह बेदी की कप्तानी में 38.6 परसेंट मैच जीते । मंसूर अली खान पटौदी की कप्तानी में 37.5% जीते ।जबकि कप्तान अजहरुद्दीन की कप्तानी 55.1 परसेंट मैच जीते गये। यह कहानी है भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन की ।इनका जन्म ८ फरवरी, १९६३ को हैदराबाद में हुआ था। अजहरुद्दीन ने अपने अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट कॅरियर की शुरुआत १९८४-८५ में इंग्लैंड के विरुद्ध की थी। उन्होंने ९९ टेस्ट मैचों में ४५.०३ की औसत से कुल ६२१५ रन बनाए हैं। इसमें १९९ रन उनका सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर रहा है। अजहरुद्दीन ने टेस्ट मैचों में २२ शतक एवं २१ अर्धशतक लगाए हैं।

        अजहरुद्दीन ने अपने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॅरियर की शुरुआत १९८५ में इंग्लैंड के विरुद्ध बेंगलुरु में की थी। उन्होंने ३३४ एकदिवसीय मैचों की ३०८ पारियों में ५४ बार नाबाद रहते हुए ३६.९२ की औसत से कुल ९३७८ रन बनाए हैं। इसमें नाबाद १५३ रन उनका सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर रहा है। अजहरुद्दीन ने एकदिवसीय मैचों में ७ शतक एवं ५८ अर्धशतक लगाए हैं। उन्होंने २२९ प्रथम श्रेणी मैचों में ५१.९८ की औसत से कुल १५,८५५ रन बनाए हैं।
 वह टेस्ट में २२ शतक लगाये और और ओ-डी-आई में ७ शतक लगाये हैं। और वह एक उत्तम फिल्डर है। उनहोने १५६ केचेस पक्डे है। यह एक ममुली साधन नहि है मगर इस को स्री लन्का के महेला जयवर्धने ने इसे तोड दिया।

        उन्होने यह साधन भी किया है कि कम समय में उन्होने ज़्यदा शतक बनाये हैं जिसे आज के वीरो ने तोड दिया। १९९० में जब इन्ग्ग्लानड में साथ टेस्ट खेले थे तब उन्होने सिर्फ ८७ ग्गेन्दो में शताक बनया और यह एक उत्तम इन्निङ्स थी पर वह खेल वह हार गये। एडेन गर्डन जो की कोल्कत्ता में है अज़र के लिये एक पसन्दिदा मैदान है, जह उन्होने सात टेस्ट में ५ शतक बनये थे।
 इस पूर्व भारतीय कप्तान की महानता की दास्तान तभी शुरु हो चुकी थी जब अपने पहले तीन टेस्ट मैचों में तीन शतक के साथ वह अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर उभरे थे. अजहर ने 1985 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में एंट्री मारी थी. 1990 में उन्हें भारतीय टीम की कप्तानी सौंप दी गई. तीन विश्व कप में भारत का नेतृत्व करने वाले और एक दौर में टीम को 90 जीत दिलाने वाले, वह सबसे सफल भारतीय वनडे कप्तान कहलाते थे. लेकिन 5 दिसंबर 2000 की तारीख ने, अजहर के लिए सब कुछ बदल दिया.

        अजहर को क्रिकेट की दुनिया में बेहतरीन बल्‍लेबाज के रूप में जाना जाता है. उन्‍होंने अपनी बल्‍लेबाजी के दम पर टीम इंडिया को कई मैच में जीत का तौहफा दिया. अजहर ने 99 टेस्‍ट मैच और 334 वनडे मैच खेले हैं. टेस्‍ट मैच में अजहर ने 22 शतक और 21 अर्धशतक के साथ 6,216 रन बनाये हैं, वहीं 334 वनडे में उन्‍होंने 7 शतक और 58 अर्धशतक के साथ 9,378 रन बनाये. मोहम्‍मद अजहरुद्दीन को दुनिया के सबसे बेहतरीन फिल्‍डरों में गिना जाता है. मैदान में अजहरुद्दीन की चपलता देखते ही बनती थी. उनके हाथ में गेंद इस तरह से आती थी मानों उनके हाथ में चुंबक हो. अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट में अजहर ने टेस्‍ट मैच में 105 और वनडे में 156 कैच लपके.

 अजहरुद्दीन का पारिवारिक जीवन

        अजहर ने दो-दो शदियां की हैं. उनकी पहली शादी नौरीन से हुई और दूसरी शादी फेमस मॉडल और बॉलीवुड अभिनेत्री संगीता बिजलानी से हुई. पहली पत्नी से अजहर के दो बेटे हुए. एक का नाम असद और दूसरे का नाम अयाज था. अजहर और उनकी पहली पत्नी नौरीन के बीच शादी के नौ साल बाद तलाक हुआ. तलाक के बाद अजहर ने 1996 में संगीता बिजलानी से शादी की. हालांकि 14 साल के बाद दोनों ने अपनी इच्‍छा से तलाक ले लिया. अजहर की तीसरी शादी की खबरें भी मीडिया में आयी थी. लेकिन अजहर ने इसका खंडन कर दिया था.

        अजहर की जिन्दगी पर फिल्म – उनके जीवन की कहानी इतनी interesting है और साथ ही  यह दिखाने के लिए कि क्रिकेट की असल दुनिया में क्या होता है और एक खिलाडी के सामने किस तरह की चुनौतियां होती है जब वो सफलता के अपने मुकाम पर होता है एक फिल्म “ अजहर “ है जिसमे लारा दत्ता , इमरान हाशमी और प्राची देसाई मुख्य भूमिका में है | अगर आप अजहर भाई की जिन्दगी के बारे में कुछ और जानना चाहते है details से जिन्हें यंहा बता पाना संभव नहीं है तो वो फिल्म देख सकते है |

        क्रिकेट सूत्रो की माने तो अजहर भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान रह चुके है और यह भी बता दें कि अजहर ने कप्तानी में कुल 47 टेस्ट मैच खेले जिसमे से उन्होंने 14 जीते और 14 में हार मिली थी | वो टेस्ट मैच और वन डे मैच में 1990 से 1999 तक कप्तान रहे है |  वन्ही अगर वन डे मैच की बात करें तो मोहम्मद की कप्तानी ने टीम india ने कुल 174 मैच खेले है जिसमे से 90 जीते है और 76 में हार मिली है | यह एक रिकॉर्ड था.अपने देश के लिए क्रिकेट खेलना किसी भी क्रिकेटर का सपना होता है,लेकिन जब आपका ये सपना पूरा हो जाता है आपसे पूरे देश को आशा हो जाती है। ज्यादातर क्रिकेटर ऐसे मौके पर खुद का सेफसाइड लेकर चलते हैं। लेकिन अजहर ने धमाकेदार पदार्पण किया। अजहर अपने पदार्पण को याद करते हैं,"मुझे नहीं पता था कि मैं उस मैच में खेलने वाला हूँ क्योंकि सुनील गावस्कर उस वक्त टीम के कप्तान थे और वह खुद नम्बर पांच पर बल्लेबाज़ी जाना चाहते थे।लेकिन चयनकर्ता चंदू बोर्ड ने कहा कि मैं इस मैच में खेल रहा हूँ तो मैं थोड़ा नर्वस होगा था।" साल 1984 में अजहर ने इंग्लैंड के खिलाफ 110 रन बनाकर अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। साथ ही वह यहीं नहीं रुके उन्होंने अगले मैच फिर 105 रन की शतकीय पारी खेली। अजहर ने इस सीरीज के तीसरे टेस्ट में कानपुर में हुए मैच में भी 112 रन ठोके और टीम इंडिया में इतना बेहतरीन पदार्पण अभी तक शायद ही किसी ने किया है।अपने पहले टेस्ट से ही लगातार 3 शतक मारकर उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुवात की थी. भारतीय क्रिकेट टीम के वे मिडिल आर्डर बल्लेबाज थे, पहले 3 टेस्ट में लगातार 3 शतक मारकर जल्द ही अजहरुद्दीन ने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति हासिल कर ली. एक क्रिकेटर के रूप में वे अपनी बैटिंग स्टाइल के लिये जाने जाते थे. एक प्रसिद्ध क्रिकेट राइटर जॉन वुडकॉक ने अपने लेखो में उनकी काफी तारीफ भी की थी और साथ ही यह भी कहा था की इससे बेहतरीन क्रिकेट डेब्यू उन्होंने कभी नही देखा।उस समय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सिर्फ और सिर्फ मोहम्मद अजहरुद्दीन की ही चर्चा हो रही थी. अपने करियर के अंतिम दिनों में अजहरुद्दीन मैच फिक्सिंग के आरोप में दोषी पाये गये और दोषी पाये जाने की वजह से उन्हें बैन भी किया गया था. साउथ अफ्रीकन कप्तान हंसी क्रोंजे ने उनपर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया था, तभी भारतीय सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन ने अपनी रिपोर्ट में उन्हें दोषी पाया. तभी 2000 में ICC और BCCI ने अजहरुद्दीन को बैन किया. 2006 में BCCI ने अजहरुद्दीन पर लगे बैन को अकालीन बताया.

        8 नवंबर 2012 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के बैन को इम्पोज़ (Imposed) कर दिया था, बाद में अपने दिल्ली के घर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलवाकर उन्होंने कहा था की “यह केस काफी लंबे समय तक चलने वाला केस था और दर्द से भरा हुआ भी था. हम 11 साल तक कोर्ट में लड़ते रहे. इस दौरान केस में काफी बदलाव भी हुए, और अंत में सच्चाई सामने आई और अब मै खुश हु की कोर्ट ने बैन को लिफ्ट (Lifted) कर दिया है.” 1995 में रिबॉक के जूते पर भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन के हस्ताक्षर का विवाद भी खासा चर्चा में रहा था।

        हालांकि बाद में अजहर ने साफ किया था कि उन्होंने कंपनी से अनुबंध किया था। जूते पर हस्ताक्षर से उनका कोई लेना-देना नहीं है। गाजियाबाद के मनोज प्रभाकर मैच फिक्सिंग केस में मुख्य गवाह थे और उन्होंने इसका खुलासा करने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें डर है कि हो सकता है इस फिल्म में उन्हें नकारात्मक तरीके से पेश किया गया हो। यही वजह है कि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मनोज प्रभाकर ने फिल्म मेकर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कही थी। बता दें कि कुछ समय पहले इन क्रिकेटर्स ने मेकर्स से फिल्म के स्पेशल प्रीव्यू के लिए अनुरोध किया था।
 अजहर के दीवाने थे युवा क्रिकेटर

• अजहर की बल्लेबाजी का जादू 1990 के दशक में हर एक क्रिकेट प्रेमियों के सर चढ़कर बोला था। शानदार बल्लेबाजी के कारण लोग अजहर  को “कलाई के जादूगर” के नाम से जानने लगे थे।
• मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 1990 से 1999 तक भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी करी थी।
• अजहर की कप्तानी में भारत ने 47 टेस्ट मैच खेले जिसमें भारत को 14 मैचों में जीत और 14 मैचों में हार का सामना करना पड़ा तो वहीं वनडे में अजहर ने 174 मैचों में कप्तानी की है और 90 मैचों में जीत औऱ 76 मैचों में हार का सामना करना पड़ा ।
• मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 99 टेस्ट मैच खेलकर 6,216 रन बनाए जिसमें 22 शतक और 21 अर्धशतक शामिल है। वनडे क्रिकेट में अजहर ने 334 मैच खेलकर 9,378 रन जमाए । वनडे क्रिकेट में अजहर ने 7 शतक और 58 अर्धशतक जमाए।
• क्रिकेट के मैदान पर अजहरुद्दीन का आगाज शानदार था। साल 1984 में मोहम्‍मद अजहरुद्दीन ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। अजहर ने लगातार 3 टेस्ट मैचों की पहली पारी में 3 शतक जमाकर इतिहास लिख दिया था।
• मोहम्मद अजहरुद्दीन भारत के सबसे बेहतरीन फील्डरों में से एक थे। अजहरुद्दीन ने टेस्ट क्रिकेट के अपने करियर में 105 कैच लपके तो वहीं वनडे में 156 कैच लपक कर कमाल कर दिया था।
• श्रीलंका के खिलाफ 199 रन अजहर का टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक स्कोर है।
• मोहम्मद अजहरुद्दीन ने हैदराबाद के निजाम कॉलेज से कॉमेर्स में बैचलर की डिग्री ली थी।
• अजहरुद्दीन ने अपने आखरी टेस्ट मैच में भी शतक जमाया था। अजहर ने अपने पूरे करियर में कुल 99 टेस्ट मैच खेले।
• साल 2009 में अजहर ने अपना राजनीति करियर कांग्रेस पार्टी के साथ शुरु किया औऱ मुरादाबाद से सांसद बने थे।
• अजहर को साल 1991 में विजडन क्रिकेटर ऑफ द इयर के खिताब से नवाजा गया तो वहीं साल 1986 में अर्जुन अवार्ड के अलावा साल 1988 में पद्म श्री के खिताब से नवाजा गया था।

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